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सतलुज की लहरों को शांत करने के लिए SJVNL ने की पूजा, 'सोने की नदी' से की ये कामना

जीवनदायिनी सतलुज नदी की स्वच्छता व निर्मलता को बनाए रखने के लिए मंगलवार को SJVNL ने नाथपा में सतलुज अराधना की. मान्यता है कि सतलुज नदी की पूजा करने पर प्रसन्न होकर नदी आसपास निर्मित घरों और कंपनियों को मालामाल कर देती है, इसलिए पुराणों में इसे जांग ती यानी सोने का पानी कहा गया है.

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Published : May 21, 2019, 11:08 PM IST

Updated : May 22, 2019, 12:00 AM IST

सतलुज की स्वच्छता व निर्मलता के लिए की गई पूजा

किन्नौर: नाथपा झाकड़ी विद्युत परियोजना पर मंगलवार को एसजेवीएनएल ने सतलुज नदी की अराधना की. सतलुज पूजा के लिए प्रदेश वन निगम उपाध्यक्ष सूरत नेगी बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे.

NJPC offered prayers to sutlej river
नाथपा पहुंचे प्रदेश वन निगम उपाध्यक्ष सूरत नेगी

पढ़ें- ऐसा घड़ा जो नदी में बाढ़ आने पर नदी की तरफ जाने की कोशिश करता है! नाम है भीम का घड़ा

सतलुज पूजा के लिए पहुंचे सूरत नेगी का किन्नौर के पारंपरिक ढोल नगाड़ों से स्वागत किया गया. वहीं, एनजेपीसी प्रमुख संजीव सूद व एनजेपीसी के सैकड़ों कर्मचारी व अधिकारी भी इस पूजा में मौजूद रहे. सतलुज अराधना के लिए काशी के प्रकांड पंडितों को विशेष रूप से बुलाया गया था. जिन्होंने सतलुज, किन्नौर के सभी देवी देवताओं व अन्य आराध्यों के नाम पर पूजा अर्चना की.

सतलुज की स्वच्छता व निर्मलता के लिए की गई पूजा

किन्नौर के बुजुर्गों का कहना है कि सतलुज के आसपास कोई भी काम करना हो तो उसके लिए नदी की अराधना व स्थानीय देवताओं को पूजना जरूरी है. ऐसा नहीं करने पर सतलुज किसी भी निर्माणाधीन कार्य को सही रूप से होने नहीं देती और इसकी लहरें सबकुछ तबाह कर देती हैं.

NJPC offered prayers to sutlej river
सतलुज अराधना

मान्यता है कि सतलुज की पूजा करने पर ये नदी अपने आसपास स्थापित सभी निर्मित घरों और कंपनियों को मालामाल कर देती है, इसलिए पुराणों में इसे जांग ती यानी सोने का पानी कहा गया है.

पढ़ें- बर्फीली वादियों के बीच बेहद खूबसूरत है मां भीमाकाली का ये मंदिर, अज्ञातवास के दौरान यहां रूके थे पांडव!

मंगलवार को SJVNL ने सतलुज नदी के प्रवाह को छोड़ने व बिजली उत्पादन को लेकर और किन्नौर के सभी सतलुज से मिलने वाली नदियों को स्वच्छ रखने के लिए पूजा अर्चना की. एनजेपीसी हर साल इस पूजा को करती है और इसकी सफाई भी करती है.

NJPC offered prayers to sutlej river
सतलुज अराधना

प्रदेश वन निगम उपाध्यक्ष सूरत नेगी ने बताया कि मंगवार को सतलुज नदी जिसे किन्नौर में बहुत स्वच्छ नदियों के रूप में माना जाता है कि SJVNL ने हर साल की भांति नदी की पूजा-अर्चना की. उन्होंने कहा कि ये एक अच्छा कदम है, इससे नदियां स्वच्छ रहेंगी और आध्यात्मिक परंपरा से भी मान्यताओं के हिसाब से सबकुछ ठीक रहेगा. सूरत नेगी ने सतलुज नदी की पूजा करने को खुद का सौभाग्य बताया.

NJPC offered prayers to sutlej river
SJVNL ने की सतलुज अराधना

पढ़ें- हिमाचल का एक ऐसा अनोखा शक्तिपीठ, जहां माता की शक्ति के सामने झुक गया था नेपाल का राजा

किन्नौर: नाथपा झाकड़ी विद्युत परियोजना पर मंगलवार को एसजेवीएनएल ने सतलुज नदी की अराधना की. सतलुज पूजा के लिए प्रदेश वन निगम उपाध्यक्ष सूरत नेगी बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे.

