कुल्लू: हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध साहित्यकार और भाषा एवं संस्कृति विभाग के पूर्व उपनिदेशक मौलू राम ठाकुर के निधन पर भाषा एवं संस्कृति विभाग ने शनिवार को देव सदन में एक शोक सभा का आयोजन किया. इस दौरान उन्होंने हिमाचल प्रदेश के साहित्य, कला और संस्कृति के लिए मौलू राम ठाकुर के योगदान का स्मरण किया.
इस शोक सभा में कुल्लू के साहित्यकारों, कवियों, वरिष्ठ नागरिकों और अन्य गणमान्य लोगों ने 91 वर्षीय मौलू राम ठाकुर के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया. साथ ही दिवंगत आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा. उन्होंने हिमाचल प्रदेश के साहित्य, कला और संस्कृति के लिए मौलू राम ठाकुर के निधन को साहित्य, कला-संस्कृति के लिए अपूर्णीय क्षति करार दिया.
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लग घाटी में वर्ष 1928 में जन्में मौलू राम ठाकुर ने हिमाचल की लोक संस्कृति और साहित्य पर कई महत्वपूर्ण पुस्तकें लिखी हैं. जिला भाषा अधिकारी सुनीला ठाकुर ने बताया कि मौलू राम ठाकुर ने भाषा एवं संस्कृति विभाग में कई दशकों तक अपनी सेवाएं प्रदान की और सेवानिवृत्ति के बाद भी साहित्य जगत में कई वर्षों तक सक्रिय रहे. शुक्रवार देर रात मौलू राम ठाकुर ने अंतिम सांस ली. उनके बेटे डॉ. बलदेव ठाकुर पिछले वर्ष ही स्वास्थ्य विभाग के निदेशक पद से सेवानिवृत्त हुए हैं.
वहीं, इस अवसर पर कुल्लू के विधायक सुंदर सिंह ठाकुर ने भी स्व. मौलू राम को श्रद्धांजलि दी और उनके द्वारा साहित्य के क्षेत्र में किये गए कार्यो को याद किया. कवियत्री प्रोमिला ठाकुर ने भी स्व मोलू राम के निधन को अपूरणीय क्षति बताते हुए कहा कि उनसे कई लेखकों को प्रेरणा मिलती थी. उन्होंने कहा कि उनके न रहने से साहित्यिक जगत को अब दिशा देने वाला कोई नहीं रहा.
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