कुल्लू: जिला कुल्लू में हो रही भारी बारिश के चलते प्रशासन ने एडवाइजरी जारी की है. वहीं, सैलानियों के साथ-साथ स्थानीय लोगों से भी प्रशासन ने नदी नालों के किनारे न जाने की अपील की है.
जिला कुल्लू में लगातार हो रही बारिश से भूस्खलन के कारण करीब दो दर्जन सड़कें प्रभावित हुई हैं. वहीं लोक निर्माण विभाग ने फिलहाल एक दर्जन सड़कों को यातायात के लिए बहाल कर दिया है, जबकि 12 सड़कों पर अधिक भूस्खलन होने से वाहनों की आवाजाही थम गई है.
भारी बारिश से कुल्लू में बागवानों ने नाशपाती और सेब का तुड़ान रोक दिया है. मौसम का असर हवाई उड़ानों पर भी पड़ा है. दिल्ली-भुंतर के साथ भुंतर-चंडीगढ़ की दोनों उड़ानें रोक दी गई हैं.
जिले में बंजार-गाड़ागुशैणी, बंजार-कोटला, रोहचाला, करशाला रूटों पर बारिश ने कहर बरपाया है. इन सड़कों पर भूस्खलन तथा डंगा ढहने से निगम की बसें गंतव्य तक नहीं पहुंच पा रही है.
ऐसे में किसानों-बागवानों को उत्पाद मंडियों में पहुंचाने में दिक्कतें पेश आ रही हैं. घाटी में रात के समय से हो रही तेज बारिश के चलते ब्यास के साथ-साथ जिले के अन्य नदी-नालों का जलस्तर उफान पर है.
डीसी कुल्लू ऋचा वर्मा ने कहा कि जिला प्रशासन ने पहले ही अलर्ट जारी कर दिया है. बरसात के मौसम में एहतियात के तौर पर लोग नदी-नालों की ओर न जाएं. लोनिवि को बरसात में बंद होने वाली सड़कों को प्राथमिकता के आधार पर खोलने के आदेश दिए गए हैं.
गौरतलब है कि पिछले वर्ष कुल्लू में बारिश ने भारी तबाही मचाई थी. जिसमें 4 से 5 लोगों की मौत हो गई थी. जिले के अधिकतर इलाको में लोगो के भारी नुकसान का सामना करना पड़ा था.