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किन्नौर का ऐसा गांव जिसे दुश्मन कभी नहीं देख पाए, आज भी धरती के नीचे बसती है अलग दुनिया!

किन्नौर का नेसङ्ग गांव अपने आप में कई रहस्यों और रोमांचक किस्सों को समेटे हुए है. इस गांव को बायुलो कहा जाता है, जिसका अर्थ है गुप्त जो दिखाई न दे.

किन्नौर का नेसङ्ग गांव
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Published : Apr 30, 2019, 2:59 PM IST

शिमला: जनजातीय जिला किन्नौर का नेसङ्ग गांव, जिसे बायुलो नेसङ्ग के नाम से जाना जाता है, की कहानी बड़ी दिलचस्प है और कई वाकये असमंजस में डालने वाले हैं. बायुलो का अर्थ होता है गुप्त जो दिखाई न दे. नेसङ्ग का इतिहास हज़ारो वर्ष पुराना है इस धरती को बड़े बड़े बुद्धिस्ट लामाओं की तपोभूमि के नाम से भी जाना जाता है.

Nesng Village of kinnaur
नेसङ्ग गांव

जब किन्नौर महासू राजा शासन रामपुर रियासत के अधीन था तो कई क्षत्रु देश किन्नौर पर हमला करते रहते थे ताकि कुछ हिस्सा वे हथिया सकें. किन्नौर के लगभग अधिकतर क्षेत्रो में क्षत्रु देशों के हमलों के कई जगह साक्ष्य भी मिलते हैं, लेकिन किन्नौर के नेसङ्ग गांव को कोई भी क्षत्रु नहीं ढूंढ पाया क्योंकि यं पहाड़ो से ढकी हुई थी और कहीं से भी नज़र नहीं आती थी, जिससे क्षत्रु यहां तक कभी नहीं पहुंच पाए.

Nesng Village of kinnaur
नेसङ्ग गांव

नेसङ्ग के कई बुजुर्गों का कहना है कि नेसङ्ग बड़े बड़े लामाओं के तपोभूमि के साथ-साथ एक ऐसा बहुत आध्यात्मिक भी है. यहां जंगली जानवरों को मारना बहुत बड़ा पाप माना जाता है इसलिए जगह-जगह बुद्धिस्ट छोसतेंन यानी स्तूप बनाए गए हैं ताकि लोगों को इन स्तूपों से निकली सकारात्मक शक्ति मिले.

Nesng Village of kinnaur
नेसङ्ग गांव की पहाड़ियां

वहीं, इस गांव का एक और हैरान करने वाला तथ्य सामने आया है. नेसङ्ग के स्थानीय लोगों और लामाओं का कहना है कि नेसङ्ग में एक पवित्र जगह है. तोंगतोंग नाम की ये जगह ठीक गांव के सामने और जंगलों के बीच है. कहा जाता है कि जब भी कोई इंसान चलकर उस धरती पर पैर रख दे तो आवाजें आती हैं.

बड़े बड़े लामाओं का कहना है कि जिस स्थान से आवाज़ें आती हैं, उसके नीचे एक और दुनिया है. उस दुनिया के लोग बिना नमक के खाना खाते हैं और उस दुनिया के लोग पाप से कई कोसों दूर हैं. नेसङ्ग स्थित इस ज़मीन पर कोई ज़ोर से पैर रखता है तो नीचे से आवाज आती है और अगर कोई व्यक्ति उस धरती पर जोर से पैर रख दे तो उसके पैर में दर्द शुरू हो जाता है.

Nesng Village of kinnaur
पनगरनग माता का मंदिर

नेसङ्ग की एक और पहाड़ी पर पनगरनग माता भी विराजमान हैं. ग्रामीण बताते हैं कि पनगरनग माता के स्थापित मंदिर के पास एक सांप को आईटीबीपी के एक जवान ने कई साल पहले मारा था. जवान ट्रेकिंग पर जा रहा था तो एक सांप ने उसका रास्ता रोका. जवान ने रास्ते के सांप को मार डाला, लेकिन बाद में वो सांप फिर जिंदा हो गया. जिसके बाद आईटीबीपी के जवान को किसी देव शक्ति होने का आभास हुआ. जवान ने अपनी गलती मानकर उस जगह पर मंदिर स्थापित करने की इच्छा जाहिर की.

Nesng Village of kinnaur
पहाड़ियों के बीच बसा नेसङ्ग गांव

मंदिर बनाने के लिए उस वक्त नेसङ्ग से 160 किलोमीटर दूर से सीमेंट व अन्य सामान लाकर पनगरनग माता का मंदिर स्थापित किया गया. ग्रामीण बताते हैं कि पनगरनग माता समस्त गांव की रक्षा करती है व नाकारात्मक शक्तियों को गांव मे प्रवेश होने से रोकती है. पनगरनग माता का मंदिर नेसङ्ग से 6 किलोमीटर ऊपर पहाड़ी पर स्थित है.

बता दें नेसङ्ग के इन्ही स्थानों के आसपास मशहूर बौद्ध धर्म के गुरु गोविंद लामा ने भी तपस्या कर पूरे हिमाचल में पैदल यात्रा की थी. इस गांव में और भी कई रहस्यमयी कहानियां हैं जो आज भी शोध का विषय बनी हुई हैं.

