कुल्लू: शुक्रवार को लाहौल और पांगी घाटी के लिए प्रदेश सरकार के पवन हंस हेलीकॉप्टर ने दो उड़ानें भरी. इसमें करीब 75 यात्री रोहतांग दर्रे के आर-पार हुए. कई दिनों से पांगी घाटी में हेलीकॉप्टर के इंतजार में बैठे मरीजों को शुक्रवार को बाहर निकाला गया है. भुंतर से पांगी के किलाड़ हेलीपैड के लिए उड़ान हुई. भुंतर से 18 यात्री किलाड़ हेलीपैड पर उतरे.
इसके अलावा किलाड़ से चार मरीजों के साथ एक बच्चे सहित 19 लोगों को भुंतर एयरपोर्ट लिफ्ट किया गया. पहली उड़ान भुंतर-सिस्सू-गोंधला-भुंतर के बीच हुई. इस उड़ान में एक बच्चे के साथ 20 यात्री लाहौल पहुंचे और वहां से 18 यात्रियों को भुंतर पहुंचाया गया.
इससे पहले सिस्सू और गोंधला हेलीपैड के लिए तय शेड्यूल के बाद तीन बार पहले उड़ान नहीं हो पाई थी. लाहौल और पांगी घाटी में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में चिकित्सकों के पास मरीजों को जिले से बाहर रेफर करने के सिवाय कोई चारा नहीं है. ऐसे में घाटी से बाहर निकलने के लिए एकमात्र जरिया हवाई सेवा ही है. कई बार शेड्यूल जारी होने के बाद उड़ानें रद्द किए जाने पर मरीजों की जान पर बन आती है.
सिस्सू और गोंधला हेलीपैड के लिए शेड्यूल जारी के बाद तीन बार उड़ान नहीं हो पाई. इससे मरीजों सहित परीक्षार्थियों व जरूरतमंद लोगों को परेशानियों के दौर से गुजरना पड़ता है. उधर, कुल्लू में तैनात उड़ान समिति के प्रभारी अशोक कुमार ने कहा कि शुक्रवार को लाहौल और पांगी घाटी के लिए दो उड़ान हुई, जिसमें 75 यात्री रोहतांग दर्रे के आर-पार हुए. इसमें चार मरीजों को भी कुल्लू के लिए लिफ्ट किया गया है.
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