किन्नौर: जिला के जनजातीय सलाहकार परिषद के सदस्य शांता नेगी ने बाहरी राज्यों से वापिस आने वाले लोगों की सहायता के लिए नियुक्त नोडल अधिकारी पर लापवाही के आरोप लगाए हैं. नेगी का आरोप है कि छत्तीसगढ़ से लौटी किन्नौर की दो छात्राओं की अनदेखी करने पर उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा. उन्होंने सरकार से छत्तीसगढ़ से लौट रहे लोगों के लिए तैनात नोडल अधिकारी पर कार्रवाई की मांग की है.
जनजातीय सलाहकार परिषद किन्नौर के सदस्य शांता नेगी ने कहा कि इन दिनों बाहरी राज्यों में फंसे बच्चे अपने घर वापिस आ रहे हैं. ऐसे में प्रदेश सरकार ने हर क्षेत्र के लिए नोडल अधिकारियों को तैनात किया है. प्रदेश सरकार की ओर से तैनात नोडल अधिकारी की जिम्मेवारी पर बाहरी राज्यों में फंसे लोग हिमाचल लाये जा रहे हैं. नोडल अधिकारी ने किन्नौर के कुछ अभिभावकों का फोन कॉल नहीं उठाया, जिसके चलते किन्नौर की दो छात्राओं को हिमाचल के ऊना में भटकने पर मजबूर होना पड़ा.
नेगी ने बताया कि छतीसगढ़ से हिमाचल के अन्य बच्चों के साथ किन्नौर की छात्राओं को भी प्रदेश सरकार के निर्देशों के अनुसार हिमाचल लाया गया था. ये दोनों छात्राएं छतीसगढ़ के रायपुर एम्स में बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई करती हैं. नोडल अधिकारी ने बीते सोमवार को इन्हें छतीसगढ़ से हिमाचल के लिए भेजा, लेकिन छात्राओं को ऊना में लाकर छोड़ दिया. ऐसे में छात्राओं को ऊना में भटकने को मजबूर होना पड़ा.
छात्राओं के अभिभावकों और शांता नेगी ने नोडल अधिकारी से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन नोडल अधिकारी ने पूरा दिन फोन नहीं उठाया. अभिभावकों व शांता नेगी ने जैसे-तैसे कर बच्चों को ऊना के स्थानीय निवासियों की सहायता से किन्नौर पहुंचाया. नोडल अधिकारी की लापरवाही के चलते परिजनों और छात्राओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा. गौर रहे कि यह दोनों छात्राएं रायपुर के रेड जोन से वापिस आई हैं. शांता नेगी ने प्रदेश सरकार से नोडल अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग रखी है. वहीं दोनों छात्राएं संस्थागत क्वारंटाइन के लिए उरणी पहुंच चुकी हैं.