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हिमाचल के कुल्लू में बढ़ी विदेशी सेब की प्रजातियों की मांग, इस साल 1 लाख 78 हजार पौधों की डिमांड

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 14, 2023, 4:07 PM IST

Kullu Apple News: हिमाचल के जिला कुल्लू में इस बार किसान विदेशी सेब की किस्मों को ज्यादा खरीदना चाहते हैं. वहीं, इस बार उद्यान विभाग के द्वारा बागवानों को पहले आओ पहले पाओ के आधार पर पौधे बांटे जाएंगे. पढ़ें पूरी खबर...

Kullu Apple News
हिमाचल के कुल्लू में बढ़ी विदेशी सेब की प्रजातियों की मांग

कुल्लू: हिमाचल के जिला कुल्लू में सेब के बगीचों में विदेशी सेब के पौधे लहलहा रहे हैं और अब विदेशी सेब की नई किस्म के प्रति बागवानों का रुझान भी बढ़ा है. ऐसे में उद्यान विभाग के द्वारा इस बार नई किस्म के सेब आउट अन्य फलदार पौधे बागवानों को मुहैया करवाए जाएंगे. जिला कुल्लू में बागवानों को 25 से ज्यादा नई प्रजातियों के पौधे वितरण किए जाएंगे. इस बार उद्यान विभाग के पास बागवानों ने 1 लाख 78 हजार 520 पौधों की मांग दी है. जिनमें सबसे ज्यादा विदेशी किस्म के सेब के पौधों की मांग है.

जिला कुल्लू के अगर बात करें तो कुल्लू खंड में अबकी बार बागवानों ने 25 हजार 500, नग्गर में 31 हजार, बंजार में 21 हजार 250, निरमंड में 3450, आनी में 27,250 पौधों की मांग उद्यान विभाग को दी है. हिमाचल प्रदेश बागवानी विकास परियोजना के तहत 1 लाख 70 हजार 70 पौधों की मांग दी गई है. ऐसे में इस बार बागवानों को पौधों की कमी नहीं सताएगी. वहीं, उद्यान विभाग के द्वारा बागवानों को पहले आओ पहले पाओ के आधार पर पौधे बांटे जाएंगे. पहली जनवरी से पौधों का वितरण शुरू किया जाएगा. ऐसे में सेब के बगीचों में विभिन्न पौधे लगाने का काम दिसंबर से लेकर मार्च माह तक किया जाएगा, क्योंकि इन दोनों पौधों को लगाने के लिए मौसम बिल्कुल अनुकूल है.

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इस बार उद्यान विभाग के पास बागवानों ने 1 लाख 78 हजार 520 पौधों की मांग दी है.

ये भी पढ़ें- हिमाचल के स्कूलों में शीतकालीन अवकाश घोषित, 26 दिसंबर से 11 जनवरी तक रहेगी छुट्टी

जिला कुल्लू में अधिकतर बागवान सेब की खेती पर निर्भर है और जिला कुल्लू में 73,000 हेक्टेयर भूमि पर सेब के बगीचे हैं. हर साल यहां से लाखों सेब की पेटियां देश की विभिन्न मंडियों में भेजी जाती है. वहीं, उद्यान विभाग के द्वारा इस साल बागवानों को बेहतरीन किस्म के फलदार पौधे की खेप कम दामों पर मुहैया करवाए जाएंगे. कुल्लू जिले में हर साल नई किस्म के विदेशी सेब के पौधों की मांग बढ़ रही है. जिनमें गाला, ट्रेस गाला, ब्राउन गाला, फैजम गाला, रेडलम गाला, गेल गाला, किंग राट, डार्क ब्राउनगाला, स्कारलेट, अर्ली रेड वन, रॉयल डिलीशियस, प्रजातियों की मांग ज्यादा है.

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सबसे ज्यादा विदेशी किस्म के सेब के पौधों की मांग है.

ऐसे में कुल्लू जिले में बागवानों को कलस्टर के माध्यम से पौधे बांटे जाएंगे. हर साल उद्यान विभाग के पास पौधों की खेप आती है, लेकिन वह कम पड़ जाती थी. इस बार बागवानों को ज्यादा पौधे दिए जाएंगे. बागवानी विभाग के द्वारा इसके लिए क्लस्टर के माध्यम से पौधों का वितरण किया जाएगा. वहीं, मौसम भी इन दोनों ठंडा चल रहा है जिसके चलते आगामी सीजन में सेब की पैदावार अच्छी होने की भी बागवानों में उम्मीद जग गई है.

