कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में अनलॉक के तहत बाजार खुल गए हैं. इससे छोटे बड़े दुकानदारों का कारोबार भी अब दोबारा से चलना शुरू हो गया है, लेकिन जिला कुल्लू में ऑटो चालकों की स्थिति अभी भी दयनीय बनी हुई है. कोरोना के डर से लोगों के घर से बाहर न निकलने पर ऑटो चालकों का काम खासा खासा प्रभावित हो रहा है.
जिला में भी कोरोना के मामले बढ़ने के कारण अभी भी लोग बाजारों का रुख नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में लोकल रूटों पर चलने वाले ऑटो चालकों का व्यवसाय खासा प्रभावित हुआ है. इसके चलते गरीब ऑटो चालक बैंक की किश्तें भरने में भी असहाय हैं.
वहीं, प्रदेश सरकार ने स्कूल और कॉलेजों में एडमिशन करनी शुरू कर दी है. ऐसे में कारोबार न होने के चलते ऑटो चालक अपने बच्चों की एडमिशन कैसे कर पाएंगे. कुल्लू में ऑटो का कारोबार कर रहे चालकों का कहना है कि कोरोना के शुरुआती दौर में पहले ही उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ा. हालांकि, सरकार ने बैंक कर्ज पर कोई भी किश्त नहीं लेने की बात कही थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
ऑटो चालकों ने कहा कि कोरोना के दौर में भी ऑटो चालकों के खातों से बैंक की किश्तें काटी गई और अभी भी यह सिलसिला बरकरार है. वहीं, अब सवारियां न मिलने के चलते वह अपने बैंक की किश्त देने में भी सक्षम नहीं हैं. ऐसे में बैंक से भी अब उन्हें कॉल आने शुरू हो गए हैं, लेकिन कमाई न होने के चलते वह कुछ नहीं कर पा रहे हैं.
ऑटो चालक राजकुमार, संजय कपूर का कहना है कि कारोबार ठप पड़ा हुआ है. वे इस मामले को लेकर सरकार से भी राहत की मांग उठा चुके हैं, लेकिन उन्हें कोरे आश्वासन के अलावा अभी तक कुछ भी नहीं मिल पाया है.
ऑटो चालक संजय कपूर ने कहा कि यूनियन में कई ऑटो चालकों ने कर्ज लेकर ऑटो लिए हुए हैं. ऐसे में अब उन्हें किस्त भी भरनी पड़ रही है. साथ ही बच्चों की स्कूल में एडमिशन भी करवानी है, लेकिन आर्थिक स्थिति ठीक न होने पर उन्हें कई समस्याएं पेश आ रही हैं. उन्होंने कहा कि सरकार भी ऑटो चालकों की भलाई के लिए कुछ नहीं कर रही है.
इसके अलाला ऑटो चालक राजकुमार ने कहा कि ऑटो यूनियन ने भी मुख्यमंत्री से ऑटो चालकों को राहत देने की बात की थी, लेकिन वहां से भी कोई सकारात्मक जवाब नहीं आया है. ऐसे में कारोबार इसी तरह से रहने पर कई ऑटो चालकों बेरोजगार हो जाएंगे.
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