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कुल्लू में होली से पूर्व सांस्कृतिक संध्या का आयोजन, कलाकारों ने बांधा समां - कुल्लू में होली से पूर्व सांस्कृतिक संध्या का आयोजन

देवसदन के सभागार में 22 वीं सूत्रधार होली संध्या धूमधाम से मनाई गई. इस अवसर पर सांस्कृतिक संध्या का भी आयोजन किया गया.

holi celebration in kullu
होली के गीतों से सराबोर
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Published : Mar 7, 2020, 2:17 PM IST

कुल्लू: जिला मुख्यालय स्थित देवसदन के सभागार में 22 वीं सूत्रधार होली संध्या धूमधाम से मनाई गई. सूत्रधार के इस आयोजन में प्रचलित पारंपरिक होली गीतों और राम कुमार कपूर रचित होलियों का गायन सूत्रधार कला संगम के कलाकारों ने किया. इस अवसर पर सांस्कृतिक संध्या का भी आयोजन किया गया.

सांस्कृतिक संध्या में स्थानीय कलाकारों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर दर्शकों का खूब मनोरंजन किया. इस कार्यक्रम में रात करीब 11 बजे तक सांस्कृतिक संध्या का आयोजन चलता रहा, जिसमें दो दर्जन कलाकारों ने भाग लेकर अपनी प्रस्तुति दी.

कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथी शामिल हुए चन्दर शर्मा ने कहा कि आज के युग में लोग अपनी पुरानी परंपरा को भूलते जा रहे हैं. ऐसे में सूत्रधार कला संगम अपनी समृद्ध संस्कृति का संरक्षण कर रहा है. सूत्रधार कला संगम होली संध्या के अतिरिक्त सूत्रधार संगीत अकादमी, नृत्य अकादमी के साथ-साथ समाज सेवा तथा कई विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करता रहता है.

वीडियो
सूत्रधार संस्था के अध्यक्ष दिनेश सेन ने बताया कि कुल्लू में भगवान रघुनाथ जी के आगमन के साथ ही यहां पर होली गायन की परंपरा थी, लेकिन परंपरा विलुप्त होने के कगार पर पहुंच गई थी. 22 वर्ष पहले सूत्रधार संस्था ने इसके संरक्षण की बीड़ा उठाया और आज तक होली संध्या कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. बता दें कि होली से 2 दिन पहले ही लोग रंगों से सराबोर हो जाते हैं. वैराग्य समुदाय द्वारा होली गीत गाने की परंपरा को घर-घर जाकर निभाया जा रहा है.

कुल्लू: जिला मुख्यालय स्थित देवसदन के सभागार में 22 वीं सूत्रधार होली संध्या धूमधाम से मनाई गई. सूत्रधार के इस आयोजन में प्रचलित पारंपरिक होली गीतों और राम कुमार कपूर रचित होलियों का गायन सूत्रधार कला संगम के कलाकारों ने किया. इस अवसर पर सांस्कृतिक संध्या का भी आयोजन किया गया.

सांस्कृतिक संध्या में स्थानीय कलाकारों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर दर्शकों का खूब मनोरंजन किया. इस कार्यक्रम में रात करीब 11 बजे तक सांस्कृतिक संध्या का आयोजन चलता रहा, जिसमें दो दर्जन कलाकारों ने भाग लेकर अपनी प्रस्तुति दी.

कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथी शामिल हुए चन्दर शर्मा ने कहा कि आज के युग में लोग अपनी पुरानी परंपरा को भूलते जा रहे हैं. ऐसे में सूत्रधार कला संगम अपनी समृद्ध संस्कृति का संरक्षण कर रहा है. सूत्रधार कला संगम होली संध्या के अतिरिक्त सूत्रधार संगीत अकादमी, नृत्य अकादमी के साथ-साथ समाज सेवा तथा कई विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करता रहता है.

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सूत्रधार संस्था के अध्यक्ष दिनेश सेन ने बताया कि कुल्लू में भगवान रघुनाथ जी के आगमन के साथ ही यहां पर होली गायन की परंपरा थी, लेकिन परंपरा विलुप्त होने के कगार पर पहुंच गई थी. 22 वर्ष पहले सूत्रधार संस्था ने इसके संरक्षण की बीड़ा उठाया और आज तक होली संध्या कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. बता दें कि होली से 2 दिन पहले ही लोग रंगों से सराबोर हो जाते हैं. वैराग्य समुदाय द्वारा होली गीत गाने की परंपरा को घर-घर जाकर निभाया जा रहा है.
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