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कुल्लू दशहरा: इस बार सुरक्षा इंतजामों में 70 फीसदी कटौती, 635 जवान संभालेंगे सुरक्षा का जिम्मा

अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा को लेकर जिला प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. इस बार पुलिस को अधिक मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी. दशहरा सूक्ष्म होने से 2000 पुलिस जवानों की बजाय मात्र 635 जवान ही अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव की सुरक्षा का जिम्मा संभालेंगे.

पुलिस अधीक्षक कुल्लू
गौरव सिंह, पुलिस अधीक्षक कुल्लू.
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Published : Oct 23, 2020, 2:58 PM IST

कुल्लू: अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरे में सुरक्षा का प्रारूप कैसा होगा, इस पर पुलिस तैयारी कर रही है. हर साल दशहरा उत्सव में सुरक्षा के लिहाज से शहर में 11 सेक्टर बनाए जाते थे, लेकिन इस बार तीन से चार सेक्टर बनाए जाने की संभावना है. दशहरा उत्सव में सुरक्षा को लेकर पुलिस हर बार जवानों की संख्या में वृद्धि करती आई है. इस बार इसमें 70 फीसदी तक कटौती की है.

कोरोना के चलते इस बार दशहरा उत्सव में न तो सैकड़ों देवी-देवताओं के देवरथ शामिल होंगे और न ही व्यापारिक गतिविधियां, सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे. दशहरा उत्सव में अधिक ट्रैफिक का भी बोझ नहीं होगा. दशहरे में पुलिस को सोशल डिस्टेंसिंग को कायम रखना सबसे बड़ी चुनौती होगा. भले ही दशहरा में मात्र सात देव रथों के साथ कारकून व देवलु भाग लेंगे. फिर भी रथयात्रा को देखने के लिए लोगों की भीड़ जुट सकती है. इसके लिए प्रशासन के साथ पुलिस को तैयार रहना होगा.

वीडियो.

पुलिस अधीक्षक कुल्लू गौरव सिंह ने कहा कि दशहरे का आयोजन सूक्ष्म तरीके से करवाया जा रहा है. ऐसे में पुलिस बल में कटौती कर दशहरा में 635 जवान सुरक्षा व्यवस्था देखेंगे. उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण दशहरे के आयोजन को लेकर नए तरीके से रोडमैप तैयार किया जा रहा है. गौर रहे कि इस उत्सव के सूक्ष्म आयोजन के बावजूद पुलिस की रात्रि गश्त व नाकाबंदी पूर्व की तरह रहेगी.

ये भी पढ़ें: कुल्लू दशहरा में इस बार नहीं दिखेगा देव महाकुंभ, रघुनाथ रथयात्रा में महज 7 देवी-देवता होंगे शामिल

कुल्लू: अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरे में सुरक्षा का प्रारूप कैसा होगा, इस पर पुलिस तैयारी कर रही है. हर साल दशहरा उत्सव में सुरक्षा के लिहाज से शहर में 11 सेक्टर बनाए जाते थे, लेकिन इस बार तीन से चार सेक्टर बनाए जाने की संभावना है. दशहरा उत्सव में सुरक्षा को लेकर पुलिस हर बार जवानों की संख्या में वृद्धि करती आई है. इस बार इसमें 70 फीसदी तक कटौती की है.

कोरोना के चलते इस बार दशहरा उत्सव में न तो सैकड़ों देवी-देवताओं के देवरथ शामिल होंगे और न ही व्यापारिक गतिविधियां, सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे. दशहरा उत्सव में अधिक ट्रैफिक का भी बोझ नहीं होगा. दशहरे में पुलिस को सोशल डिस्टेंसिंग को कायम रखना सबसे बड़ी चुनौती होगा. भले ही दशहरा में मात्र सात देव रथों के साथ कारकून व देवलु भाग लेंगे. फिर भी रथयात्रा को देखने के लिए लोगों की भीड़ जुट सकती है. इसके लिए प्रशासन के साथ पुलिस को तैयार रहना होगा.

वीडियो.

पुलिस अधीक्षक कुल्लू गौरव सिंह ने कहा कि दशहरे का आयोजन सूक्ष्म तरीके से करवाया जा रहा है. ऐसे में पुलिस बल में कटौती कर दशहरा में 635 जवान सुरक्षा व्यवस्था देखेंगे. उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण दशहरे के आयोजन को लेकर नए तरीके से रोडमैप तैयार किया जा रहा है. गौर रहे कि इस उत्सव के सूक्ष्म आयोजन के बावजूद पुलिस की रात्रि गश्त व नाकाबंदी पूर्व की तरह रहेगी.

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