लाहौल-स्पीति: ऊपरी हिमाचल में भारी बर्फबारी का क्रम जारी है. जिससे निचले क्षेत्रों में शीत लहर के प्रकोप के साथ झमाझम बारिश भी हो रही है. अप्रैल महीने में भारी बर्फबारी होने से जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में जन जीवन प्रभावित हो गया है. सर्दियों में नाममात्र बर्फबारी से लाहौल स्पीति के लोग चिंतित थे. अब भारी बर्फबारी ने उनकी दिक्कत को बढ़ा दिया है.
बर्फबारी से किसानों को नुकसान
जनजातीय जिला में मटर, आइसबर्ग और गोभी की सब्जियों की बिजाई का कार्य शुरू हो गया है. जिन क्षेत्र में सब्जियों की बिजाई हो चुकी है. उन क्षेत्रों के किसानों को नुकसान हुआ है. लाहौल घाटी के ऊंचाई वाले ग्रामीण क्षेत्रों दारचा, योचे, छिका, रारिक, जिस्पा, गेमुर, प्यूकर, कोकसर, सिस्सू, गोंदला, मुलिंग, बरगुल, नैनगाहर, गवाड़ी, चोखंग में एक फीट से डेढ़ फीट के बीच बर्फबारी हुई है.
अप्रैल महीने में भारी बर्फबारी होने से किसानों की चिंता बढ़ी है. अटल टनल के दोनों छोर पर भारी बर्फबारी हो रही है. साउथ पॉर्टल में एक फीट जबकि नोर्थ पोर्टल में डेढ़ फीट हिमपात हुआ है. टनल सैलानियों के लिए बंद हो गई है, जबकि सभी रूटों पर एचआरटीसी की बस सेवा भी प्रभावित हुई है. बर्फबारी से घाटी से सभी रूट बाधित हो गए हैं.
सड़क बहाली में जुटा बीआरओ
बारालाचा, कुंजम, रोहतांग और शिंकुला दर्रे में दो से ढाई फीट हिमपात हो चुका है. 28 मार्च को बहाल करने के बाद लेह मार्ग चौथी बार बर्फबारी से बाधित हुआ है. बीआरओ कुंजम, रोहतांग और शिंकुला दर्रे की बहाली में जुटा हुआ है, लेकिन ताजा बर्फ बारी से सभी दर्रों की बहाली प्रभावित हुई है.
बर्फबारी ने लाहौल स्पीति के किसानों की दिक्कत के साथ साथ बीआरओ की दिक्कत को भी बढ़ा दिया है. वहीं, बीआरओ कमांडर कर्नल उमा शंकर ने बताया कि रोहतांग, बारालाचा, कुंजम कि शिंकुला दर्रों में घाटी में भारी हिमपात हुआ है. उन्होंने बताया कि रोहतांग, कुंजम और शिंकुला दर्रे की बहाली प्रभावित हुई है, जबकि बारालाचा में बर्फबारी से लेह मार्ग फिर बाधित हो गया है.
ये भी पढ़ें: आग की भेंट चढ़ रहे हिमाचल के जंगल, कैबिनेट से हेलिकॉप्टर के लिए अप्रूवल का इंतजार