कुल्लू: पहाड़ी पर्यटन स्थलों की वहन क्षमता के आकलन व इससे संबंधित विभिन्न गतिविधियां और स्थानीय पर्यावरण पर इनके प्रभाव के संबंध में एक बैठक का अयोजन किया गया. बैठक जीबी पंत राष्ट्रीय हिमालयन पर्यावरण एवं विकास संस्थान के क्षेत्रीय केंद्र में आयोजित की गई थी. बैठक में क्षेत्रीय केंद्र के वैज्ञानिकों के साथ विभिन्न विभागों के अधिकारियों भाग लिया.
क्षेत्रीय केंद्र के संयोजक इंजीनियर आरके सिंह ने कहा कि पर्यटन स्थलों पर पर्यटन उद्योग के प्रसार के साथ-साथ पर्यावरण संतुलन से संबंधित कई मुद्दे सामने आ रहे हैं. इन पर्यटन स्थलों के लिए एक वृहद, दीर्घकालीन और समग्र नीति की आवश्यकता है.
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संस्थान के वैज्ञानिकों कहा कि पर्यटन उद्योग के प्रसार के कारण पहाड़ी स्थलों में पर्यावरण से संबंधित समस्याएं और विभिन्न वर्गों के हितों का टकराव स्वभाविक है. उन्होंने बताया कि इन स्थानों की वहन क्षमता के आकलन को लेकर संस्थान दिशा-निर्देश तैयार करने पर अध्ययन कर रहा है. इसके लिए विभिन्न विभागों और अन्य हितधारकों से चर्चा की जा रही है.