कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में जुलाई व अगस्त में आई प्राकृतिक आपदा के बाद से अभी तक पर्यटन कारोबार पटरी पर लौट नहीं पाया है. जिसके चलते पूरे प्रदेश में पर्यटन कारोबार को लेकर चिंता बढ़ गई है. हालांकि हिमाचल प्रदेश की ऊंचाई वाले इलाकों में बीते दिनों बर्फबारी भी हुई और अब पर्यटन कारोबारियों को उम्मीद है कि दिसंबर माह में सैलानी बर्फ देखने की चाह में पहाड़ों का रुख करेंगे. ऐसे में अब पर्यटन कारोबारी की उम्मीद आगामी सीजन पर बढ़ गई है और यह सीजन बेहतर हो. इसके लिए अब पर्यटन कारोबारी देवी देवताओं की शरण में भी जा रहे हैं.
जिला कुल्लू की पर्यटन नगरी मनाली की बात करें तो यहां पर भी पर्यटन कारोबारी माता हिडिंबा के दरबार में पहुंचे हैं और माता के दरबार में गुहार लगाई गई है कि आने वाला पर्यटन कारोबार सही चले. जिससे सभी लोगों की रोजी-रोटी भी चलती रहे. वहीं, पर्यटन कारोबारियों के द्वारा मनाली के डूंगरी में माता हिडिंबा के मंदिर में धाम का भी आयोजन किया गया. जिसमें होटल एसोसिएशन मनाली सहित अन्य पर्यटन कारोबार से जुड़ी संस्थाएं शामिल रही.
जुलाई अगस्त माह में आई प्राकृतिक आपदा के चलते जहां सड़कें बुरी तरह से प्रभावित हुई तो वहीं, पर्यटन कारोबार भी अचानक से ठप हो गया. जिस कारण यहां पर कई कर्मचारियों की नौकरी पर भी अब संकट आ गया है. ऐसे में अब पर्यटन कारोबारी माता हिडिंबा के मंदिर में प्रार्थना कर रहे हैं कि क्रिसमस और न्यू ईयर में सैलानियों की संख्या अच्छी रहे, ताकि आने वाले समय में पर्यटन कारोबार में इजाफा हो.
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जिला कुल्लू की अगर बात करें तो पर्यटन नगरी मनाली, मणिकर्ण, तीर्थन, बंजार घाटी में होटल, गेस्ट हाउस और होमस्टे हजारों की संख्या में है. यहां पर ढाई हजार से अधिक होटल, गेस्ट हाउस पर्यटन विभाग के पास रजिस्टर्ड हैं और इनमें 50 हजार से अधिक कर्मचारी काम कर रहे हैं. इसके अलावा टैक्सी, पैराग्लाइडिंग, राफ्टिंग, हॉट बैलून, स्नो स्कूटर सहित अन्य हजारों युवा भी पर्यटन के माध्यम से अपना कारोबार कर रहे हैं.
जिला कुल्लू में अब ऊंची चोटियों पर हो रही बर्फबारी को ध्यान में रखते हुए प्रशासन के द्वारा 3 हजार मीटर से ऊंची चोटियों पर भी ट्रेकिंग पर रोक लगा दी गई है. ऐसे में अब ट्रेकिंग का कारोबार आगामी गर्मियों तक बंद हो जाएगा. इससे भी यहां ट्रेकिंग कारोबार से जुड़े हुए लोगों को काफी बुरा असर होगा. जिला प्रशासन के द्वारा एक अधिसूचना जारी की गई है कि जिसमें यह कहा गया है कि अगर 3000 मीटर से ऊंची चोटियों पर ट्रेकिंग करनी होगी. तो इसके लिए भारतीय पर्वतारोहण पर्वतारोहण फाउंडेशन की मंजूरी लेनी होगी और उसके बाद ही वह इन पहाड़ियों पर ट्रेकिंग कर सकेंगे.
