किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर के ऊपरी क्षेत्रों में नववर्ष का कार्यक्रम शुरू हो गया है. जिला के पूह खंड में नव वर्ष को 'लोसर' के नाम से जाना जाता है. यह जिला के हर क्षेत्र में दिसंबर माह के अलग-अलग तिथि में अपने-अपने गांव के रीति-रिवाजों के अनुसार मनाया जाता है.
पूह खण्ड में नव वर्ष का कार्यक्रम
टीएसी मेंबर शान्ता नेगी ने जानकारी देते हुए कहा कि जिला किन्नौर में नववर्ष का कार्यक्रम शुरू हो गया है, जो खासकर जिला के ऊपरी क्षेत्र पूह खण्ड में मनाया जाता है. इस लोसर के नाम से जाना जाता है. लोसर का मतलब नया साल होता है. इस अवसर पर स्थानीय देवी देवताओं की पूजा होती है और ग्रामीण एक-दूसरे को घर पर जाकर बधाइयां देते हैं, लेकिन इस वर्ष कोविड के चलते लोसर को ग्रामीण स्तर पर नहीं मनाया जा रहा है.
लोगों से अपील
शान्ता नेगी ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि सावधानी के साथ नए साल का जश्न मनाएं. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का खास ख्याल रखें, ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके.
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