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Keylong-Leh Road: बीआरओ ने खोला केलांग-लेह सड़क मार्ग, वाहनों की आवाजाही को लेकर समय निर्धारित - BRO clears snow from Keylong Leh road

आखिरकार बीआरओ कर्मचारियों ने कड़ी मशक्कत के बाद केलांग से लेह सड़क मार्ग तक बर्फ हटा दिया है. जिसके बाद से इस मार्ग पर दोनों ओर से वाहनों की आवाजाही शुरू हो गया है. हालांकि, प्रशासन ने वाहनों के आने जाने का समय निर्धारित किया है. ताकि केलांग-लेह सड़क मार्ग पर जाम की स्थिति न बने.

Keylong-Leh Road
केलांग-लेह सड़क मार्ग खुला
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Published : May 30, 2023, 9:48 PM IST

कुल्लू: जिला लाहौल स्पीति के मुख्यालय केलांग से अब लेह तक सड़क मार्ग को दोनों ओर से वाहनों की आवाजाही के लिए बहाल कर दिया गया है. जिसके बाद यहां से वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई है. हालांकि, मंगलवार को बारालाचा दर्रे पर बर्फबारी हुई, जिसके चलते वाहनों की आवाजाही नहीं हो पाई, लेकिन बुधवार को अगर मौसम साफ रहता है तो यहां से वाहनों की आवाजाही को शुरू कर दिया जाएगा.

खुल गया केलांग से लेह सड़क मार्ग: दोनों और वाहनों की आवाजाही के लिए लाहौल स्पीति प्रशासन ने समय भी निर्धारित कर दिया है. ताकि इस सड़क मार्ग पर वाहनों का जाम ना लग सके. हालांकि, पहले एक ओर से वाहनों की आवाजाही को शुरू किया गया था, लेकिन अब बीआरओ ने सड़क मार्ग से बर्फ को हटा दिया है. जिसके बाद अब दोनों ओर से वाहनों की आवाजाही को शुरू कर दिया गया है.

केलांग-लेह मार्ग खुलने से पर्यटन को बढ़ावा: केलांग से लेह सड़क मार्ग की कुल दूरी 347 किलोमीटर है. यह सड़क चार दर्रे से होकर गुजरती है. वहीं, सड़क मार्ग के बहाल होते ही अब बाहरी राज्यों से मोटरसाइकिल पर भी सैलानी इस सड़क मार्ग का मजा लेते नजर आ रहे हैं. गर्मियों के दौरान भी यहां पर कई दर्रा में बर्फबारी होती है. जिसके चलते तापमान माइनस में चला जाता है. पर्यटन की दृष्टि से भी यह सड़क मार्ग काफी महत्वपूर्ण है. क्योंकि अधिकतर सैलानी दिल्ली, मनाली, केलांग से होते हुए लेह का रुख करते हैं. इससे लाहौल स्पीति जिला के अलावा लेह लद्दाख के पर्यटन को भी खासी गति मिलती है.

केलांग-लेह मार्ग का सामरिक महत्व: केलांग से लेह सड़क मार्ग बहाल होने के बाद अब सेना के वाहनों की आवाजाही भी शुरू हो जाएगी. पठानकोट से सेना के वाहन जरूरी सामान लेकर लेह पहुंचते हैं. हालांकि, सर्दियों में बर्फबारी के कारण यह सड़क मार्ग बंद रहता है. जिसके चलते उन्हें वाया श्रीनगर होते हुए लेह का रुख करना पड़ता है, जो उन्हें काफी लंबा भी पड़ता है. ऐसे में अटल टनल बनने के बाद सामरिक दृष्टि से भी यह सड़क मार्ग काफी महत्वपूर्ण है. क्योंकि यहां से कम समय में सेना रसद लेकर लेह लद्दाख सहित पाकिस्तान और चीन की सीमा तक पहुंचती है.

वाहनों के आने जाने का समय निर्धारित: लाहौल स्पीति के उपायुक्त राहुल कुमार ने बताया दारचा से लेह की ओर जाने वाले वाहनों को सुबह 6 से 9 बजे के बीच, जबकि सरचू से मनाली की ओर आने वाले वाहनों को दोपहर 12 से 3 बजे के बीच अनुमति दी जाएगी. अधिकांश मार्ग दो तरफा है, लेकिन सूरज ताल से भरतपुर तक एक छोटे से 8 किमी खंड को छोड़कर, जहां सड़क एक तरफा है. वहां पर पुलिस कर्मी समन्वय के साथ सहायता करने और सुचारू यातायात व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए मौजूद रहेंगे. उन्होंने यह भी निर्देश जारी किए हैं कि यातायात के सुचारू संचालन की समय सारणी का सख्ती से पालन किया जाएगा. ताकि ट्रैफिक जाम न हो और किसी भी प्रकार का अव्यवस्था पैदा ना हो.
ये भी पढ़ें: कुल्लू जिले में 350 ट्राउट रेसवेज बनकर तैयार, 350 मीट्रिक टन मछली उत्पादन का लक्ष्य

