किन्नौर: जिला किन्नौर की पहाड़ियों पर विदेशी व देशी पर्यटक ट्रेकिंग करना पसंद करते हैं ,लेकिन जिले की ये पहाड़ियां जितनी खूबसूरत हैं उतने ही यहां के मार्ग खतरनाक है. जिले के पहाड़ियों पर ट्रेकिंग के दौरान दर्जनों पर्यटकों व ट्रेकरों ने अपनी जान गंवाई है. हाल ही मे जिला व उत्तराखंड के सीमांत ट्रेकिंग स्थल लामखागा दर्रे मे 8 पर्यटक मार्ग भटक गए थे. इस दौरान एक पर्यटक की मौत हुई थी. ऐसे में जिला प्रशासन ने पहाड़ियों पर ट्रेकिंग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था. (Trekking banned once again on hills of Kinnaur) (snowfall in kinnaur)
पड़ाड़ों पर ट्रेकिंग पर बैन: किन्नौर प्रशासन ने की पहाड़ियों पर ट्रेकिंग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया था. वहीं प्रशासन ने अक्टूबर माह मे कुछ समय के लिए ट्रैकिंग को बहाल भी किया था, लेकिन अब एक बार फिर पहाड़ियों पर बर्फबारी के बाद प्रशासन ने दोबारा ट्रेकिंग पर प्रतिबंध लगाया है. जिला पर्यटन अधिकारी शशांक गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले के कई ट्रैक उत्तराखंड व तिब्बत सीमा से जुड़ते हैं. ऐसे मे उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों से ट्रैकर खराब मौसम के बाद भी किन्नौर की ओर ट्रैकिंग के लिए आते हैं.
अधिक बर्फबारी के कारण लिया गया फैसला: उन्होंने कहा कि ट्रेकिंग के कारण ट्रेकरों को मुसीबतों का सामना करना पड़ता है. कई ट्रेकरों ने तो पहाड़ियों मे ट्रैकिंग के दौरान अपनी जान भी गंवाई है. उन्होंने कहा कि जिले के लामखागा, रुपिन पास, बुरंगपास व दूसरे दर्रे हैं जहां पर अब अधिक बर्फबारी हुई है. ऐसे में इन पहाड़ियों पर ट्रेकिंग का जोखिम नहीं लिया जा सकता है. प्रशासन ने किन्नौर की पहाड़ियों पर एक बार फिर से ट्रेकिंग पर प्रतिबंध लगाया है, ताकि ट्रैकिंग के दौरान किसी के जानमाल का नुकसान न हो.
निचले क्षेत्र में घूमने की सलाह: पर्यटन अधिकारी ने कहा कि जिले की पहाड़ियों पर हाल ही में कुछ ट्रेकरों ने प्रशासन अनुमति के बगैर ही ट्रेकिंग करने का प्रयास किया था. जिसमें कई पर्यटक मार्ग भटक गए थे. कुछ पर्यटकों ने अपनी जान भी गंवाई थी. ऐसे मे प्रशासन किन्नौर की पहाड़ियों पर किसी भी व्यक्ति को जाने की अनुमति नहीं देगा. सभी पर्यटकों को जिले के निचले क्षेत्रों मे घूमने की सलाह दी गई है.
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