बागवानी विभाग के उपनिदेशक बी एम चौहान ने बताया कि कुल्लू जिले के लिए 1 लाख 78 हजार 520 पौधों की मांग भेजी गई है. जैसे ही पौधे उद्यान विभाग के पास पहुंचते हैं तो कलस्टर स्तर पर इसका वितरण किया जाएगा. बागवानी विभाग लगातार बागवानों को सुविधा देने के लिए काम कर रहा है.

ये भी पढ़ें- कुल्लू के जलोड़ी दर्रा में माता काली के मंदिर में हुई चोरी, दान पात्र ले उड़े चोर

कुल्लू: हिमाचल के जिला कुल्लू में सेब के बगीचों में विदेशी सेब के पौधे लहलहा रहे हैं और अब विदेशी सेब की नई किस्म के प्रति बागवानों का रुझान भी बढ़ा है. ऐसे में उद्यान विभाग के द्वारा इस बार नई किस्म के सेब आउट अन्य फलदार पौधे बागवानों को मुहैया करवाए जाएंगे. जिला कुल्लू में बागवानों को 25 से ज्यादा नई प्रजातियों के पौधे वितरण किए जाएंगे. इस बार उद्यान विभाग के पास बागवानों ने 1 लाख 78 हजार 520 पौधों की मांग दी है. जिनमें सबसे ज्यादा विदेशी किस्म के सेब के पौधों की मांग है.

जिला कुल्लू के अगर बात करें तो कुल्लू खंड में अबकी बार बागवानों ने 25 हजार 500, नग्गर में 31 हजार, बंजार में 21 हजार 250, निरमंड में 3450, आनी में 27,250 पौधों की मांग उद्यान विभाग को दी है. हिमाचल प्रदेश बागवानी विकास परियोजना के तहत 1 लाख 70 हजार 70 पौधों की मांग दी गई है. ऐसे में इस बार बागवानों को पौधों की कमी नहीं सताएगी. वहीं, उद्यान विभाग के द्वारा बागवानों को पहले आओ पहले पाओ के आधार पर पौधे बांटे जाएंगे. पहली जनवरी से पौधों का वितरण शुरू किया जाएगा. ऐसे में सेब के बगीचों में विभिन्न पौधे लगाने का काम दिसंबर से लेकर मार्च माह तक किया जाएगा, क्योंकि इन दोनों पौधों को लगाने के लिए मौसम बिल्कुल अनुकूल है.

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इस बार उद्यान विभाग के पास बागवानों ने 1 लाख 78 हजार 520 पौधों की मांग दी है.

ये भी पढ़ें- हिमाचल के स्कूलों में शीतकालीन अवकाश घोषित, 26 दिसंबर से 11 जनवरी तक रहेगी छुट्टी

जिला कुल्लू में अधिकतर बागवान सेब की खेती पर निर्भर है और जिला कुल्लू में 73,000 हेक्टेयर भूमि पर सेब के बगीचे हैं. हर साल यहां से लाखों सेब की पेटियां देश की विभिन्न मंडियों में भेजी जाती है. वहीं, उद्यान विभाग के द्वारा इस साल बागवानों को बेहतरीन किस्म के फलदार पौधे की खेप कम दामों पर मुहैया करवाए जाएंगे. कुल्लू जिले में हर साल नई किस्म के विदेशी सेब के पौधों की मांग बढ़ रही है. जिनमें गाला, ट्रेस गाला, ब्राउन गाला, फैजम गाला, रेडलम गाला, गेल गाला, किंग राट, डार्क ब्राउनगाला, स्कारलेट, अर्ली रेड वन, रॉयल डिलीशियस, प्रजातियों की मांग ज्यादा है.

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सबसे ज्यादा विदेशी किस्म के सेब के पौधों की मांग है.

ऐसे में कुल्लू जिले में बागवानों को कलस्टर के माध्यम से पौधे बांटे जाएंगे. हर साल उद्यान विभाग के पास पौधों की खेप आती है, लेकिन वह कम पड़ जाती थी. इस बार बागवानों को ज्यादा पौधे दिए जाएंगे. बागवानी विभाग के द्वारा इसके लिए क्लस्टर के माध्यम से पौधों का वितरण किया जाएगा. वहीं, मौसम भी इन दोनों ठंडा चल रहा है जिसके चलते आगामी सीजन में सेब की पैदावार अच्छी होने की भी बागवानों में उम्मीद जग गई है.

बागवानी विभाग के उपनिदेशक बी एम चौहान ने बताया कि कुल्लू जिले के लिए 1 लाख 78 हजार 520 पौधों की मांग भेजी गई है. जैसे ही पौधे उद्यान विभाग के पास पहुंचते हैं तो कलस्टर स्तर पर इसका वितरण किया जाएगा. बागवानी विभाग लगातार बागवानों को सुविधा देने के लिए काम कर रहा है.

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