कुल्लू: जिला कुल्लू के पिरडी में रिवर राफ्टिंग सेंटर में युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए और नदी में बचाव कार्यों के लिए 14 दिवसीय बेसिक रिवर राफ्टिंग ट्रेनिंग दी जा रही है. इस ट्रेनिंग में हिमाचल प्रदेश के 5 जिलों से 65 युवा भाग ले रहे हैं. राज्य सरकार के हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम के जरिए युवाओं को रिवर राफ्टिंग की ट्रेनिंग दी जा रही है, ताकि रिवर राफ्टिंग के जरिए युवा स्वरोजगार की ओर बढ़ सकें.
2 साल में 350 युवाओं को ट्रेनिंग: कुल्लू जिले के पिरडी में ब्यास नदी की ठंडी धारा में युवक और युवतियां रिवर राफ्टिंग के गुर सीख रहे हैं. इसके तहत किस तरह से नदी में बचाव कार्यों में वह अपनी भूमिका निभा सकते हैं, उसके बारे में भी अटल बिहारी पर्वतारोहण संस्थान के ट्रेनर द्वारा उन्हें सिखाया जा रहा है. हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम द्वारा बीते 2 साल से इस तरह की ट्रेनिंग आयोजित की जा रही है. हिमाचल में 2 साल में 350 युवाओं को बेसिक रिवर राफ्टिंग की ट्रेनिंग दी गई है.
सिर्फ पिरडी में रिवर राफ्टिंग की ट्रेनिंग: गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में सिर्फ कुल्लू जिले के पिरडी में ही रिवर राफ्टिंग की ट्रेनिंग दी जाती है. हिमाचल प्रदेश में ब्यास नदी में रिवर राफ्टिंग संबंधि एक्टिविटी करवाई जाती हैं, जिसमें देश-विदेश से आए पर्यटक राफ्टिंग का मजा लेते हैं. पर्यटन विभाग द्वारा यहां पर बबेली, बाशिंग, रामशिला, पिरडी, भुंतर और झिड़ी में रिवर राफ्टिंग पॉइंट चिन्हित किए गए हैं. जिला कुल्लू में रिवर राफ्टिंग के कारोबार से करीब 5 हजार से ज्यादा युवा जुड़े हुए हैं. ऐसे में इस तरह की ट्रेनिंग हासिल कर युवा ब्यास नदी में कई बार चलाए गए रेस्क्यू ऑपरेशन में अपनी अहम भूमिका निभाते हैं.
ये संस्था देती है एडवेंचर टूरिज्म ट्रेनिंग: जिला कुल्लू के पर्यटन नगरी मनाली में स्थित अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान में युवाओं को एडवेंचर टूरिज्म की ट्रेनिंग दी जाती है. जिसमें रिवर राफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग, ट्रैकिंग, स्कीइंग समेत अन्य कई एक्टिविटी शामिल हैं. रिवर राफ्टिंग की ट्रेनिंग भी इसी संस्थान में कार्य कर रहे हैं ट्रेनरों द्वारा दी जाती है. हर साल देश के विभिन्न राज्यों से राफ्टिंग, स्कीइंग समेत ट्रेकिंग की ट्रेनिंग लेने के लिए युवा कुल्लू जिले में पहुंचते हैं. यहां पर युवाओं को 15 दिन से लेकर 3 महीने तक विभिन्न प्रकार की एडवेंचर एक्टिविटी की ट्रेनिंग दी जाती है.
यह प्रशिक्षण 14 दिनों तक दिया जाएगा और इसमें कुल्लू मंडी, शिमला, किन्नौर, बिलासपुर के युवा भाग ले रहे हैं. 65 युवाओं को 14 दिन तक स्विमिंग, कयाकिंग, कैनोइंग, रिवर राफ्टिंग की ट्रेनिंग दी जाएगी. यह सभी प्रतिभागी आने वाले समय में रिवर राफ्टिंग के माध्यम से अपना रोजगार चला सकते हैं और रिवर राफ्टिंग से संबंधित रेस्क्यू में भी अपनी अहम भूमिका निभा सकते हैं. - गिमनर सिंह, प्रभारी, रिवर राफ्टिंग सेंटर पिरडी
ट्रेनिंग से स्वरोजगार तक: हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम जिला कुल्लू के कोऑर्डिनेटर सुनील कुमार ने बताया कि रोजगार और स्वरोजगार की दृष्टि से यह बेसिक रिवर राफ्टिंग का दूसरा कोर्स चलाया जा रहा है. इससे पहले 55 युवाओं को भी इस साल रिवर राफ्टिंग का कोर्स करवाया गया है और अब 65 युवा इस ट्रेनिंग कैंप में भाग ले रहे हैं. उन्होंने बताया कि जिला कुल्लू में रिवर राफ्टिंग से हजारों युवा जुड़े हुए हैं. ऐसे में प्रदेश सरकार की ये कोशिश है कि इस ट्रेनिंग के बाद युवा अपने लिए स्वरोजगार की राह अपना सकें और अन्य युवाओं को भी अपने साथ जोड़कर उन्हें भी आर्थिक रूप से मजबूत कर सके.
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