किन्नौर: नाथपा झाकड़ी विद्युत परियोजना पर मंगलवार को एसजेवीएनएल ने सतलुज नदी की अराधना की. सतलुज पूजा के लिए प्रदेश वन निगम उपाध्यक्ष सूरत नेगी बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे.
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सतलुज पूजा के लिए पहुंचे सूरत नेगी का किन्नौर के पारंपरिक ढोल नगाड़ों से स्वागत किया गया. वहीं, एनजेपीसी प्रमुख संजीव सूद व एनजेपीसी के सैकड़ों कर्मचारी व अधिकारी भी इस पूजा में मौजूद रहे. सतलुज अराधना के लिए काशी के प्रकांड पंडितों को विशेष रूप से बुलाया गया था. जिन्होंने सतलुज, किन्नौर के सभी देवी देवताओं व अन्य आराध्यों के नाम पर पूजा अर्चना की.
किन्नौर के बुजुर्गों का कहना है कि सतलुज के आसपास कोई भी काम करना हो तो उसके लिए नदी की अराधना व स्थानीय देवताओं को पूजना जरूरी है. ऐसा नहीं करने पर सतलुज किसी भी निर्माणाधीन कार्य को सही रूप से होने नहीं देती और इसकी लहरें सबकुछ तबाह कर देती हैं.
मान्यता है कि सतलुज की पूजा करने पर ये नदी अपने आसपास स्थापित सभी निर्मित घरों और कंपनियों को मालामाल कर देती है, इसलिए पुराणों में इसे जांग ती यानी सोने का पानी कहा गया है.
मंगलवार को SJVNL ने सतलुज नदी के प्रवाह को छोड़ने व बिजली उत्पादन को लेकर और किन्नौर के सभी सतलुज से मिलने वाली नदियों को स्वच्छ रखने के लिए पूजा अर्चना की. एनजेपीसी हर साल इस पूजा को करती है और इसकी सफाई भी करती है.
प्रदेश वन निगम उपाध्यक्ष सूरत नेगी ने बताया कि मंगवार को सतलुज नदी जिसे किन्नौर में बहुत स्वच्छ नदियों के रूप में माना जाता है कि SJVNL ने हर साल की भांति नदी की पूजा-अर्चना की. उन्होंने कहा कि ये एक अच्छा कदम है, इससे नदियां स्वच्छ रहेंगी और आध्यात्मिक परंपरा से भी मान्यताओं के हिसाब से सबकुछ ठीक रहेगा. सूरत नेगी ने सतलुज नदी की पूजा करने को खुद का सौभाग्य बताया.
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