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हर घर को मिलेगा नल से जल, आनी में IPH ने दिए 17316 कनेक्शन

जल जीवन मिशन योजना के लिए प्रदेश सरकार राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली है. आनी मंडल भी इस योजना को सिरे चढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है. योजना लांच होने के बाद जल शक्ति विभाग के आनी मंडल में अभी तक 17316 नलों से लोगों को पीने के पानी के कनेक्शन दिए हैं. लगभग 76.60 करोड़ रुपये का बजट तैयार किया गया है.

अधिशाषी अभियंता आरके कौंडल
अधिशाषी अभियंता आरके कौंडल
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Published : Oct 14, 2020, 1:52 PM IST

आनी/कुल्लू: केंद्र सरकार ने हर घर तक पेयजल पहुंचाने के लिे जल जीवन मिशन योजना के तहत हर घर नल हर घर जल योजना शुरू की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगस्त 2019 में इसकी शुरूआत की थी.

वहीं प्रदेश सरकार ने सितंबर 2019 में इस योजना को प्रदेश में लागू किया था. प्रदेश सरकार को इस योजन के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली है. इसमें जल शक्ति विभाग के मंडल स्तर के प्रयास सराहनीय रहे हैं. इसी कड़ी में कुल्लू जिला का आनी मंडल भी इस योजना को सिरे चढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है.

वीडियो

76.60 करोड़ रुपये का बजट तैयार

योजना लॉन्च होने के बाद जल शक्ति विभाग आनी मंडल में अभी तक 17316 नलों से लोगों को पीने के पानी के कनेक्शन दिए हैं. ये कनेक्शन विभाग की तरफ से लोगों के घरों में मुफ्त लगाए जा रहे हैं, जिससे लोगों को अपने घर में पीने का पानी उपलब्ध हो सके. 42 विभिन्न पेयजल योजनाओं के तहत लोगों के घरो में पीने के पानी की सुविधा दी जा रही है. इस काम के लिए लगभग 76.60 करोड़ रुपये का बजट तैयार किया गया है. लाभान्वित लोगों विभाग और सरकार के प्रयासों की सराहना कर रहे हैं.

बचे कनेक्शन पर विभाग जल्द लेगा फैसला

मंडल में कुल 37369 परिवारों पर जल शक्ति विभाग की ओर से सर्वे किया गया है, जिस पर विभाग प्रतिबद्धता के साथ काम कर रहा है. विभाग अब इसी योजना के तहत 17270 और नल कनेक्शन लगाने के लिए प्रयासरत है. इस काम को भी जल्द पूरा करने के प्रयास जारी हैं. 8 अगस्त 2022 तक इस काम को पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है. करीब 3 हजार बचे हुए कनेक्शन पर भी विभाग जल्द ही फैसला लेगा. इसके लिए विभागीय बैठकों में अधिकारी औपचारिकताओं के बाद काम शुरू किया जाएगा.

क्या कहना है आनी अधिशाषी अभियंता का

जल शक्ति विभाग आनी के अधिशाषी अभियंता आरके कौंडल का कहना है कि प्रदेश सरकार के दिशा निर्देशों के तहत जल जीवन मिशन को पूरा करने के लिए विभाग प्रयासरत है. विभाग ने आनी मंडल में अभी तक लोगों के घरों में 17316 पेयजल कनेक्शन लगाए हैं, जिससे सभी जरूरतमंद लोगों को घर में नल से ही स्वच्छ पीने का पानी मिल रहा है. योजना के तहत अन्य लक्ष्यों को भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा.

क्या है जल जीवन मिशन
जल जीवन मिशन की घोषणा अगस्त 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी. इस मिशन का प्रमुख उद्देश्य वर्ष 2024 तक सभी ग्रामीण घरों में पाइप के माध्यम से (हर घर जल) पंहुचाना सुनिश्चित करना है. जल जीवन मिशन की प्राथमिकता देश भर के सभी भागों में सुरक्षित पेयजल उपलब्ध करवाना है. इस मिशन के तहत कृषि में उपयोग के लिये वर्षा जल संचयन, भू-जल पुनर्भरण और घरेलू अपशिष्ट जल के प्रबंधन हेतु स्थानीय बुनियादी ढांचे के निर्माण पर भी ध्यान दिया जाएगा.

