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Kullu HRTC Accident Investigation: त्रेहन बस हादसे की अब SDM कुल्लू करेंगे जांच, बिना रूट परमिट के भेजी जा रही थी बस

कुल्लू जिले के त्रेहन में 14 जून को हुए एचआरटीसी बस हादसे की अब एसडीएम कुल्लू द्वारा जांच की जाएगी. बस को बिना परमिट के रूट पर भेजा जा रहा था. इस हादसे में 2 लोगों की मौत हुई थी तो वहीं, 5 लोग घायल हुए थे. हादसे के कारणों और बिना परमिट के बस को रूट पर भेजने के कारणों की अब मजिस्ट्रेट जांच की जाएगी. (Kullu HRTC Accident Investigation) (HRTC Accident Magisterial Inquiry in Kullu)

Kullu HRTC Accident Magisterial Inquiry.
कुल्लू एचआरटीसी हादसे की होगी मजिस्ट्रियल जांच.
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Published : Jun 16, 2023, 4:28 PM IST

कुल्लू: जिला कुल्लू के नरोगी के त्रेहन में 14 जून को हुए एचआरटीसी बस हादसे की अब मजिस्ट्रेट जांच की जाएगी. डीसी कुल्लू आशुतोष गर्ग के द्वारा इस जांच का जिम्मा एसडीएम कुल्लू को सौंपा गया है. वहीं, अब इस मामले की जांच 15 दिन के भीतर पूरी की जाएगी. हादसे की प्रारंभिक जांच में यह पता चला है कि इस रूट पर जो बस भेजी गई थी, उसका अभी तक परमिट भी जारी नहीं किया गया था. ऐसे में इस हादसे में 2 लोगों की मौत हुई जबकि 5 लोग घायल हुए हैं. इस बस को चले हुए महज 18 से 20 दिन ही हुए थे.

HRTC बस हादसे की होगी जांच: एसडीएम कुल्लू विकास शुक्ला की अध्यक्षता में अब इस बात की जांच की जाएगी कि आखिर क्यों इस रूट पर बस को भेजा जा रहा था. जबकि इसका परमिट अभी तक जारी नहीं किया गया था. इससे पहले भी सैंज घाटी के शेंशर के जंगला में निजी बस हादसे का शिकार हुई थी और इस हादसे में भी 13 लोगों की मौत हुई थी. वहीं, नरोगी सड़क के किनारे पैराफिट ना होना भी इस हादसे का कारण माना जा रहा है. बीते दिनों स्थानीय निवासियों ने भी इस बारे में डीसी कुल्लू को एक पत्र सौंपा और मांग रखी थी कि सड़क की हालत काफी खराब है और यहां पर पैराफिट लगाए जाने चाहिए. इसके अलावा इस रूट पर जो बस पहले भेजी जाती रही है, वह खटारा थी और कई बार बस रूट पर खराब हो चुकी है.

बिना परमिट रूट पर भेजी बस: वहीं, जांच में यह बात सामने आई है कि इस निगम की बस की फिटनेस 31 मार्च 2024 तक की और इस बस की पासिंग को भी 9 महीने बाकी थे. इस रूट पर पहले 37 सीटर बस को भेजा जाता था, लेकिन उसके बाद यहां पर बड़ी बस को भेजा जाने लगा. हालांकि ग्रामीणों के द्वारा यहां पर छोटी बस को भेजने की भी मांग रखी गई थी. ऐसे में बिना रूट परमिट के यह बस क्यों भेजी गई. अब इस मामले की जांच की जाएगी.

'पब्किल डिमांड पर चलाई बस': वहीं, आरटीओ कुल्लू प्रकाश आजाद का कहना है कि इस रूट पर चल रही बस की फिटनेस साल 2024 तक है, लेकिन इस रूट पर बस चलाने के लिए परमिट नहीं लिया गया है. इस रूट पर बस कब से चल रही है इस बात की जानकारी निगम के अधिकारियों को होगी. दूसरी ओर निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक डीके नारंग का कहना है कि बस को पब्लिक डिमांड पर चलाया जा रहा था और रूट परमिट को लेकर भी निदेशालय स्तर पर सॉफ्टवेयर का इशू है. जिस कारण बसों के रूट परमिट जारी नहीं हो पा रहे हैं. ऐसे में बस चलाने के लिए सरकार की एक नोटिफिकेशन और पब्लिक डिमांड पर यह कार्रवाई की गई है.

