किन्नौर: केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू और बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी आज किन्नौर दौरे पर रहेंगे. इस दौरान केंद्रीय मंत्री और सीएम सुक्खू चीन बॉर्डर से सटे गांव छितकुल जाएंगे. जहां वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत की जा रही रही विभिन्न निर्माणों का जायजा लेंगे. साथ ही ग्रामीणों की समस्याओं को भी सुनेंगे.
बता दें कि मोदी सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक वाइब्रेंट विलेज योजना भी. जिसमें हिमाचल के किन्नौर जिले के छितकुल गांव को भी शामिल किया गया है. वाइब्रेंट विलेज के तहत छितकुल गांव को टूरिज्म और इन्फ्रॉस्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए चिन्हित किया गया है. जिसके तहत किन्नौर जिले के आखिरी गांव छितकुल में विभिन्न निर्माण गतिविधियां चल रही है. जिसका जायजा लेने आज केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू पहुंच रहे हैं.
बताया जा रहा है कि किन्नौर दौर पर दोनों नेताओं के बीच पावर प्रोजेक्ट पर वाटर सेस को लेकर भी चर्चा हो सकती है, हालांकि, केंद्र ने हिमाचल के वाटर सेस को असंवैधानिक करार दिया है. जबकि भाजपा शासित उत्तराखंड और जम्मू कश्मीर वाटर सेस वसूला जा रहा है. इसके साथ ही सीएम राज्य में स्थापित पावर प्रोजेक्ट में हिमाचल की हिस्सेदारी बढ़ाने और पावर प्रोजेक्टों में मिलने वाली 12 फीसदी रॉयल्टी को 30 प्रतिशत करने की मांग कर सकते हैं.
वाइब्रेंट विलेज योजना: मोदी सरकार की वाइब्रेंट विलेज योजना का मकसद भारत-चीन बार्डर पर बसे गांवों का समग्र विकास करना है. इस योजना के लिए केंद्र सरकार ने 4800 करोड़ रुपए का खर्च निश्चित किया है. इसके अलावा इन गांवों में सड़क नेटवर्क को मजबूत करने के लिए 2,500 करोड़ रुपए अलग से आवंटित किया गया है.
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