कुल्लू: जिला कुल्लू के निचले इलाकों में 15 जुलाई से सेब सीजन शुरू हो गया है. हालांकि जिला कुल्लू के बंजार, सैंज, मणिकर्ण, कुल्लू घाटी व ऊझी घाटी में सेब सीजन अगस्त महीने में शुरू होगा, लेकिन कोरोना काल में सेब की तुड़ान व पैकिंग को लेकर बागवानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं.
ऐसे मे पतलीकूहल के माहिली के पास कुल्लू फलोत्पादक मंडल की एक बैठक हुई. इसमें वन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर विशेष रूप से मौजूद रहे. वन मंत्री ने कहा कि सेब सीजन के लिए सरकार नेपाली मजदूरों को प्रदेश में लाने को अनुमति देगी, लेकिन उनको लाने की व्यवस्था बागवानों को स्वयं करनी होगी.
वन मंत्री ने बागवानों को सेब सीजन में आ रही समस्याओं को सुना और फलोत्पादक मंडल को आश्वस्त भी किया कि उन्हें सीजन में किसी तरह की समस्या नहीं होने दी जाएगी. इस दौरान कुल्लू फलोत्पादक मंडल के अध्यक्ष प्रेम शर्मा ने कहा कि सेब सीजन में आने वाली परेशानियों से वन मंत्री को अवगत करवाया गया और उनसे समस्याओं को जल्द दूर करने की मांग की गई है.
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वन मंत्री ने मंडल की मांग पर ब्यास नदी से सटे फलोत्पादक मंडल के भवन की सुरक्षा संबंधी दीवार लगाने के लिए 20 लाख रुपये देने की घोषणा की है. बता दें कि मंडल ने भवन को ब्यास नदी का खतरा बताया था. इस मौके पर कई किसान-बागवान भी मौजूद रहे.
आपको बता दें कि कोरोना वायरस के चलते बागवानों को सेब सीजन में मजदूर न मिलने से भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है. कोविड के चलते प्रदेश में अधिकतर प्रवासी कश्मीरी व नेपाली मजदूर अपने घरों को वापस लौट गए थे, जिस कारण बागवानों को सेब सीजन में मजदूर नहीं मिल रहे है. ऐसे में अब सरकार ने इनकी परेशानी को सुलझाते हुए, मजदूरों को हिमाचल में आने की इजाजत देने का फैसला लिया है.
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