शिमला: जनजातीय जिला किन्नौर का नेसङ्ग गांव, जिसे बायुलो नेसङ्ग के नाम से जाना जाता है, की कहानी बड़ी दिलचस्प है और कई वाकये असमंजस में डालने वाले हैं. बायुलो का अर्थ होता है गुप्त जो दिखाई न दे. नेसङ्ग का इतिहास हज़ारो वर्ष पुराना है इस धरती को बड़े बड़े बुद्धिस्ट लामाओं की तपोभूमि के नाम से भी जाना जाता है.

Nesng Village of kinnaur
नेसङ्ग गांव

जब किन्नौर महासू राजा शासन रामपुर रियासत के अधीन था तो कई क्षत्रु देश किन्नौर पर हमला करते रहते थे ताकि कुछ हिस्सा वे हथिया सकें. किन्नौर के लगभग अधिकतर क्षेत्रो में क्षत्रु देशों के हमलों के कई जगह साक्ष्य भी मिलते हैं, लेकिन किन्नौर के नेसङ्ग गांव को कोई भी क्षत्रु नहीं ढूंढ पाया क्योंकि यं पहाड़ो से ढकी हुई थी और कहीं से भी नज़र नहीं आती थी, जिससे क्षत्रु यहां तक कभी नहीं पहुंच पाए.

Nesng Village of kinnaur
नेसङ्ग गांव

नेसङ्ग के कई बुजुर्गों का कहना है कि नेसङ्ग बड़े बड़े लामाओं के तपोभूमि के साथ-साथ एक ऐसा बहुत आध्यात्मिक भी है. यहां जंगली जानवरों को मारना बहुत बड़ा पाप माना जाता है इसलिए जगह-जगह बुद्धिस्ट छोसतेंन यानी स्तूप बनाए गए हैं ताकि लोगों को इन स्तूपों से निकली सकारात्मक शक्ति मिले.

Nesng Village of kinnaur
नेसङ्ग गांव की पहाड़ियां

वहीं, इस गांव का एक और हैरान करने वाला तथ्य सामने आया है. नेसङ्ग के स्थानीय लोगों और लामाओं का कहना है कि नेसङ्ग में एक पवित्र जगह है. तोंगतोंग नाम की ये जगह ठीक गांव के सामने और जंगलों के बीच है. कहा जाता है कि जब भी कोई इंसान चलकर उस धरती पर पैर रख दे तो आवाजें आती हैं.

बड़े बड़े लामाओं का कहना है कि जिस स्थान से आवाज़ें आती हैं, उसके नीचे एक और दुनिया है. उस दुनिया के लोग बिना नमक के खाना खाते हैं और उस दुनिया के लोग पाप से कई कोसों दूर हैं. नेसङ्ग स्थित इस ज़मीन पर कोई ज़ोर से पैर रखता है तो नीचे से आवाज आती है और अगर कोई व्यक्ति उस धरती पर जोर से पैर रख दे तो उसके पैर में दर्द शुरू हो जाता है.

Nesng Village of kinnaur
पनगरनग माता का मंदिर

नेसङ्ग की एक और पहाड़ी पर पनगरनग माता भी विराजमान हैं. ग्रामीण बताते हैं कि पनगरनग माता के स्थापित मंदिर के पास एक सांप को आईटीबीपी के एक जवान ने कई साल पहले मारा था. जवान ट्रेकिंग पर जा रहा था तो एक सांप ने उसका रास्ता रोका. जवान ने रास्ते के सांप को मार डाला, लेकिन बाद में वो सांप फिर जिंदा हो गया. जिसके बाद आईटीबीपी के जवान को किसी देव शक्ति होने का आभास हुआ. जवान ने अपनी गलती मानकर उस जगह पर मंदिर स्थापित करने की इच्छा जाहिर की.

Nesng Village of kinnaur
पहाड़ियों के बीच बसा नेसङ्ग गांव

मंदिर बनाने के लिए उस वक्त नेसङ्ग से 160 किलोमीटर दूर से सीमेंट व अन्य सामान लाकर पनगरनग माता का मंदिर स्थापित किया गया. ग्रामीण बताते हैं कि पनगरनग माता समस्त गांव की रक्षा करती है व नाकारात्मक शक्तियों को गांव मे प्रवेश होने से रोकती है. पनगरनग माता का मंदिर नेसङ्ग से 6 किलोमीटर ऊपर पहाड़ी पर स्थित है.

बता दें नेसङ्ग के इन्ही स्थानों के आसपास मशहूर बौद्ध धर्म के गुरु गोविंद लामा ने भी तपस्या कर पूरे हिमाचल में पैदल यात्रा की थी. इस गांव में और भी कई रहस्यमयी कहानियां हैं जो आज भी शोध का विषय बनी हुई हैं.

Intro:शिमला चलती कार रेप मामला
डीजी ने मौके पर जाकर खंगाले सबूत,डीजी ने उस युवक से भी बात की जिसने युवती को सड़क पर नग्न अवस्था मे देखा था और उसको अपनी शर्ट दी थी


Body:शिमला चलती कार रेप मामला
डीजी ने मौके पर जाकर खंगाले सबूत


Conclusion:शिमला चलती कार रेप मामला
डीजी ने मौके पर जाकर खंगाले सबूत
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