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KULLU: सड़क सुविधा के अभाव में जिंदगी की जंग, बर्फबारी के बीच 8 KM पीठ पर उठाकर महिला को पहुंचाया अस्पताल

भले ही सरकारें विकास के बड़े बड़े दावे करती हो लेकिन आज भी न जाने कितने ही लोग मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित है. हिमाचल प्रदेश के कुल्लू के दुर्गम गांव मैल के लोग आज भी सड़क सुविधा से वंचित है. जिस कारण उन्हें बहुत परेशानी झेलनी पड़ती है. खासकर जब कोई व्यक्ति बीमार हो तो उसे अस्पताल पहुंचाना बहुत बड़ी चुनौती होता है. (lack of road facilities in kullu) (lack of road facilities in Gada Parli Panchayat)

lack of road facilities in kullu
lack of road facilities in kullu
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Published : Jan 20, 2023, 5:48 PM IST

Updated : Jan 20, 2023, 6:07 PM IST

बर्फबारी के बीच महिला को पीठ पर उठाकर अस्पताल ले जाते लोग

कुल्लू: जिला कुल्लू के कई दुर्गम क्षेत्रों के लोग आज भी नारकीय जीवन जीने को विवश हैं. सड़क सुविधा न होने के कारण जहां लोगों को हर जरूरी सामान पीठ पर ढोकर लाना पड़ता है वहीं, बीमारी की हालत में जीवन और भी कठिन हो जाता है. अधिकतर लोगों की सांस की डोर पैदल चलते ही छूट जाती है. गाड़ा पारली पंचायत के मैल गांव के लोग आजादी के इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी मूलभूत सुविधा के लिए तरस रहे हैं. सड़क सुविधा न होने के कारण इन्हें बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है. जब भी कोई बीमार हो जाता है तो उसे पीठ पर उठाकर या पालकी के सहारे सड़क तक पहुंचाना पड़ता है.

महिला को पीठ पर उठाकर मुख्य मार्ग तक पहुंचाया: इसी तरह गुरुवार रात भी भारी बर्फबारी के बीच गाड़ा पारली पंचायत के मैल गांव की एक महिला बबली देवी के पेट में अचानक बहुत तेज दर्द उठा. ऐसे में महिला के परिवार वाले बेहद परेशान हो गए. बाहर मौसम बहुत खराब था, बर्फबारी हो रही थी. उस समय महिला को अस्पताल पहुंचाना किसी चुनौती से कम नहीं था. क्योंकि यह गांव सड़क सुविधा से वंचित है. ऐसे में मुख्य मार्ग तक 8 किलो मीटर पैदल चलकर ही पहुंचना पड़ता है.

lack of road facilities in kullu
महिला मरीज

ऐसे में बबली देवी के जीवन को बचाने के लिए परिवार के लोगों ने साहस दिखाते हुए उसे पीठ पर उठाकर भारी बर्फबारी के बीच मुख्य सड़क तक पहुंचाया. बर्फ के बीच न तो रास्ता नजर आ रहा था और न मंजिल. फिर भी परिवार के लोगों ने हिम्मत नहीं हारी और बबली देवी को आठ किलोमीटर पीठ पर उठाकर ही सड़क तक पहुंचाया और उसके बाद सड़क मार्ग द्वारा 70 किलोमीटर दूर कुल्लू अस्पताल पहुंचाया. जहां एक निजी अस्पताल में अब बबली देवी उपचाराधीन है.

सरकार बदलती है लेकिन समस्या वैसी ही: बबली के भाई संतोष ने बताया कि जब भी चुनाव आते हैं तो नेता आश्वासन देते हैं कि उनके गांव तक सड़क पहुंचाई जाएगी, लेकिन चुनाव खत्म होते ही उनके दुखदर्द को भूल जाते हैं. उन्होंने बताया कि उनकी पंचायत के एक गांव को भी सड़क सुविधा नहीं है. जिस कारण यहां के लोगों को बहुत परेशानी उठानी पड़ती है. खासकर तब जब कोई बीमार होता है. वहीं, स्थानीय ग्रामीण संतोष कुमार ने बताया कि बीमारी की हालत में मरीजों को कभी कुर्सी पर, कभी चारपाई पर तो कभी पीठ पर उठाकर लाना पड़ता है.

