ETV Bharat / state

कुल्लू में पोषण अभियान की समीक्षा बैठक, डीसी बोले- आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के स्वास्थ्य का होगा सर्वेक्षण - utrition campaign in Kullu

आंगनबाड़ी केंद्रों में 6 साल आयु तक के बच्चों के स्वास्थ्य का ताजा सर्वेक्षण किया जाएगा. आशुतोष गर्ग ने पोषण अभियान की समीक्षा बैठक (review meeting on nutrition campaign in Kullu) की अध्यक्षता करते हुए इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र में सर्वेक्षण (Survey at Anganwadi Center in Himachal) के दिन निजी अथवा सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 6 साल आयु के सभी बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र में बुलाया जाएगा.

review meeting on  nutrition campaign in Kullu
हिमाचल में आंगनबाड़ी केंद्र में सर्वेक्षण.
author img

By

Published : Mar 3, 2022, 3:48 PM IST

कुल्लू: जिले में पोषण अभियान के अंतर्गत समस्त आंगनबाड़ी केंद्रों में 6 साल आयु तक के बच्चों के स्वास्थ्य का ताजा सर्वेक्षण किया जाएगा. सर्वेक्षण में बच्चों का वनज व ऊंचाई के आधार पर उनमें कुपोषण की समस्या का पता लगाकर स्वास्थ्य कार्ड जारी किए जाएंगे. यह बात उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने पोषण अभियान की समीक्षा बैठक (review meeting on nutrition campaign in Kullu) की अध्यक्षता करते हुए कही. उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों में किये जाने वाले सर्वेक्षण के लिये बाल विकास परियोजना अधिकारी सूची को एक सप्ताह के भीतर अंतिम रूप देकर इसका व्यापक प्रचार व प्रसार सुनिश्चित करेंगे.

आंगनबाड़ी केंद्र में सर्वेक्षण (Survey at Anganwadi Center in Himachal) के दिन निजी अथवा सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 6 साल आयु के सभी बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र में बुलाया जाएगा. आशुतोष गर्ग ने कहा कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-पांच में 2019 में जिला के 883 घरों, 892 महिलाओं व 128 पुरुषों का सर्वेक्षण किया गया था और आंकड़े काफी चौकाने वाले थे. इसमें पांच साल आयु तक के 35.9 प्रतिशत की ऊंचाई आयु के अनुपात में कम पाई गई. 16.1 प्रतिशत का ऊंचाई के अनुपात में वजन कम पाया गया, 5.8 प्रतिशत का वजन काफी कम पाया गया, जबकि 25.6 प्रतिशत का वजन ऊंचाई के अनुपात में काफी कम पाया गया.

डीसी ने कहा कि जिले में 6 माह से 6 साल आयु के पंजीकृत लाभार्थी बच्चों की संख्या 30922 हैं. जिले में 1095 आंगनबाड़ी केंद्र जबकि 465 आशा कार्यकर्ता हैं. उपायुक्त ने कहा कि एसडीएम संबंधित उपमण्डलों में सर्वेक्षण की निगरानी करेंगे. आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा सर्वेक्षण का कार्य किया जाएगा. इसमें 20 प्रतिशत आंगनबाड़ी केंद्रों में बाल विकास परियोजना अधिकारी, 30 प्रतिशत में सुपरवाइजर और कम से कम चार प्रतिशत आंगनबाड़ी केंद्रों के सर्वेक्षण में स्वयं एसडीएम मौजूद रहेंगे. सर्वेक्षण के लिये स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर तीन खंडों का प्रशिक्षण कार्य पूरा कर लिया गया है और शेष खंडों के लिये जल्द प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा.

बैठक में अवगत करवाया गया कि कुछ आंगनबाड़ी केंद्रों में मशीनें खराब हैं. इसपर उपायुक्त ने कहा कि सर्वेक्षण का कार्य अलग-अलग दिनों में किया जाना है और इस स्थिति में मशीन को साथ लगती आंगनबाड़ी से प्रयोग में लाया जा सकता है. हालांकि निकट भविष्य में नई मशीनें खरीदने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुशील चंद्र ने कहा कि बाल विकास और स्वास्थ्य विभाग एक बेहतर तालमेल के साथ सर्वेक्षण कार्य को आसानी से समयबद्ध पूरा कर सकते हैं.

उन्होंने कहा कि जिस बच्चे में कुपोषण की समस्या (utrition campaign in Kullu) पाई जाएगी, उसे संबंधित क्षेत्र की आशा शिशु विशेषज्ञ तक पहुंचाकर कुपोषण की समस्या का उपचार व डाइट शेड्यूल तैयार करवाकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को आगामी निगरानी के लिये प्रस्तुत करेगी. कुपोषण वाले बच्चों की नियमित निगरानी करके उनको स्वस्थ बनाना ही अंतिम उद्देश्य है. उन्होंने कहा कि बच्चों में कुपोषण का पता लगाने में किसी प्रकार की कोताही नहीं की जानी चाहिए. इसके लिये आंगनबाड़ी केंद्र में सर्वेक्षण के दिन समय लगाकर वजन व ऊंचाई जैसे मानदण्डों पर ध्यान देना होगा. उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण कार्य आंकड़ों के मान्यीकरण का है.