देश में सिर्फ 4 पीने का पानी उपलब्ध

उल्लेखनीय है कि जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन के लिये जल शक्ति मंत्रालय को नोडल मंत्रालय के रूप में नियुक्त किया गया है. आंकड़े बताते हैं कि भारत में विश्व की कुल आबादी का तकरीबन 16 प्रतिशत हिस्सा मौजूद है, जबकि देश में पीने योग्य जल का सिर्फ 4 प्रतिशत हिस्सा ही उपलब्ध है. वहीं लगातार गिरता भूमी-जल और जल स्रोतों पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव जल संरक्षण में कुछ अन्य चुनौतियां हैं. ऐसे में पीने योग्य पानी की मांग और पूर्ति के मध्य संतुलन स्थापित करना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है.
पढ़ें: हिमाचल में घर बनाना हुआ महंगा, सीमेंट के दामों में 10 रुपये तक का इजाफा

आनी/कुल्लू: केंद्र सरकार ने हर घर तक पेयजल पहुंचाने के लिे जल जीवन मिशन योजना के तहत हर घर नल हर घर जल योजना शुरू की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगस्त 2019 में इसकी शुरूआत की थी.

वहीं प्रदेश सरकार ने सितंबर 2019 में इस योजना को प्रदेश में लागू किया था. प्रदेश सरकार को इस योजन के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली है. इसमें जल शक्ति विभाग के मंडल स्तर के प्रयास सराहनीय रहे हैं. इसी कड़ी में कुल्लू जिला का आनी मंडल भी इस योजना को सिरे चढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है.

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76.60 करोड़ रुपये का बजट तैयार

योजना लॉन्च होने के बाद जल शक्ति विभाग आनी मंडल में अभी तक 17316 नलों से लोगों को पीने के पानी के कनेक्शन दिए हैं. ये कनेक्शन विभाग की तरफ से लोगों के घरों में मुफ्त लगाए जा रहे हैं, जिससे लोगों को अपने घर में पीने का पानी उपलब्ध हो सके. 42 विभिन्न पेयजल योजनाओं के तहत लोगों के घरो में पीने के पानी की सुविधा दी जा रही है. इस काम के लिए लगभग 76.60 करोड़ रुपये का बजट तैयार किया गया है. लाभान्वित लोगों विभाग और सरकार के प्रयासों की सराहना कर रहे हैं.

बचे कनेक्शन पर विभाग जल्द लेगा फैसला

मंडल में कुल 37369 परिवारों पर जल शक्ति विभाग की ओर से सर्वे किया गया है, जिस पर विभाग प्रतिबद्धता के साथ काम कर रहा है. विभाग अब इसी योजना के तहत 17270 और नल कनेक्शन लगाने के लिए प्रयासरत है. इस काम को भी जल्द पूरा करने के प्रयास जारी हैं. 8 अगस्त 2022 तक इस काम को पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है. करीब 3 हजार बचे हुए कनेक्शन पर भी विभाग जल्द ही फैसला लेगा. इसके लिए विभागीय बैठकों में अधिकारी औपचारिकताओं के बाद काम शुरू किया जाएगा.

क्या कहना है आनी अधिशाषी अभियंता का

जल शक्ति विभाग आनी के अधिशाषी अभियंता आरके कौंडल का कहना है कि प्रदेश सरकार के दिशा निर्देशों के तहत जल जीवन मिशन को पूरा करने के लिए विभाग प्रयासरत है. विभाग ने आनी मंडल में अभी तक लोगों के घरों में 17316 पेयजल कनेक्शन लगाए हैं, जिससे सभी जरूरतमंद लोगों को घर में नल से ही स्वच्छ पीने का पानी मिल रहा है. योजना के तहत अन्य लक्ष्यों को भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा.

क्या है जल जीवन मिशन
जल जीवन मिशन की घोषणा अगस्त 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी. इस मिशन का प्रमुख उद्देश्य वर्ष 2024 तक सभी ग्रामीण घरों में पाइप के माध्यम से (हर घर जल) पंहुचाना सुनिश्चित करना है. जल जीवन मिशन की प्राथमिकता देश भर के सभी भागों में सुरक्षित पेयजल उपलब्ध करवाना है. इस मिशन के तहत कृषि में उपयोग के लिये वर्षा जल संचयन, भू-जल पुनर्भरण और घरेलू अपशिष्ट जल के प्रबंधन हेतु स्थानीय बुनियादी ढांचे के निर्माण पर भी ध्यान दिया जाएगा.

देश में सिर्फ 4 पीने का पानी उपलब्ध

उल्लेखनीय है कि जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन के लिये जल शक्ति मंत्रालय को नोडल मंत्रालय के रूप में नियुक्त किया गया है. आंकड़े बताते हैं कि भारत में विश्व की कुल आबादी का तकरीबन 16 प्रतिशत हिस्सा मौजूद है, जबकि देश में पीने योग्य जल का सिर्फ 4 प्रतिशत हिस्सा ही उपलब्ध है. वहीं लगातार गिरता भूमी-जल और जल स्रोतों पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव जल संरक्षण में कुछ अन्य चुनौतियां हैं. ऐसे में पीने योग्य पानी की मांग और पूर्ति के मध्य संतुलन स्थापित करना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है.
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