NJPC offered prayers to sutlej river
नाथपा पहुंचे प्रदेश वन निगम उपाध्यक्ष सूरत नेगी

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सतलुज पूजा के लिए पहुंचे सूरत नेगी का किन्नौर के पारंपरिक ढोल नगाड़ों से स्वागत किया गया. वहीं, एनजेपीसी प्रमुख संजीव सूद व एनजेपीसी के सैकड़ों कर्मचारी व अधिकारी भी इस पूजा में मौजूद रहे. सतलुज अराधना के लिए काशी के प्रकांड पंडितों को विशेष रूप से बुलाया गया था. जिन्होंने सतलुज, किन्नौर के सभी देवी देवताओं व अन्य आराध्यों के नाम पर पूजा अर्चना की.

सतलुज की स्वच्छता व निर्मलता के लिए की गई पूजा

किन्नौर के बुजुर्गों का कहना है कि सतलुज के आसपास कोई भी काम करना हो तो उसके लिए नदी की अराधना व स्थानीय देवताओं को पूजना जरूरी है. ऐसा नहीं करने पर सतलुज किसी भी निर्माणाधीन कार्य को सही रूप से होने नहीं देती और इसकी लहरें सबकुछ तबाह कर देती हैं.

NJPC offered prayers to sutlej river
सतलुज अराधना

मान्यता है कि सतलुज की पूजा करने पर ये नदी अपने आसपास स्थापित सभी निर्मित घरों और कंपनियों को मालामाल कर देती है, इसलिए पुराणों में इसे जांग ती यानी सोने का पानी कहा गया है.

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मंगलवार को SJVNL ने सतलुज नदी के प्रवाह को छोड़ने व बिजली उत्पादन को लेकर और किन्नौर के सभी सतलुज से मिलने वाली नदियों को स्वच्छ रखने के लिए पूजा अर्चना की. एनजेपीसी हर साल इस पूजा को करती है और इसकी सफाई भी करती है.

NJPC offered prayers to sutlej river
सतलुज अराधना

प्रदेश वन निगम उपाध्यक्ष सूरत नेगी ने बताया कि मंगवार को सतलुज नदी जिसे किन्नौर में बहुत स्वच्छ नदियों के रूप में माना जाता है कि SJVNL ने हर साल की भांति नदी की पूजा-अर्चना की. उन्होंने कहा कि ये एक अच्छा कदम है, इससे नदियां स्वच्छ रहेंगी और आध्यात्मिक परंपरा से भी मान्यताओं के हिसाब से सबकुछ ठीक रहेगा. सूरत नेगी ने सतलुज नदी की पूजा करने को खुद का सौभाग्य बताया.

NJPC offered prayers to sutlej river
SJVNL ने की सतलुज अराधना

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Intro:रामपुर बुशहर 21मई मीनाक्षी


Body:देश की सबसे बड़ी भूमिगत परियोजना ने आज रामपुर में सतलुज आराधना का आयोजन किया । इस दौरान काशी प्रकांड पंडितों द्वारा सतलुज नदी के किनारे आराधना की । इस दौरान एजवीएनएल के मुख्य cmb मौजूद रहे। इस यह कार्यक्रम नाथपा झाकड़ी साइडरो पावर स्टेशन के बांध स्थल नाथपा में किया ।
सतलुज नदी पवित्र मानसरोवर के पशचमि से निकलती है । शिपकिला से भारत में प्रवेश करनें के बाद सतलुज करछम पहुंचने से पहले किन्नौर कैलाश तथा हिमालय के ऊपरी ग्लेशियर क्षेत्र से आने वाले अनगिनत स्त्रोत का जल अपने में समाहित कर क्षिप्र से क्षिप्रतर वेग से बहती है ।
इतिहास के अनुसार मानम सभ्यता के नदी घाटी सभ्यताओं के रूप में ही पनपी व विस्तृत हुई है, मानव एव नदी परस्पर एक दूसरे पर आश्रित है । भारत में नदियां के केवल जल ही नहीं अपितु अपने साथ साथ जीवन धारा को भी सहेजे हुए हैं । सतलुज भी ऐसी ही जीवन दायिनी नदी है ।


Conclusion:
Last Updated : May 22, 2019, 12:00 AM IST
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