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टीचर फेस्ट के समापन पर मंत्री गोविंद सिंह ने शिक्षकों को किया सम्मानित, बोले- राष्ट्र को दिशा प्रदान करते हैं अध्यापक - fovind thakur on teacher fest

शिक्षक दिवस के मौके पर कुल्लू के ढालपुर मैदान में आयोजित दो दिवसीय टीचर फेस्ट का शुक्रवार को समापन हो गया. इस अवसर पर खेल मंत्री गोविंद ठाकुर ने अध्यापकों को सम्मानित किया. गोविंद सिंह ठाकुर इस मौके पर डॉ. राधाकृष्णन सर्वपल्ली को भी याद किया.

गोविंद ठाकुर, वन मंत्री हिमाचल प्रदेश
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Published : Sep 6, 2019, 2:20 PM IST

कुल्लू: शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य पर ढालपुर मैदान में आयोजित दो दिवसीय टीचर फेस्ट का समापन हो गया. फेस्ट में युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने अध्यापकों को सम्मानित किया. वन मंत्री ने अध्यापकों को संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी देश और समाज में अध्यापक के ऊपर सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है. अध्यापक ही भावी पीढ़ी को तराश कर राष्ट्र और समाज को दिशा प्रदान करता है. इसी वजह से अध्यापक को राष्ट्र-निर्माता कहा जाता है.

इस मौके पर वन मंत्री ने कहा कि आज का अध्यापक ही तय करता है कि हमारा कल कैसा होगा. उन्होंने कहा कि भारत के दूसरे राष्ट्रपति और महान दार्शनिक एवं शिक्षाविद डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिवस शिक्षकों को समर्पित है. यह दिन शिक्षकों के लिए न केवल गौरवमयी दिवस होता है, बल्कि यह उन्हें आत्म विश्लेषण का अवसर भी प्रदान करता है.

वीडियो.

वन मंत्री ने कहा कि बच्चे अपने जीवन में माता-पिता के बाद शिक्षक को ही एक आदर्श के रूप में देखते हैं. इसलिए प्रत्येक शिक्षक को अपने विद्यार्थी के समक्ष एक उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए. उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर में शिक्षकों को भी आत्म अवलोकन करना चाहिए. करोड़ों के मूलभूत ढांचे और बेहतरीन शैक्षणिक योग्यता वाले शिक्षकों के बावजूद सरकारी स्कूलों से बच्चों का बड़े पैमाने पर पलायन चिंताजनक है. ऐसी परिस्थितियों में शिक्षकों की जिम्मेदारी और जवाबदेही और भी बढ़ जाती है.

इससे पहले वन मंत्री ने डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को श्रद्धासुमन अर्पित किए और देश के लिए उनके योगदान का स्मरण किया. शिक्षा उपनिदेशक बलवंत सिंह ठाकुर ने वन मंत्री और अन्य अतिथियों का स्वागत किया. विभिन्न शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए. वन मंत्री ने सराहनीय कार्य करने वाले शिक्षकों और सेवानिवृत शिक्षकों को सम्मानित भी किया.

कुल्लू: शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य पर ढालपुर मैदान में आयोजित दो दिवसीय टीचर फेस्ट का समापन हो गया. फेस्ट में युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने अध्यापकों को सम्मानित किया. वन मंत्री ने अध्यापकों को संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी देश और समाज में अध्यापक के ऊपर सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है. अध्यापक ही भावी पीढ़ी को तराश कर राष्ट्र और समाज को दिशा प्रदान करता है. इसी वजह से अध्यापक को राष्ट्र-निर्माता कहा जाता है.

इस मौके पर वन मंत्री ने कहा कि आज का अध्यापक ही तय करता है कि हमारा कल कैसा होगा. उन्होंने कहा कि भारत के दूसरे राष्ट्रपति और महान दार्शनिक एवं शिक्षाविद डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिवस शिक्षकों को समर्पित है. यह दिन शिक्षकों के लिए न केवल गौरवमयी दिवस होता है, बल्कि यह उन्हें आत्म विश्लेषण का अवसर भी प्रदान करता है.

