कुल्लू: जिला कुल्लू में मनाए गए अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के दौरान बजाई गई देव धुन के मामले में अब जिला कुल्लू बजंत्री कल्याण संघ भी सामने आया है. बजंत्री कल्याण संघ का दावा है कि दशहरा उत्सव के दौरान देव धुन बिल्कुल देव रीति के अनुसार ही बजाई गई थी और उसके बाद से लोगों का कल्याण हो रहा है.
कुल्लू में बजंत्री कल्याण संघ की बैठक को संबोधित करते हुए जिला अध्यक्ष मेहर सिंह ने कहा कि सदियों से उनके बुजुर्ग शादी-ब्याह, देवी देवताओं और राजनीतिक कार्यक्रमों में बाजा बजाने का कार्य कर रहे हैं और उन्हें इस विषय का पूरा ज्ञान है कि किस समय पर कौन सी धुन बजाई जाती है, लेकिन कुछ लोग देव धुन बजाने के मामले में गलत बयान दे रहे हैं.
मेहर सिंह ने कहा कि मेहर सिंह ने बताया कि देवी देवताओं को खुश करने के लिए कब कौन सा राग बजाया जाता है और देवरीति के समय किस का बजाया जाना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की पूरी जानकारी है और उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है, लेकिन कुछ लोगों की तरफ से की जा रही गलत टिप्पणी से कलाकारों के मन को ठेस पहुंच रही है.
मेहर सिंह ने कहा कि आने वाले समय में युवा इस काम से मुंह मोड़ रहे हैं. जिससे यह कला भी अब विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गई है. ऐसे में जो लोग इस वादन कला को जिंदा रखना चाहते हैं उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस वादन कला को आज सरंक्षण की आवश्यकता है ऐसे में सरकार और प्रशासन साथ ही जिला कारदार संघ ने उनका कार्यक्रम बनाकर इस वादन को पूरे देश और विदेश में दिखाया जिससे सभी लोगों के द्वारा सराहा भी गया है.
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