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रोहतांग दर्रा को बहाल करने में जुटा BRO, माइनस तापमान में भी जवानों के हौसले बुलंद - राहनीनाला में हिमखंड

बीआरओ की एक टीम राहनीनाला के 30 से 40 फीट हिमखंड को भेदकर रोहतांग की ओर बढ़ चुकी है. यहां से रोहतांग तक मात्र छह किलोमीटर दूरी रह गई है,

रोहतांग दर्रा
रोहतांग दर्रा
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Published : Apr 17, 2020, 12:45 PM IST

कुल्लू: आधुनिक मशीनों और जवानों के साथ बीआरओ ने 13050 फीट ऊंचे रोहतांग दर्रा को बहाल करने के लिए दिन-रात एक कर दिया है. माइनस तापमान के बीच बीआरओ के जवान मिशन को अंजाम दे रहे हैं.

बीआरओ की एक टीम राहनीनाला के 30 से 40 फीट हिमखंड को भेदकर रोहतांग की ओर बढ़ चुकी है. यहां से रोहतांग तक मात्र छह किलोमीटर दूरी रह गई है, जबकि लाहौल की तरफ से भी टीम राक्षी ढांक की कैंचियों में पहुंच गई है, ऐसे में अब सबकी नजरें रोहतांग बहाली पर टिकी हैं.

गौरतलब है कि गुरुवार से कुल्लू-मनाली में फंसे किसानों और जरूरतमंदों को सरकार बस के जरिये राहनीनाला तक भेजा जाना था, लेकिन सड़क बस योग्य सड़क नहीं होने से यात्रियों को राहत नहीं मिली.

बीआरओ का अगला मिशन 222 किलोमीटर लंबी सड़क मनाली-सरचू राष्ट्रीय राजमार्ग को लेह के साथ जोड़ना होगा. 38 बीआरटीएफ कमांडर कर्नल उमाशंकर ने कहा कि बीआरओ के जवान और अधिकारी दिन-रात बर्फ और शून्य से नीचे तापमान में भी रोहतांग बहाली में डटे हैं.

राहनीनाला में हिमखंड की ऊंची दीवार को काटकर टीम रोहतांग की ओर बढ़ रही है. रोहतांग यातायात के लिए बहाल होने से लाहौल-स्पीति घाटी के निवासियों को राहत मिलेगी. 222 किलोमीटर मनाली-सरचू सड़क को खोलने के लिए भी बीआरओ ने चार टीमों को तैनात किया हैं.

ये भी पढ़ें: लॉकडाउन में तनाव को दूर रखने के लिए योग सीखा रहा यह शख्स, ऑनलाइन ही लग रही क्लास

कुल्लू: आधुनिक मशीनों और जवानों के साथ बीआरओ ने 13050 फीट ऊंचे रोहतांग दर्रा को बहाल करने के लिए दिन-रात एक कर दिया है. माइनस तापमान के बीच बीआरओ के जवान मिशन को अंजाम दे रहे हैं.

बीआरओ की एक टीम राहनीनाला के 30 से 40 फीट हिमखंड को भेदकर रोहतांग की ओर बढ़ चुकी है. यहां से रोहतांग तक मात्र छह किलोमीटर दूरी रह गई है, जबकि लाहौल की तरफ से भी टीम राक्षी ढांक की कैंचियों में पहुंच गई है, ऐसे में अब सबकी नजरें रोहतांग बहाली पर टिकी हैं.

गौरतलब है कि गुरुवार से कुल्लू-मनाली में फंसे किसानों और जरूरतमंदों को सरकार बस के जरिये राहनीनाला तक भेजा जाना था, लेकिन सड़क बस योग्य सड़क नहीं होने से यात्रियों को राहत नहीं मिली.

बीआरओ का अगला मिशन 222 किलोमीटर लंबी सड़क मनाली-सरचू राष्ट्रीय राजमार्ग को लेह के साथ जोड़ना होगा. 38 बीआरटीएफ कमांडर कर्नल उमाशंकर ने कहा कि बीआरओ के जवान और अधिकारी दिन-रात बर्फ और शून्य से नीचे तापमान में भी रोहतांग बहाली में डटे हैं.

राहनीनाला में हिमखंड की ऊंची दीवार को काटकर टीम रोहतांग की ओर बढ़ रही है. रोहतांग यातायात के लिए बहाल होने से लाहौल-स्पीति घाटी के निवासियों को राहत मिलेगी. 222 किलोमीटर मनाली-सरचू सड़क को खोलने के लिए भी बीआरओ ने चार टीमों को तैनात किया हैं.

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