कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार द्वारा बाहरी राज्यों से आने वाले कमर्शियल गाड़ियों पर स्पेशल रोड टैक्स लगाया गया था. जिसे कम करने को लेकर सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर दी है. सरकार ने इसे लेकर 7 दिनों तक टैक्सी ऑपरेटरों से आपत्तियां भी मांगी हैं, ताकि एक बार फिर बाहरी राज्यों की कमर्शियल गाड़ियां पर्यटकों को हिमाचल लेकर आ सकें. वहीं, प्रदेश सरकार द्वारा एसआरटी कम करने के फैसले का कुल्लू जिले के पर्यटन कारोबारियों ने स्वागत किया है. पर्यटन कारोबारियों का कहना है कि बाहरी राज्यों की कमर्शियल गाड़ियों से जितना कम टैक्स लिया जाएगा. उतना ही हिमाचल प्रदेश के पर्यटन कारोबार को फायदा होगा.
SRT में कटौती के बाद की दरें: गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा बाहरी राज्यों की कमर्शियल गाड़ियों पर 1 सितंबर से स्पेशल रोड टैक्स लगाया गया था. जिसके तहत 13 सीटर से लेकर अधिक बड़ी गाड़ियों को हिमाचल आने पर प्रतिदिन ₹3000 से ₹6000 तक का टैक्स देना पड़ रहा था. अब नई अधिसूचना के अनुसार कॉन्ट्रैक्ट कैरिज और ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट वाली गाड़ियों को 13 से 22 सीटर का प्रतिदिन ₹500, 3 दिन के लिए ₹1000 और 1 सप्ताह के लिए ₹2000 टैक्स देना होगा. इसके अलावा 23 से अधिक सीटर गाड़ियों को प्रतिदिन ₹1500, 3 दिन के लिए ₹3000 और एक सप्ताह के लिए ₹6000 टैक्स देना होगा. हालांकि पहले इन गाड़ियों को रोजाना 5200 का टैक्स देना पड़ रहा था.
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कंपनियों ने रद्द की हिमाचल के लिए बुकिंग: बता दें कि जब हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा यह फैसला लिया गया था, तो चंडीगढ़, उत्तराखंड, पंजाब और हरियाणा की टैक्सी यूनियनों ने इसका जमकर विरोध किया था और इस बारे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ भी मुलाकात की थी. वहीं, हिमाचल प्रदेश में स्पेशल रोड टैक्स के चलते टैक्सियों के किराए बढ़ा दिए गए, तो कई कंपनियों ने एसआरटी को देखते हुए हिमाचल की बुकिंग ही रद्द कर दी. जिसका सीधा-सीधा नुकसान हिमाचल प्रदेश के पर्यटन कारोबारी को उठाना पड़ा. ऐसे में हिमाचल के पर्यटन को देखते हुए प्रदेश सरकार के द्वारा नया फैसला लिया गया और अब बाहरी राज्यों से आने वाले कमर्शियल गाड़ियों पर टैक्स की दर को कम कर दिया गया है.
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कुल्लू में कम हुई पर्यटकों की दर: गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में बरसात के सीजन में आई भयंकर तबाही के बाद जिला कुल्लू में पर्यटन कारोबार बिल्कुल ठप हो गया था. आपदा के बाद कुल्लू जिले में पर्यटन कारोबार ने फिर से रफ्तार पकड़ना शुरू की है, लेकिन बावजूद इसके भी इस साल पर्यटकों की संख्या काफी कम है. अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव के दौरान जहां हजारों की संख्या में पर्यटक आते थे और इस दौरान होटलों में भी पर्यटकों की दर 60% से 80% रहती थी, लेकिन इस बार पहले आपदा और हिमाचल में स्पेशल रोड टैक्स लगने के बाद पर्यटकों ने भी हिमाचल प्रदेश से मुंह मोड़ लिया है. इस बार होटलों में पर्यटकों की दर घटकर सिर्फ 20% रह गई है.
50 से घटकर 20% रहा पर्यटन कारोबार: कल्लू के पर्यटन कारोबारी नवनीत सूद ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा स्पेशल रोड टैक्स की दरों को कम करने का फैसला सराहनीय है. इससे हिमाचल प्रदेश में पर्यटन कारोबार में बढ़ावा मिलेगा. नवनीत सूद ने कहा कि कुल्लू जिले में पर्यटन कारोबार 50% से घटकर 20% तक रह गया था और होटल कारोबारी को इसका सबसे अधिक नुकसान उठाना पड़ा. इसके अलावा पर्यटन गतिविधियों से जुड़े हुए युवाओं को भी इससे काफी नुकसान हुआ है. ऐसे में सरकार द्वारा स्पेशल रोड टैक्स की दरों में की गई कटौती प्रदेश के पर्यटन कारोबार के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगी.
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दिवाली पर पर्यटकों के आने की उम्मीद: जिला कुल्लू में ट्रैवल एजेंसी से जुड़े अभिनव वशिष्ट ने कहा कि प्रदेश सरकार ने एसआरटी को लेकर जो फैसला लिया है. उस पर जल्द अंतिम निर्णय लेकर उसे लागू करना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को चाहिए की जितना हो सके उतना सरकार को बाहरी राज्यों से आने वाली गाड़ियों के ऊपर टैक्स को काम करना चाहिए. अभिनव ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा एसआरटी लगाने के बाद कुल्लू जिले में पर्यटकों की आमद बिल्कुल कम हो गई. बड़ी-बड़ी कंपनियों द्वारा हिमाचल आने वाले पर्यटकों की बुकिंग भी कैंसिल कर दी. अब सरकार द्वारा स्पेशल रोड टैक्स में की गई कटौती से उन्हें उम्मीद है कि दिवाली के त्योहार पर ज्यादा से ज्यादा पर्यटक कुल्लू-मनाली का रुख करें. जिससे पर्यटन कारोबारियों को फायदा होगा.
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टैक्स में कटौती से कुल्लू-मनाली पहुंचेगी बड़ी गाड़ियां! वहीं, होटल कारोबारी राजीव किमटा ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा एसआरटी में कटौती का जो यह निर्णय लिया गया है, वह सराहनीय है. प्राकृतिक आपदा के बाद जिला कुल्लू में पर्यटन कारोबार पहले ही मंदा चल रहा है. ऐसे में सरकार द्वारा टैक्स में कटौती से बाहरी राज्यों से पर्यटक बड़ी गाड़ियों में भी कुल्लू मनाली का रुख करेंगे. जिससे कुल्लू के पर्यटन कारोबार को भी अब गति मिलेगी.
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