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कल्पा के बालिका आश्रम में पल रहीं 23 बच्चियां, कोरोना काल में भी सुविधाओं में नहीं आई कोई कमी - Deputy Commissioner Hemraj Bairwa

कल्पा में किन्नौर जिले का एकमात्र बालिका आश्रम स्थित है. कल्पा बालिका आश्रम में वह बच्चियां रहती हैं जिनके परिवार नहीं हैं या तो जिनके परिवार आर्थिक रुप से कमजोर हैं. इस बालिका आश्रम को चलाने के लिए सरकार और प्रशासन की ओर से पर्याप्त बजट पारित किया जाता है. इस बालिक आश्रम में डाइनिंग हॉल से लेकर खेलने के मैदान तक की हर सुविधा है.

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Published : May 20, 2021, 4:51 PM IST

किन्नौर: कल्पा में किन्नौर जिले का एकमात्र बालिका आश्रम स्थित है. इस आश्रम में फिलहाल 23 लड़कियां रहती हैं. इन लड़कियों के रहन-सहन का खर्चा प्रशासन और सरकार की ओर से दिया जाता है. इसके अलावा लोगों द्वारा किए गए दान की वजह से भी इस आश्रम का खर्चा चलाया जाता है. जांच पड़ताल में हमारी टीम ने पाया कि कोरोना महामारी के दौरान भी इस बालिका आश्रम की व्यवस्थाओं पर कोई असर नहीं पड़ा है.

कोरोना से प्रभावित नहीं हुई आश्रम की व्यवस्था

कल्पा बालिका आश्रम में वह बच्चियां रहती हैं जिनके परिवार नहीं हैं या तो जिनके परिवार आर्थिक रुप से कमजोर हैं. इस बालिका आश्रम को चलाने के लिए सरकार और प्रशासन की ओर से पर्याप्त बजट पारित किया जाता है. इस बालिक आश्रम में डाइनिंग हॉल से लेकर खेलने के मैदान तक की हर सुविधा है. समय-समय पर प्रशासन द्वारा इस बालिका आश्रम का निरीक्षण किया जाता है. हालांकि कोरोना काल में प्रशासन वीडियो कॉल के माध्यम से ही बच्चियों का हाल-चाल जानता है.

वीडियो.

आश्रम में सही तरीक से हो रही बच्चियों की देखभाल

कोरोना काल के दौरान बालिका आश्रम को समय-समय पर सैनिटाइज किया जाता है. डाइनिंग हॉल में भी सैनिटाइजर की सुविधा दी गई है. जिला उपायुक्त हेमराज बैरवा का कहना है कि बालिका आश्रम में रहनी वाली बच्चियों की देखभाल सही तरीके से की जा रही है. समय-समय पर व्यवस्थाओं की जांच की जाती है. डीसी किन्नौर का कहना है कि कल्पा बालिका आश्रम में दानकर्ताओं और किसी भी तरह की निधि की दिक्कत सामने नहीं आई हैं. भविष्य में भी इस आश्रम की सुविधाओं और बच्चियों की शिक्षा की सुविधाओं को लेकर काम करते रहेंगे.

ये भी पढ़ें: शर्मनाक! क्वारंटाइन सेंटर में नर्स से छेड़छाड़, वीडियो हुआ वायरल

किन्नौर: कल्पा में किन्नौर जिले का एकमात्र बालिका आश्रम स्थित है. इस आश्रम में फिलहाल 23 लड़कियां रहती हैं. इन लड़कियों के रहन-सहन का खर्चा प्रशासन और सरकार की ओर से दिया जाता है. इसके अलावा लोगों द्वारा किए गए दान की वजह से भी इस आश्रम का खर्चा चलाया जाता है. जांच पड़ताल में हमारी टीम ने पाया कि कोरोना महामारी के दौरान भी इस बालिका आश्रम की व्यवस्थाओं पर कोई असर नहीं पड़ा है.

कोरोना से प्रभावित नहीं हुई आश्रम की व्यवस्था

कल्पा बालिका आश्रम में वह बच्चियां रहती हैं जिनके परिवार नहीं हैं या तो जिनके परिवार आर्थिक रुप से कमजोर हैं. इस बालिका आश्रम को चलाने के लिए सरकार और प्रशासन की ओर से पर्याप्त बजट पारित किया जाता है. इस बालिक आश्रम में डाइनिंग हॉल से लेकर खेलने के मैदान तक की हर सुविधा है. समय-समय पर प्रशासन द्वारा इस बालिका आश्रम का निरीक्षण किया जाता है. हालांकि कोरोना काल में प्रशासन वीडियो कॉल के माध्यम से ही बच्चियों का हाल-चाल जानता है.

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आश्रम में सही तरीक से हो रही बच्चियों की देखभाल

कोरोना काल के दौरान बालिका आश्रम को समय-समय पर सैनिटाइज किया जाता है. डाइनिंग हॉल में भी सैनिटाइजर की सुविधा दी गई है. जिला उपायुक्त हेमराज बैरवा का कहना है कि बालिका आश्रम में रहनी वाली बच्चियों की देखभाल सही तरीके से की जा रही है. समय-समय पर व्यवस्थाओं की जांच की जाती है. डीसी किन्नौर का कहना है कि कल्पा बालिका आश्रम में दानकर्ताओं और किसी भी तरह की निधि की दिक्कत सामने नहीं आई हैं. भविष्य में भी इस आश्रम की सुविधाओं और बच्चियों की शिक्षा की सुविधाओं को लेकर काम करते रहेंगे.

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