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बाहरी राज्यों से लौटे व्यक्तियों का होम क्वारंटाइन अनिवार्य: डॉ. ऋचा वर्मा - कोरोना वायरस

डीसी कुल्लू डॉ. ऋचा वर्मा ने कहा कि जिला में बाहरी राज्यों से लौट रहे प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम 14 दिनों तक होम क्वारंटाइन में रहना होगा. किसी भी स्तर पर इसका उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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Published : Apr 30, 2020, 11:18 AM IST

कुल्लू: कोरोना वायरस से बचाव को लेकर 3 मई तक प्रदेश में कर्फ्यू लगा है. ऐसे में प्रशासन हर आने-जाने वालों पर पैनी नजर रख रही है. डीसी कुल्लू डॉ. ऋचा वर्मा ने कहा कि जिला में बाहरी राज्यों से लौट रहे प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम 14 दिनों तक होम क्वारंटाइन में रहना होगा. किसी भी स्तर पर इसका उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

इसके अलावा बाहरी राज्यों से आने वाले किसी व्यक्ति का स्वास्थ्य अगर खराब है और किसी प्रकार के लक्षण पाए जाते हैं, तो उस व्यक्ति को संस्थागत कवारंटाइन में रखा जाएगा. उपायुक्त ने कहा कि कवारंटाइन के दौरान व्यक्ति अपने घर में सभी सावधानियां बरतेगा जो संस्थागत क्वारंटाइन के दौरान अनिवार्य है.

डीसी ने कहा कि ऐसा करना इसलिए आवश्यक है ताकि व्यक्ति स्वयं भी सुरक्षित रह सके, उसके पारिवारिक सदस्य भी सुरक्षित रहें. व्यक्ति को घर में अलग कमरे में रखा जाए. अलग से वह वॉश रूम का प्रयोग करें और मॉस्क का उपयोग और सोशल डिस्टेंसिग सहित सभी सावधानियां बरतें, जिनसे घर का एक भी सदस्य परोक्ष तौर पर उसके सम्पर्क में न आ सके.

वीडियो.

घर में पानी, बर्तन, तौलिया और सार्वजनिक उपयोग की अन्य वस्तुओं को भी न छुएं. व्यक्ति को निजी स्वच्छता का पूरा ख्याल रखना होगा. उन्होंने कहा कि होम क्वारंटाइन के दौरान व्यक्ति को परिवार के अन्य सदस्यों से भी मेलजोल से बचना है. परिवार के प्रत्येक सदस्य को भी इस बावत अपनी जिम्मेवारी समझनी होगी ताकि संक्रमण फैलने जैसे खतरे से बचा जा सके.

डॉ. ऋचा वर्मा ने कहा कि कोरोना वायरस के लक्षणों का पता व्यक्ति में 14 दिन या इसके उपरांत ही लगता है और तब तक व्यक्ति अपने परिजनों सहित अनेक अन्य लोगों को भी संक्रमित कर चुका होता है. उन्होंने कहा कि बाहरी राज्यों से आने वाले किसी भी व्यक्ति को अपनी पहचान को छिपाना और क्वारंटाइन से बचने के उपाए निकलना दोनों की स्थितियों में आपदा प्रबंधन नियमों के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

उपायुक्त ने सभी शहरी निकायों और पंचायती राज संस्थानों से आग्रह किया है कि बाहरी प्रदेशों से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति का रिकॉर्ड रखें, इसकी रिपोर्ट जिला प्रशासन को उपलब्ध करवाएं ताकि होम क्वारंटाइन को लेकर प्रभावी ढंग से व्यक्ति की निगरानी की जा सके. इसके लिए स्थानीय जन प्रतिनिधियों, आंगनवाड़ी व आशा कार्यकर्ताओं और स्वास्थ्य कर्मियों सहित प्रशासन के अधिकारियों व कर्मचारियों का सहयोग लिया जा रहा है.

डॉ. ऋचा वर्मा ने कहा कि बाहरी राज्यों से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना जरूरी बनाया गया है. इसके अलावा, व्यक्ति को सरकार के दिशा-निर्देशों का भी पालन करना होगा. क्वारंटाइन में व्यक्ति को अगर आवश्यकता होगी तो स्वास्थ्य विभाग उसकी जांच भी करेगा.

उपायुक्त ने बताया कि जिला में गत 10 अप्रैल से अभी तक बाहरी राज्यों से कुल 418 लोग आएं हैं, जिनमें से 71 लोगों ने 14 दिन का क्वारंटाइन सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है जबकि 347 लोग अभी क्वारंटाइन में चल रहे हैं. उन्होंने कहा कि बाहर से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति का डाटा उपमण्डल स्तर पर और चिकित्सा खण्ड स्तर पर रिकॉर्ड किया जा रहा है.