कुल्लू: जिला लाहौल स्पीति के मुख्यालय केलांग से अब लेह तक सड़क मार्ग को दोनों ओर से वाहनों की आवाजाही के लिए बहाल कर दिया गया है. जिसके बाद यहां से वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई है. हालांकि, मंगलवार को बारालाचा दर्रे पर बर्फबारी हुई, जिसके चलते वाहनों की आवाजाही नहीं हो पाई, लेकिन बुधवार को अगर मौसम साफ रहता है तो यहां से वाहनों की आवाजाही को शुरू कर दिया जाएगा.

खुल गया केलांग से लेह सड़क मार्ग: दोनों और वाहनों की आवाजाही के लिए लाहौल स्पीति प्रशासन ने समय भी निर्धारित कर दिया है. ताकि इस सड़क मार्ग पर वाहनों का जाम ना लग सके. हालांकि, पहले एक ओर से वाहनों की आवाजाही को शुरू किया गया था, लेकिन अब बीआरओ ने सड़क मार्ग से बर्फ को हटा दिया है. जिसके बाद अब दोनों ओर से वाहनों की आवाजाही को शुरू कर दिया गया है.

केलांग-लेह मार्ग खुलने से पर्यटन को बढ़ावा: केलांग से लेह सड़क मार्ग की कुल दूरी 347 किलोमीटर है. यह सड़क चार दर्रे से होकर गुजरती है. वहीं, सड़क मार्ग के बहाल होते ही अब बाहरी राज्यों से मोटरसाइकिल पर भी सैलानी इस सड़क मार्ग का मजा लेते नजर आ रहे हैं. गर्मियों के दौरान भी यहां पर कई दर्रा में बर्फबारी होती है. जिसके चलते तापमान माइनस में चला जाता है. पर्यटन की दृष्टि से भी यह सड़क मार्ग काफी महत्वपूर्ण है. क्योंकि अधिकतर सैलानी दिल्ली, मनाली, केलांग से होते हुए लेह का रुख करते हैं. इससे लाहौल स्पीति जिला के अलावा लेह लद्दाख के पर्यटन को भी खासी गति मिलती है.

केलांग-लेह मार्ग का सामरिक महत्व: केलांग से लेह सड़क मार्ग बहाल होने के बाद अब सेना के वाहनों की आवाजाही भी शुरू हो जाएगी. पठानकोट से सेना के वाहन जरूरी सामान लेकर लेह पहुंचते हैं. हालांकि, सर्दियों में बर्फबारी के कारण यह सड़क मार्ग बंद रहता है. जिसके चलते उन्हें वाया श्रीनगर होते हुए लेह का रुख करना पड़ता है, जो उन्हें काफी लंबा भी पड़ता है. ऐसे में अटल टनल बनने के बाद सामरिक दृष्टि से भी यह सड़क मार्ग काफी महत्वपूर्ण है. क्योंकि यहां से कम समय में सेना रसद लेकर लेह लद्दाख सहित पाकिस्तान और चीन की सीमा तक पहुंचती है.

वाहनों के आने जाने का समय निर्धारित: लाहौल स्पीति के उपायुक्त राहुल कुमार ने बताया दारचा से लेह की ओर जाने वाले वाहनों को सुबह 6 से 9 बजे के बीच, जबकि सरचू से मनाली की ओर आने वाले वाहनों को दोपहर 12 से 3 बजे के बीच अनुमति दी जाएगी. अधिकांश मार्ग दो तरफा है, लेकिन सूरज ताल से भरतपुर तक एक छोटे से 8 किमी खंड को छोड़कर, जहां सड़क एक तरफा है. वहां पर पुलिस कर्मी समन्वय के साथ सहायता करने और सुचारू यातायात व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए मौजूद रहेंगे. उन्होंने यह भी निर्देश जारी किए हैं कि यातायात के सुचारू संचालन की समय सारणी का सख्ती से पालन किया जाएगा. ताकि ट्रैफिक जाम न हो और किसी भी प्रकार का अव्यवस्था पैदा ना हो.
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