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किन्नौर में 8 महीने से जल रक्षकों को नहीं मिला वेतन, सरकार की बड़ी लापरवाही: उमेश नेगी

किन्नौर कांग्रेस कमेटी के जिला अध्यक्ष उमेश नेगी ने कहा कि किन्नौर में जल शक्ति विभाग में तैनात जल रक्षकों को 8 महीनों से वेतन नहीं दिया गया है. जिसके चलते जल रक्षकों को घर का खर्च चलाना भी मुश्किल हो रहा है. उमेश नेगी ने कहा कि जिला में जल रक्षकों को 8 महीने तक वेतन रोकना वह भी कोरोनाकाल जैसी परिस्थिति में यह बिल्कुल भी सही नहीं है और एक सामान्य कर्मचारी को वेतन न देकर सरासर नाइंसाफी भी दिख रही है.

Kinnaur Congress Committee, किन्नौर कांग्रेस कमेटी
फोटो.
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Published : Apr 28, 2021, 8:30 PM IST

किन्नौर: जिला किन्नौर में जल शक्ति विभाग में तैनात जल रक्षकों को 8 महीनों से वेतन नहीं दिया गया है. जिसके चलते जल रक्षकों को घर का खर्च चलाना भी मुश्किल हो रहा है. यह बात जिला किन्नौर कांग्रेस कमेटी के जिला अध्यक्ष उमेश नेगी ने अपने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है.

उमेश नेगी ने कहा कि जिला किन्नौर एक दुर्गम व कठिन भौगोलिक परिस्थितियों वाला क्षेत्र है जहां पर जल रक्षकों को पानी की सप्लाई व देखरेख के लिए कई किलोमीटर तक पैदल चलकर जाना पड़ता है और ग्रामीण व बाजार वाले क्षेत्रों के लिए पानी की सप्लाई देना पड़ती है, लेकिन ऐसी परिस्थिति में भी सरकार द्वारा जिला के जल रक्षकों को 8 महीने का वेतन नहीं दिया गया है. जिससे न केवल जल रक्षकों पर प्रभाव पड़ा है बल्कि उनके परिवार के खर्चों पर भी बुरा प्रभाव पड़ा है.

वीडियो.

'8 महीने तक वेतन रोकना गलत'

उमेश नेगी ने कहा कि जिला में जल रक्षकों को 8 महीने तक वेतन रोकना वह भी कोरोनाकाल जैसी परिस्थिति में यह बिल्कुल भी सही नहीं है और एक सामान्य कर्मचारी को वेतन न देकर सरासर नाइंसाफी भी दिख रही है.

'8 महीने के वेतन के साथ उसका ब्याज भी दिया जाए'

उन्होंने कहा कि जिला किन्नौर के सभी जल रक्षकों को 8 महीने के वेतन के साथ उसका ब्याज भी दिया जाए, क्योंकि जल रक्षकों के वेतन समय से न मिलने से उनके आय पर बुरा प्रभाव पड़ा है. ऐसे में समय रहते जल रक्षकों को उनका वेतन ब्याज समेत दिया जाए, ताकि उनके नुकसान की भरपाई हो सके.

ये भी पढ़ें- हिमाचल में 18 प्लस 31 लाख लोगों का 1 मई से होगा टीकाकरण, जानें कितनी तैयार है जयराम सरकार

किन्नौर: जिला किन्नौर में जल शक्ति विभाग में तैनात जल रक्षकों को 8 महीनों से वेतन नहीं दिया गया है. जिसके चलते जल रक्षकों को घर का खर्च चलाना भी मुश्किल हो रहा है. यह बात जिला किन्नौर कांग्रेस कमेटी के जिला अध्यक्ष उमेश नेगी ने अपने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है.

उमेश नेगी ने कहा कि जिला किन्नौर एक दुर्गम व कठिन भौगोलिक परिस्थितियों वाला क्षेत्र है जहां पर जल रक्षकों को पानी की सप्लाई व देखरेख के लिए कई किलोमीटर तक पैदल चलकर जाना पड़ता है और ग्रामीण व बाजार वाले क्षेत्रों के लिए पानी की सप्लाई देना पड़ती है, लेकिन ऐसी परिस्थिति में भी सरकार द्वारा जिला के जल रक्षकों को 8 महीने का वेतन नहीं दिया गया है. जिससे न केवल जल रक्षकों पर प्रभाव पड़ा है बल्कि उनके परिवार के खर्चों पर भी बुरा प्रभाव पड़ा है.

वीडियो.

'8 महीने तक वेतन रोकना गलत'

उमेश नेगी ने कहा कि जिला में जल रक्षकों को 8 महीने तक वेतन रोकना वह भी कोरोनाकाल जैसी परिस्थिति में यह बिल्कुल भी सही नहीं है और एक सामान्य कर्मचारी को वेतन न देकर सरासर नाइंसाफी भी दिख रही है.

'8 महीने के वेतन के साथ उसका ब्याज भी दिया जाए'

उन्होंने कहा कि जिला किन्नौर के सभी जल रक्षकों को 8 महीने के वेतन के साथ उसका ब्याज भी दिया जाए, क्योंकि जल रक्षकों के वेतन समय से न मिलने से उनके आय पर बुरा प्रभाव पड़ा है. ऐसे में समय रहते जल रक्षकों को उनका वेतन ब्याज समेत दिया जाए, ताकि उनके नुकसान की भरपाई हो सके.

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