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यहां बनाई गई थी ईको फ्रैंडली गणेश की मूर्ति, ब्यास और पार्वती के संगम में हुआ विसर्जन - कुल्लू शहर गूंज उठा

शोभायात्रा में वाद्य यंत्रों की धुन और भगवान गणेश के जयकारे से पूरा कुल्लू शहर गूंज उठा. प्रशासन के अनुसार शहर की समिति द्वारा हर साल की तरह इस बार भी ईको फ्रैंडली गणेश की मूर्ति को तैयार किया गया.

ganesh uatsav in kullu
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Published : Sep 12, 2019, 11:47 PM IST

कुल्लूः भुंतर में 2 सितंबर से आरंभ हुए गणेश उत्सव का वीरवार को ऋद्धि-सिद्धि के देवता भगवान गजानन की मूर्ति के ब्यास की पवित्र जलधारा में विसर्जन के साथ हुआ. भारी उत्साह के बीच विसर्जन के दौरान भुंतर में शहरवासियों ने अपनी हाजरी भरी और भगवान गणेश को भावनात्मक विदाई दी.

पूजा अर्चना व मन्त्रोच्चारण के साथ पुरोहितों ने विसर्जन की प्रक्रिया को पूरा किया और श्रद्धालुओं ने अगले साल फिर से मिलने के वायदे के साथ भगवान गजानन को भावुक होकर अलविदा कहा. ब्यास और पार्वती के संगम स्थल पर भक्तों की भीड़ से माहौल देर शाम को भक्तिमय बना रहा, तो शोभायात्रा में वाद्य यंत्रों की धुन और भगवान गणेश के जयकारे से पूरा शहर गूंज उठा.

वीडियो

दोपहर बाद विधि विधानों के अनुसार पूजा अर्चना हुई तो इसके बाद गणेश जी की मूर्ति के साथ भक्तों का काफिला निकला और पूरे शहर की परिक्रमा की गई जो मुख्य आकर्षण रही.

आयोजन समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि प्रशासनिक अनुमति और दिशा निर्देशों के अनुसार ही गणपति विसर्जन की प्रक्रिया निभाई गई. पदाधिकारियों के अनुसार समिति द्वारा हर साल की तरह इस बार भी ईको फ्रैंडली गणेश की मूर्ति को तैयार किया गया.

कुल्लूः भुंतर में 2 सितंबर से आरंभ हुए गणेश उत्सव का वीरवार को ऋद्धि-सिद्धि के देवता भगवान गजानन की मूर्ति के ब्यास की पवित्र जलधारा में विसर्जन के साथ हुआ. भारी उत्साह के बीच विसर्जन के दौरान भुंतर में शहरवासियों ने अपनी हाजरी भरी और भगवान गणेश को भावनात्मक विदाई दी.

पूजा अर्चना व मन्त्रोच्चारण के साथ पुरोहितों ने विसर्जन की प्रक्रिया को पूरा किया और श्रद्धालुओं ने अगले साल फिर से मिलने के वायदे के साथ भगवान गजानन को भावुक होकर अलविदा कहा. ब्यास और पार्वती के संगम स्थल पर भक्तों की भीड़ से माहौल देर शाम को भक्तिमय बना रहा, तो शोभायात्रा में वाद्य यंत्रों की धुन और भगवान गणेश के जयकारे से पूरा शहर गूंज उठा.

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दोपहर बाद विधि विधानों के अनुसार पूजा अर्चना हुई तो इसके बाद गणेश जी की मूर्ति के साथ भक्तों का काफिला निकला और पूरे शहर की परिक्रमा की गई जो मुख्य आकर्षण रही.

आयोजन समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि प्रशासनिक अनुमति और दिशा निर्देशों के अनुसार ही गणपति विसर्जन की प्रक्रिया निभाई गई. पदाधिकारियों के अनुसार समिति द्वारा हर साल की तरह इस बार भी ईको फ्रैंडली गणेश की मूर्ति को तैयार किया गया.

Intro:कुल्लू
भुंतर में अगले बरस तू जल्दी आना के साथ विसर्जित हुए भगवान गणेशBody:
गणपति बप्पा मोरया, मंगलमूर्ति मोरया.. अगले बरस तू जल्दी आना..जय गजानन जय गणनायक....जिला कुल्लू के भुंतर में 2 सितंबर से आरंभ हुए गणेश उत्सव का वीरवार को ऋद्धि-सिद्धि के देवता भगवान गजानन की मूर्ति के ब्यास की पवित्र जलधारा में विसर्जन के साथ हुआ। भारी उत्साह के बीच विसर्जन के दौरान भुंतर में शहरवासियों ने अपनी हाजरी भरी और भगवान गणेश को भावनात्मक विदाई दी। वीरवार को पूजा अर्चना व मन्त्रोच्चारण के साथ पुरोहितों ने विसर्जन की प्रक्रिया को पूरा किया और श्रद्धालुओं ने अगले साल फिर से मिलने के वायदे के साथ भगवान गजानन को भावुक होकर अलविदा कहा। ब्यास व पार्वती के संगम स्थल पर भक्तों की भीड़ से माहौल देर शाम को भक्तिमय बना रहा, तो शोभायात्रा में वाद्य यंत्रों की धुन व भगवान गणेश के जयकारे से पूरा शहर गूंज उठा। दोपहर बाद विधि विधानों के अनुसार पूजा अर्चना हुई तो इसके बाद गणेश जी की मूर्ति के साथ भक्तों का काफिला निकला और पूरे शहर की परिक्रमा की गई जो मुख्य आकर्षण रही। गणपति उत्सव आयोजन समिति के पदाधिकारियों अतुल सूद, देवेंद्र सोनी, संदीप कुमार,राजेश कुमार, संजय सूद, समीर, हरीश छावड़ा, विजय पांडे, प्रवीण मेहता, सतपाल, सवर्ण चंदेल, संजू, नवीन, रौनिक आदि ने बताया कि पूरे विधि विधानों के साथ विसर्जन प्रक्रिया को निभाया गया। आयोजन समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि प्रशासनिक अनुमति और दिशा निर्देशों के अनुसार ही गणपति विसर्जन की प्रक्रिया निभाई गई। Conclusion:पदाधिकारियों के अनुसार समिति द्वारा हर साल की तरह इस बार भी ईको फ्रैंडली गणेश की मूर्ति को तैयार किया गया ।
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