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वन मंत्री ने कहा कि बच्चे अपने जीवन में माता-पिता के बाद शिक्षक को ही एक आदर्श के रूप में देखते हैं. इसलिए प्रत्येक शिक्षक को अपने विद्यार्थी के समक्ष एक उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए. उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर में शिक्षकों को भी आत्म अवलोकन करना चाहिए. करोड़ों के मूलभूत ढांचे और बेहतरीन शैक्षणिक योग्यता वाले शिक्षकों के बावजूद सरकारी स्कूलों से बच्चों का बड़े पैमाने पर पलायन चिंताजनक है. ऐसी परिस्थितियों में शिक्षकों की जिम्मेदारी और जवाबदेही और भी बढ़ जाती है.

इससे पहले वन मंत्री ने डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को श्रद्धासुमन अर्पित किए और देश के लिए उनके योगदान का स्मरण किया. शिक्षा उपनिदेशक बलवंत सिंह ठाकुर ने वन मंत्री और अन्य अतिथियों का स्वागत किया. विभिन्न शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए. वन मंत्री ने सराहनीय कार्य करने वाले शिक्षकों और सेवानिवृत शिक्षकों को सम्मानित भी किया.

Intro:अध्यापक पर होती है सबसे बड़ी जिम्मेदारी: गोविंद सिंह
शिक्षक दिवस पर वन मंत्री ने शिक्षकों को किया सम्मानितBody:
वन, परिवहन, युवा सेवाएं और खेल मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा है कि किसी भी देश और समाज में अध्यापक के ऊपर सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है। वही भावी पीढ़ी को तराश कर राष्ट्र और समाज को दिशा प्रदान करता है। इसलिए अध्यापक को राष्ट्र-निर्माता कहा जाता है। गोविंद सिंह वीरवार को शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य पर ढालपुर मैदान में आयोजित टीचर फैस्ट के समापन अवसर पर बड़ी संख्या में उपस्थित शिक्षकों, सेवानिवृत्त शिक्षकों और विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे। इस दो दिवसीय टीचर फैस्ट का आयोजन टीचर वेलफेयर एंड टीचर होम कमेटी ने शिक्षा विभाग, विभिन्न शिक्षण संस्थानों और संस्थाओं के सहयोग से किया।
वन मंत्री ने कहा कि आज का अध्यापक ही तय करता है कि हमारा कल कैसा होगा। उन्होंने कहा कि भारत के दूसरे राष्ट्रपति और महान दार्शनिक एवं शिक्षाविद डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिवस शिक्षकों को समर्पित है। यह दिन शिक्षकों के लिए न केवल गौरवमयी दिवस होता है, बल्कि यह उन्हें आत्म विश्लेषण का अवसर भी प्रदान करता है। वन मंत्री ने कहा कि बच्चे अपने जीवन में माता-पिता के बाद शिक्षक को ही एक आदर्श के रूप में देखते हैं। इसलिए प्रत्येक शिक्षक को अपने विद्यार्थी के समक्ष एक उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर में शिक्षकों को भी आत्म अवलोकन करना चाहिए। करोड़ों के मूलभूत ढांचे और बेहतरीन शैक्षणिक योग्यता वाले शिक्षकों के बावजूद सरकारी स्कूलों से बच्चों का बड़े पैमाने पर पलायन चिंताजनक है। ऐसी परिस्थितियों में शिक्षकों की जिम्मेदारी तथा जवाबदेही और भी बढ़ जाती है।
Conclusion:इससे पहले वन मंत्री ने डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को श्रद्धासुमन अर्पित किए और देश के लिए उनके योगदान का स्मरण किया। शिक्षा उपनिदेशक बलवंत सिंह ठाकुर ने वन मंत्री और अन्य अतिथियों का स्वागत किया। विभिन्न शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। वन मंत्री ने सराहनीय कार्य करने वाले शिक्षकों और सेवानिवृत शिक्षकों को सम्मानित भी किया।
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