जिला कुल्लू में आई प्राकृतिक आपदा के बाद अब सड़क को भी मनाली तक बेहतर किया गया है और दिल्ली से वोल्वो बसों का संचालन भी मनाली तक हो रहा है, लेकिन उसके बाद भी सैलानियों की संख्या में वृद्धि नहीं हो पा रही है. जिसके चलते यहां पर्यटन कारोबारी भी चिंता में पड़ गए हैं. होटल कारोबार से जुड़े हुए कारोबारी मनु शर्मा, मोहन सिंह, सोनू शर्मा का कहना है कि आपदा के बाद कारोबार में काफी गिरावट आई है और उन्हें अपने होटल में भी स्टाफ काफी काम करना पड़ रहा है. कारोबार चलाने के लिए उन्होंने बैंकों से भी कर्ज लिया है और कारोबार होने के चलते बैंकों की किश्त भरने भी मुश्किल हो गई है. अब अगर क्रिसमस व नए साल का कारोबार अच्छा नहीं चला तो उन्हें अपना कारोबार बंद करने की भी नौबत आ सकती है.
वोल्वो बस के संचालक राकेश सूद, दीपक शर्मा ने बताया कि पहले उनकी वोल्वो बसें दिल्ली से मनाली तक अपनी सेवाएं देती थी. लेकिन अगस्त माह के बाद सैलानियों की संख्या काफी कम हो गई है. जिसके चलते अब उन्होंने अपनी अधिकतर बसों का संचालन दिल्ली से अन्य राज्यों की ओर कर लिया है. ताकि उनका कारोबार बंद न हो. अब दिल्ली से मनाली के लिए काफी कम संख्या में वोल्वो बसें भेजी जा रही है. उम्मीद है कि क्रिसमस पर न्यू ईयर के समय सैलानियों की संख्या में वृद्धि हो, ताकि दिल्ली से अधिक से अधिक वोल्वो बस से मनाली की ओर भेजी जा सके.
गौर रहे कि जब भी पर्यटन व्यवसाय प्रभावित हुआ है तो पर्यटन कारोबारी व स्थानीय लोग माता हिडिंबा की शरण में जाते रहे हैं. इससे पहले जब कोरोना संकट आया था. तो उसे दौरान भी जिला कुल्लू का पर्यटन कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हुआ था और उस दौरान भी पर्यटन कारोबारी ने माता हिडिंबा की शरण ली थी. ऐसे में पांच माह से पर्यटन कारोबार अब फिर से ठप चल रहा है. पर्यटन कारोबारी फिर से माता हिडिंबा के दरबार में पहुंच गए हैं और आने वाले समय में बेहतर पर्यटन कारोबार की भी माता हिडिंबा से प्रार्थना कर रहे हैं.
पर्यटन नगरी मनाली में साल 2022 में यहां पर 3 लाख 25 हजार 788 वाहन मनाली पहुंचे थे और जिला कुल्लू में 35 लाख से अधिक सैलानी ने जिला कुल्लू के विभिन्न पर्यटन स्थलों का रुख किया था. ऐसे में साल 2020 में कोरोना संकट के चलते जिला कुल्लू का पर्यटन कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हुआ था और 2021 में भी काफी कम सैलानी जिला कुल्लू पहुंचे थे. साल 2023 की अगर बात करें तो यहां पर जून माह तक सैलानियों की संख्या काफी अच्छी रही. लेकिन जुलाई व अगस्त माह में प्राकृतिक आपदा के चलते सड़कों को खासा नुकसान हुआ और यहां का पर्यटन कारोबार भी ठप हो गया. ऐसे में अब दिसंबर माह में हिमाचल प्रदेश के विभिन्न पर्यटन स्थलों में पर्यटन सीजन बेहतर होने की उम्मीद जताई जा रही है.
मनाली होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष मुकेश ठाकुर ने बताया कि सभी कारोबारी ने माता हिडिंबा के दरबार में माता टेका है और माता से प्रार्थना की है कि अब पर्यटन कारोबार सही हो जाए. ताकि हजारों लोगों की रोजी-रोटी चलती रहे. जब-जब भी कोई संकट आया है तो यहां पर सभी लोगों ने माता हिडिंबा के समक्ष प्रार्थना की है. जिसे माता ने हर बार स्वीकार भी किया है.