कुल्लू: हिमाचल प्रदेश के मंडी क्लस्टर विश्वविद्यालय के पोर्टल में तकनीकी समस्या आने से प्रदेश के 4 जिलों के दिव्यांग छात्रों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. दिव्यांग छात्रों का आरोप है कि न्यायालय के आदेशों के उपरांत भी उनसे फीस वसूली की जा रही है. जबकि दिव्यांग छात्रों को शिक्षा के अधिकार के तहत किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं देना होता है, लेकिन मंडी क्लस्टर यूनिवर्सिटी के पोर्टल में छात्रों को अपने मेडिकल सर्टिफिकेट जमा करवाने के बाद भी फीस का भुगतान करना पड़ रहा है.
फीस जमा करवाने पर भी नहीं मिला एडमिशन: एक दिव्यांग छात्र संदीप तीन बार फीस जमा करवा चुके हैं, लेकिन बावजूद इसके उन्हें कॉलेज में एडमिशन नहीं मिला है. छात्र संदीप ने बताया कि उन्होंने यूनिवर्सिटी के पोर्टल में अपना मेडिकल फॉर्म भी जमा करवाया था. बावजूद इसके न तो उन्हें कॉलेज में एडमिशन मिला और न ही दो बार फीस जमा करवाने के बाद उसकी रसीद प्राप्त हुई. दिव्यांग छात्र संदीप के तीसरी बार पोर्टल में फीस जमा करने पर उन्हें कॉलेज में एडमिशन मिला.
दिव्यांग छात्रों को लगाने पड़ रहे दफ्तरों के चक्कर: उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में दिव्यांग छात्रों के लिए शिक्षा के अधिकार के तहत किसी भी प्रकार की फीस नहीं देनी होती है. लेकिन फिर भी उनसे फीस मांगी गई और उन्हें हर बार समस्याओं का सामना करना पड़ा. जिसके कारण उनकी पढ़ाई भी बाधित हो रही है. मंडी क्लस्टर यूनिवर्सिटी के पोर्टल पर दिव्यांगों द्वारा फीस माफी की एप्लीकेशन भी दी गई है. जिसके बारे उन्हें यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा आश्वासन तो दिया गया है लेकिन अभी तक उनकी फीस वापस नहीं हुई है. ऐसे में उनकी पढ़ाई पर भी असर पड़ रहा है. क्योंकि छात्रों को बार-बार फीस माफी के लिए दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं.
दिव्यांग छात्रों ने की ये मांग: ऐसे में दिव्यांग छात्रों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यूनिवर्सिटी प्रशासन के आगे मांग रखी है कि मंडी क्लस्टर यूनिवर्सिटी के पोर्टल को जल्द से जल्द दुरुस्त किया जाए ताकि छात्रों को पेश आ रही समस्याओं से निजात मिल सके. इसके अलावा कॉलेज में प्रवेश लेने आने वाले नए सत्र के छात्रों को भी इस समस्या से दो-चार नहीं होना पड़े. उन्होंने विश्वविद्यालय प्रबंधन से मांग रखी है कि इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान किया जाए.
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