कुल्लू: कोरोना वायरस से बचाव को लेकर 3 मई तक प्रदेश में कर्फ्यू लगा है. ऐसे में प्रशासन हर आने-जाने वालों पर पैनी नजर रख रही है. डीसी कुल्लू डॉ. ऋचा वर्मा ने कहा कि जिला में बाहरी राज्यों से लौट रहे प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम 14 दिनों तक होम क्वारंटाइन में रहना होगा. किसी भी स्तर पर इसका उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

इसके अलावा बाहरी राज्यों से आने वाले किसी व्यक्ति का स्वास्थ्य अगर खराब है और किसी प्रकार के लक्षण पाए जाते हैं, तो उस व्यक्ति को संस्थागत कवारंटाइन में रखा जाएगा. उपायुक्त ने कहा कि कवारंटाइन के दौरान व्यक्ति अपने घर में सभी सावधानियां बरतेगा जो संस्थागत क्वारंटाइन के दौरान अनिवार्य है.

डीसी ने कहा कि ऐसा करना इसलिए आवश्यक है ताकि व्यक्ति स्वयं भी सुरक्षित रह सके, उसके पारिवारिक सदस्य भी सुरक्षित रहें. व्यक्ति को घर में अलग कमरे में रखा जाए. अलग से वह वॉश रूम का प्रयोग करें और मॉस्क का उपयोग और सोशल डिस्टेंसिग सहित सभी सावधानियां बरतें, जिनसे घर का एक भी सदस्य परोक्ष तौर पर उसके सम्पर्क में न आ सके.

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घर में पानी, बर्तन, तौलिया और सार्वजनिक उपयोग की अन्य वस्तुओं को भी न छुएं. व्यक्ति को निजी स्वच्छता का पूरा ख्याल रखना होगा. उन्होंने कहा कि होम क्वारंटाइन के दौरान व्यक्ति को परिवार के अन्य सदस्यों से भी मेलजोल से बचना है. परिवार के प्रत्येक सदस्य को भी इस बावत अपनी जिम्मेवारी समझनी होगी ताकि संक्रमण फैलने जैसे खतरे से बचा जा सके.

डॉ. ऋचा वर्मा ने कहा कि कोरोना वायरस के लक्षणों का पता व्यक्ति में 14 दिन या इसके उपरांत ही लगता है और तब तक व्यक्ति अपने परिजनों सहित अनेक अन्य लोगों को भी संक्रमित कर चुका होता है. उन्होंने कहा कि बाहरी राज्यों से आने वाले किसी भी व्यक्ति को अपनी पहचान को छिपाना और क्वारंटाइन से बचने के उपाए निकलना दोनों की स्थितियों में आपदा प्रबंधन नियमों के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

उपायुक्त ने सभी शहरी निकायों और पंचायती राज संस्थानों से आग्रह किया है कि बाहरी प्रदेशों से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति का रिकॉर्ड रखें, इसकी रिपोर्ट जिला प्रशासन को उपलब्ध करवाएं ताकि होम क्वारंटाइन को लेकर प्रभावी ढंग से व्यक्ति की निगरानी की जा सके. इसके लिए स्थानीय जन प्रतिनिधियों, आंगनवाड़ी व आशा कार्यकर्ताओं और स्वास्थ्य कर्मियों सहित प्रशासन के अधिकारियों व कर्मचारियों का सहयोग लिया जा रहा है.

डॉ. ऋचा वर्मा ने कहा कि बाहरी राज्यों से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना जरूरी बनाया गया है. इसके अलावा, व्यक्ति को सरकार के दिशा-निर्देशों का भी पालन करना होगा. क्वारंटाइन में व्यक्ति को अगर आवश्यकता होगी तो स्वास्थ्य विभाग उसकी जांच भी करेगा.

उपायुक्त ने बताया कि जिला में गत 10 अप्रैल से अभी तक बाहरी राज्यों से कुल 418 लोग आएं हैं, जिनमें से 71 लोगों ने 14 दिन का क्वारंटाइन सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है जबकि 347 लोग अभी क्वारंटाइन में चल रहे हैं. उन्होंने कहा कि बाहर से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति का डाटा उपमण्डल स्तर पर और चिकित्सा खण्ड स्तर पर रिकॉर्ड किया जा रहा है.

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