किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर में कोरोना वायरस को लेकर इन दिनों लोग काफी गंभीर हो चुके हैं. लोग इस महामारी के खोफ के साए में जीने पर मजबूर है. इस वक्त जिला किन्नौर में 31 कोरोना मरीज एक्टिव हैं. जिनमें से 22 जवान आईटीबीपी के हैं. इस विषय पर किन्नौर से विधायक जगत सिंह नेगी ने केंद्र सरकार पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं.
जगत सिंह नेगी ने कहा कि जिला किन्नौर कुछ समय पहले कोरोना मुक्त होने की कागार पर था, लेकिन जिला में दर्जनों की संख्या में कोरोना पॉजिटिव के मामले सामने आ रहे हैं. जगत सिंह नेगी ने कहा कि यह सब केंद्र सरकार की लापरवाही का नतीजा है. सरकार ने आईटीबीपी के जवानों के साथ भी लापरवाह रवैया अपनाया है. सरकार ने जवानों को बिना कोविड-19 टेस्ट के लिए सीमा पर भेज दिया.
जगत सिंह नेगी ने कहा कि आलम यह है कि आज जिला किन्नौर में आईटीबीपी के जवानों के कोरोना पॉजिटिव होने से आसपास के क्षेत्र के लोग भी डर के साय में जी रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिला किन्नौर में आईटीबीपी के जवानों के अलावा दूसरे लोग भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, लेकिन उन सब को रिकांगपिओ कोविड डेडिकेटेड सेंटर में लाया गया है.
जगत सिंह नेगी ने कहा कि इस डेडिकेटेड सेंटर के आसपास रिहायशी इलाका है. इस बारे में सरकार को पहले ही बताया गया है कि टापरी के समीप जेएसडब्ल्यू के संजीवनी अस्पताल को कोविड सेंटर में तब्दील करना चाहिए था. जहां डॉक्टरों के साथ कोरोना मरीजों को अच्छी व्यवस्थाएं मिल सकती हैं. उन्होंने कहा कि रिकांगपिओ में डेडिकेटेड कोविड सेंटर में व्यवस्थाओं की कमी है. दूसरी तरफ क्षेत्रीय चिकित्सालय के नजदीक होने से लोग चिकित्सालय में स्वास्थ्य जांच करने से भी घबरा रहे हैं. ऐसे में कोविड सेंटर के लिए प्रशासन और सरकार को जेएसडब्ल्यू के अस्पताल को अपने अधीन लेना चाहिए.
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