ये भी पढ़ें: HRTC Accident Kullu: खाई में गिरी एचआरटीसी की बस, 2 की मौत, 6 घायल

कुल्लू: जिला कुल्लू के नरोगी के त्रेहन में 14 जून को हुए एचआरटीसी बस हादसे की अब मजिस्ट्रेट जांच की जाएगी. डीसी कुल्लू आशुतोष गर्ग के द्वारा इस जांच का जिम्मा एसडीएम कुल्लू को सौंपा गया है. वहीं, अब इस मामले की जांच 15 दिन के भीतर पूरी की जाएगी. हादसे की प्रारंभिक जांच में यह पता चला है कि इस रूट पर जो बस भेजी गई थी, उसका अभी तक परमिट भी जारी नहीं किया गया था. ऐसे में इस हादसे में 2 लोगों की मौत हुई जबकि 5 लोग घायल हुए हैं. इस बस को चले हुए महज 18 से 20 दिन ही हुए थे.

HRTC बस हादसे की होगी जांच: एसडीएम कुल्लू विकास शुक्ला की अध्यक्षता में अब इस बात की जांच की जाएगी कि आखिर क्यों इस रूट पर बस को भेजा जा रहा था. जबकि इसका परमिट अभी तक जारी नहीं किया गया था. इससे पहले भी सैंज घाटी के शेंशर के जंगला में निजी बस हादसे का शिकार हुई थी और इस हादसे में भी 13 लोगों की मौत हुई थी. वहीं, नरोगी सड़क के किनारे पैराफिट ना होना भी इस हादसे का कारण माना जा रहा है. बीते दिनों स्थानीय निवासियों ने भी इस बारे में डीसी कुल्लू को एक पत्र सौंपा और मांग रखी थी कि सड़क की हालत काफी खराब है और यहां पर पैराफिट लगाए जाने चाहिए. इसके अलावा इस रूट पर जो बस पहले भेजी जाती रही है, वह खटारा थी और कई बार बस रूट पर खराब हो चुकी है.

बिना परमिट रूट पर भेजी बस: वहीं, जांच में यह बात सामने आई है कि इस निगम की बस की फिटनेस 31 मार्च 2024 तक की और इस बस की पासिंग को भी 9 महीने बाकी थे. इस रूट पर पहले 37 सीटर बस को भेजा जाता था, लेकिन उसके बाद यहां पर बड़ी बस को भेजा जाने लगा. हालांकि ग्रामीणों के द्वारा यहां पर छोटी बस को भेजने की भी मांग रखी गई थी. ऐसे में बिना रूट परमिट के यह बस क्यों भेजी गई. अब इस मामले की जांच की जाएगी.

'पब्किल डिमांड पर चलाई बस': वहीं, आरटीओ कुल्लू प्रकाश आजाद का कहना है कि इस रूट पर चल रही बस की फिटनेस साल 2024 तक है, लेकिन इस रूट पर बस चलाने के लिए परमिट नहीं लिया गया है. इस रूट पर बस कब से चल रही है इस बात की जानकारी निगम के अधिकारियों को होगी. दूसरी ओर निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक डीके नारंग का कहना है कि बस को पब्लिक डिमांड पर चलाया जा रहा था और रूट परमिट को लेकर भी निदेशालय स्तर पर सॉफ्टवेयर का इशू है. जिस कारण बसों के रूट परमिट जारी नहीं हो पा रहे हैं. ऐसे में बस चलाने के लिए सरकार की एक नोटिफिकेशन और पब्लिक डिमांड पर यह कार्रवाई की गई है.

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