ये भी पढ़ें: शिमला में पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर सड़क पर उतरे कर्मचारी, भारी संख्या में पुलिस बल तैनात

कुल्लू: जिले में पोषण अभियान के अंतर्गत समस्त आंगनबाड़ी केंद्रों में 6 साल आयु तक के बच्चों के स्वास्थ्य का ताजा सर्वेक्षण किया जाएगा. सर्वेक्षण में बच्चों का वनज व ऊंचाई के आधार पर उनमें कुपोषण की समस्या का पता लगाकर स्वास्थ्य कार्ड जारी किए जाएंगे. यह बात उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने पोषण अभियान की समीक्षा बैठक (review meeting on nutrition campaign in Kullu) की अध्यक्षता करते हुए कही. उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों में किये जाने वाले सर्वेक्षण के लिये बाल विकास परियोजना अधिकारी सूची को एक सप्ताह के भीतर अंतिम रूप देकर इसका व्यापक प्रचार व प्रसार सुनिश्चित करेंगे.

आंगनबाड़ी केंद्र में सर्वेक्षण (Survey at Anganwadi Center in Himachal) के दिन निजी अथवा सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 6 साल आयु के सभी बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र में बुलाया जाएगा. आशुतोष गर्ग ने कहा कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-पांच में 2019 में जिला के 883 घरों, 892 महिलाओं व 128 पुरुषों का सर्वेक्षण किया गया था और आंकड़े काफी चौकाने वाले थे. इसमें पांच साल आयु तक के 35.9 प्रतिशत की ऊंचाई आयु के अनुपात में कम पाई गई. 16.1 प्रतिशत का ऊंचाई के अनुपात में वजन कम पाया गया, 5.8 प्रतिशत का वजन काफी कम पाया गया, जबकि 25.6 प्रतिशत का वजन ऊंचाई के अनुपात में काफी कम पाया गया.

डीसी ने कहा कि जिले में 6 माह से 6 साल आयु के पंजीकृत लाभार्थी बच्चों की संख्या 30922 हैं. जिले में 1095 आंगनबाड़ी केंद्र जबकि 465 आशा कार्यकर्ता हैं. उपायुक्त ने कहा कि एसडीएम संबंधित उपमण्डलों में सर्वेक्षण की निगरानी करेंगे. आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा सर्वेक्षण का कार्य किया जाएगा. इसमें 20 प्रतिशत आंगनबाड़ी केंद्रों में बाल विकास परियोजना अधिकारी, 30 प्रतिशत में सुपरवाइजर और कम से कम चार प्रतिशत आंगनबाड़ी केंद्रों के सर्वेक्षण में स्वयं एसडीएम मौजूद रहेंगे. सर्वेक्षण के लिये स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर तीन खंडों का प्रशिक्षण कार्य पूरा कर लिया गया है और शेष खंडों के लिये जल्द प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा.

बैठक में अवगत करवाया गया कि कुछ आंगनबाड़ी केंद्रों में मशीनें खराब हैं. इसपर उपायुक्त ने कहा कि सर्वेक्षण का कार्य अलग-अलग दिनों में किया जाना है और इस स्थिति में मशीन को साथ लगती आंगनबाड़ी से प्रयोग में लाया जा सकता है. हालांकि निकट भविष्य में नई मशीनें खरीदने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुशील चंद्र ने कहा कि बाल विकास और स्वास्थ्य विभाग एक बेहतर तालमेल के साथ सर्वेक्षण कार्य को आसानी से समयबद्ध पूरा कर सकते हैं.

उन्होंने कहा कि जिस बच्चे में कुपोषण की समस्या (utrition campaign in Kullu) पाई जाएगी, उसे संबंधित क्षेत्र की आशा शिशु विशेषज्ञ तक पहुंचाकर कुपोषण की समस्या का उपचार व डाइट शेड्यूल तैयार करवाकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को आगामी निगरानी के लिये प्रस्तुत करेगी. कुपोषण वाले बच्चों की नियमित निगरानी करके उनको स्वस्थ बनाना ही अंतिम उद्देश्य है. उन्होंने कहा कि बच्चों में कुपोषण का पता लगाने में किसी प्रकार की कोताही नहीं की जानी चाहिए. इसके लिये आंगनबाड़ी केंद्र में सर्वेक्षण के दिन समय लगाकर वजन व ऊंचाई जैसे मानदण्डों पर ध्यान देना होगा. उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण कार्य आंकड़ों के मान्यीकरण का है.

ये भी पढ़ें: शिमला में पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर सड़क पर उतरे कर्मचारी, भारी संख्या में पुलिस बल तैनात

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.