ग्रामीणों ने की सरकार से ये मांग: ग्रामीणों का कहना है कि वह काफी समय से सड़क की मांग कर रहे हैं लेकिन उनकी मांग आज भी वैसी ही है. आजादी के इतने साल बीत जाने के बावजूद भी वह सड़क सुविधा से वंचित है. उन्होंने मांग की है कि उन्हें सड़क सुविधा से जोड़ा जाए ताकि उन्हें समस्याओं का सामना न करना पड़े और वह भी सामान्य जीवन व्यतीत कर सकें.

ये भी पढ़ें: Snowfall in Himachal: बर्फबारी से गुलजार हुई हिमाचल की वादियां, सैलानियों ने किया खूब ENJOY

बर्फबारी के बीच महिला को पीठ पर उठाकर अस्पताल ले जाते लोग

कुल्लू: जिला कुल्लू के कई दुर्गम क्षेत्रों के लोग आज भी नारकीय जीवन जीने को विवश हैं. सड़क सुविधा न होने के कारण जहां लोगों को हर जरूरी सामान पीठ पर ढोकर लाना पड़ता है वहीं, बीमारी की हालत में जीवन और भी कठिन हो जाता है. अधिकतर लोगों की सांस की डोर पैदल चलते ही छूट जाती है. गाड़ा पारली पंचायत के मैल गांव के लोग आजादी के इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी मूलभूत सुविधा के लिए तरस रहे हैं. सड़क सुविधा न होने के कारण इन्हें बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है. जब भी कोई बीमार हो जाता है तो उसे पीठ पर उठाकर या पालकी के सहारे सड़क तक पहुंचाना पड़ता है.

महिला को पीठ पर उठाकर मुख्य मार्ग तक पहुंचाया: इसी तरह गुरुवार रात भी भारी बर्फबारी के बीच गाड़ा पारली पंचायत के मैल गांव की एक महिला बबली देवी के पेट में अचानक बहुत तेज दर्द उठा. ऐसे में महिला के परिवार वाले बेहद परेशान हो गए. बाहर मौसम बहुत खराब था, बर्फबारी हो रही थी. उस समय महिला को अस्पताल पहुंचाना किसी चुनौती से कम नहीं था. क्योंकि यह गांव सड़क सुविधा से वंचित है. ऐसे में मुख्य मार्ग तक 8 किलो मीटर पैदल चलकर ही पहुंचना पड़ता है.

lack of road facilities in kullu
महिला मरीज

ऐसे में बबली देवी के जीवन को बचाने के लिए परिवार के लोगों ने साहस दिखाते हुए उसे पीठ पर उठाकर भारी बर्फबारी के बीच मुख्य सड़क तक पहुंचाया. बर्फ के बीच न तो रास्ता नजर आ रहा था और न मंजिल. फिर भी परिवार के लोगों ने हिम्मत नहीं हारी और बबली देवी को आठ किलोमीटर पीठ पर उठाकर ही सड़क तक पहुंचाया और उसके बाद सड़क मार्ग द्वारा 70 किलोमीटर दूर कुल्लू अस्पताल पहुंचाया. जहां एक निजी अस्पताल में अब बबली देवी उपचाराधीन है.

सरकार बदलती है लेकिन समस्या वैसी ही: बबली के भाई संतोष ने बताया कि जब भी चुनाव आते हैं तो नेता आश्वासन देते हैं कि उनके गांव तक सड़क पहुंचाई जाएगी, लेकिन चुनाव खत्म होते ही उनके दुखदर्द को भूल जाते हैं. उन्होंने बताया कि उनकी पंचायत के एक गांव को भी सड़क सुविधा नहीं है. जिस कारण यहां के लोगों को बहुत परेशानी उठानी पड़ती है. खासकर तब जब कोई बीमार होता है. वहीं, स्थानीय ग्रामीण संतोष कुमार ने बताया कि बीमारी की हालत में मरीजों को कभी कुर्सी पर, कभी चारपाई पर तो कभी पीठ पर उठाकर लाना पड़ता है.

ग्रामीणों ने की सरकार से ये मांग: ग्रामीणों का कहना है कि वह काफी समय से सड़क की मांग कर रहे हैं लेकिन उनकी मांग आज भी वैसी ही है. आजादी के इतने साल बीत जाने के बावजूद भी वह सड़क सुविधा से वंचित है. उन्होंने मांग की है कि उन्हें सड़क सुविधा से जोड़ा जाए ताकि उन्हें समस्याओं का सामना न करना पड़े और वह भी सामान्य जीवन व्यतीत कर सकें.

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Last Updated : Jan 20, 2023, 6:07 PM IST
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