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देवधुन मामले में अब सामने आया बजंत्री संघ, कहा: देवधुन बजाने से हुआ जनकल्याण

कुल्लू में दशहरा उत्सव के दौरान बजाई गई देव धुन के मामले में अब जिला कुल्लू बजंत्री कल्याण संघ ने बैठक का आयोजन किया. इस दौरान मेहर सिंह ने उपस्थित सदस्यों के सामने अपना पक्ष रखा. जानिए पूरी खबर.

bugentri union has now come forward in Devdhun case
देवधुन मामले में अब सामने आया बजंत्री संघ
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Published : Jan 21, 2020, 12:24 PM IST

कुल्लू: जिला कुल्लू में मनाए गए अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के दौरान बजाई गई देव धुन के मामले में अब जिला कुल्लू बजंत्री कल्याण संघ भी सामने आया है. बजंत्री कल्याण संघ का दावा है कि दशहरा उत्सव के दौरान देव धुन बिल्कुल देव रीति के अनुसार ही बजाई गई थी और उसके बाद से लोगों का कल्याण हो रहा है.

कुल्लू में बजंत्री कल्याण संघ की बैठक को संबोधित करते हुए जिला अध्यक्ष मेहर सिंह ने कहा कि सदियों से उनके बुजुर्ग शादी-ब्याह, देवी देवताओं और राजनीतिक कार्यक्रमों में बाजा बजाने का कार्य कर रहे हैं और उन्हें इस विषय का पूरा ज्ञान है कि किस समय पर कौन सी धुन बजाई जाती है, लेकिन कुछ लोग देव धुन बजाने के मामले में गलत बयान दे रहे हैं.

वीडियो रिपोर्ट

मेहर सिंह ने कहा कि मेहर सिंह ने बताया कि देवी देवताओं को खुश करने के लिए कब कौन सा राग बजाया जाता है और देवरीति के समय किस का बजाया जाना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की पूरी जानकारी है और उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है, लेकिन कुछ लोगों की तरफ से की जा रही गलत टिप्पणी से कलाकारों के मन को ठेस पहुंच रही है.

मेहर सिंह ने कहा कि आने वाले समय में युवा इस काम से मुंह मोड़ रहे हैं. जिससे यह कला भी अब विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गई है. ऐसे में जो लोग इस वादन कला को जिंदा रखना चाहते हैं उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस वादन कला को आज सरंक्षण की आवश्यकता है ऐसे में सरकार और प्रशासन साथ ही जिला कारदार संघ ने उनका कार्यक्रम बनाकर इस वादन को पूरे देश और विदेश में दिखाया जिससे सभी लोगों के द्वारा सराहा भी गया है.

ये भी पढ़ें: दिल्ली में बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की हुई बैठक, जयराम ठाकुर भी रहे मौजूद

कुल्लू: जिला कुल्लू में मनाए गए अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के दौरान बजाई गई देव धुन के मामले में अब जिला कुल्लू बजंत्री कल्याण संघ भी सामने आया है. बजंत्री कल्याण संघ का दावा है कि दशहरा उत्सव के दौरान देव धुन बिल्कुल देव रीति के अनुसार ही बजाई गई थी और उसके बाद से लोगों का कल्याण हो रहा है.

कुल्लू में बजंत्री कल्याण संघ की बैठक को संबोधित करते हुए जिला अध्यक्ष मेहर सिंह ने कहा कि सदियों से उनके बुजुर्ग शादी-ब्याह, देवी देवताओं और राजनीतिक कार्यक्रमों में बाजा बजाने का कार्य कर रहे हैं और उन्हें इस विषय का पूरा ज्ञान है कि किस समय पर कौन सी धुन बजाई जाती है, लेकिन कुछ लोग देव धुन बजाने के मामले में गलत बयान दे रहे हैं.

वीडियो रिपोर्ट

मेहर सिंह ने कहा कि मेहर सिंह ने बताया कि देवी देवताओं को खुश करने के लिए कब कौन सा राग बजाया जाता है और देवरीति के समय किस का बजाया जाना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की पूरी जानकारी है और उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है, लेकिन कुछ लोगों की तरफ से की जा रही गलत टिप्पणी से कलाकारों के मन को ठेस पहुंच रही है.

मेहर सिंह ने कहा कि आने वाले समय में युवा इस काम से मुंह मोड़ रहे हैं. जिससे यह कला भी अब विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गई है. ऐसे में जो लोग इस वादन कला को जिंदा रखना चाहते हैं उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस वादन कला को आज सरंक्षण की आवश्यकता है ऐसे में सरकार और प्रशासन साथ ही जिला कारदार संघ ने उनका कार्यक्रम बनाकर इस वादन को पूरे देश और विदेश में दिखाया जिससे सभी लोगों के द्वारा सराहा भी गया है.

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Intro:देवधुन मामले में अब सामने आया बजंत्री संघ
कहा देवधुन बजाने से हुआ जनकल्याणBody:



जिला कुल्लू में मनाए गए अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के दौरान बजाई गई देव धुन के मामले में अब जिला कुल्लू बजंत्री कल्याण संघ भी सामने आया है। बजंत्री कल्याण संघ का दावा है कि दशहरा उत्सव के दौरान देव धुन बिल्कुल देव रीति के अनुसार ही बजाई गई थी और उसके बाद से लोगों का कल्याण ही हो रहा है। कुल्लू में बजंत्री कल्याण संघ की बैठक को संबोधित करते हुए जिला अध्यक्ष मेहर सिंह का कहना है कि सदियों से उनके बुजुर्ग शादी-ब्याह, देवी देवताओं व राजनीतिक कार्यक्रमों में बाजा बजाने का कार्य कर रहे हैं और उन्हें इस विषय का पूरा ज्ञान है कि किस समय पर कौन सी धुन बजाई जाती है। लेकिन कुछ लोग देव धुन बजाने के मामले में अपना अनाप-शनाप बयान दे रहे हैं जिससे बजंत्री कल्याण संघ के सम्मान को भी ठेस पहुंच रही है। उन्होंने कहा कि प्रशासन के निर्देशानुसार उन्होंने दशहरा उत्सव में और ढालपुर मैदान में सभी देवताओं के समक्ष यह प्रार्थना की गई थी कि वह देश व प्रदेश को उन्नत व खुशहाल बनाएं उसके बाद से लेकर देवी-देवताओं में भी कोई नाराजगी नहीं है और सब का कल्याण भी हो रहा है। मेहर सिंह ने बताया कि देवी देवताओं को खुश करने के लिए कब कौन सा राग बजाया जाता है और देवरीति के समय किस का बाजार जाना आवश्यक है। उन्हें इस बात की पूरी जानकारी है और उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है। लेकिन कुछ लोगों के द्वारा की जा रही टीका टिप्पणी से कलाकारों के मन को ठेस पहुंच रही है। Conclusion:

उन्होंने कहा कि अब आने वाले समय में युवा पर इस काम से मुंह मोड़ रहे हैं और उनके मुंह मोड़ने के चलते यह कला भी अब विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गई है। ऐसे में जो लोग इस वादन कला को जिंदा रखना चाहते हैं उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए। नहीं तो कहीं वह समय ना आ जाए की यह कला ही पूरी तरह से खत्म हो जाए। उन्होंने कहा कि इस वादन कला को आज सरंक्षण की आवश्यकता है ऐसे में सरकार व प्रशासन साथ ही जिला कारदार संघ ने उनका कार्यक्रम बनाकर इस वादन को पूरे देश व विदेश में दिखाया जिससे सभी लोगों के द्वारा सराहा भी गया है।
बाईट: मेहर चंद, अध्यक्ष
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