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KINNAUR: अब भूस्खलन से पहले मिलेगी चेतावनी, प्रशासन ने बटसेरी में स्थापित किया Early Warning System - बटसेरी में भूस्खलन

जनजातीय जिला किन्नौर के अति संवेदनशील भूस्खलन स्थलों पर अर्ली वार्निंग सिस्टम और लैंड मॉनिटरिंग प्रणाली स्थापित करने (Early Warning System in Batseri) का कार्य शुरू कर दिया गया है. इनके लग जाने से अब किसी भी प्रकार भूस्खलन की पूर्व सूचना मिल जाएगी और किसी भी आपदा को समय रहते टाला जा सकेगा.

early warning system
अर्ली वार्निंग सिस्टम.
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Published : Apr 9, 2022, 8:12 PM IST

किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर के अति संवेदनशील भूस्खलन स्थलों पर अर्ली वार्निंग सिस्टम और लैंड मॉनिटरिंग प्रणाली स्थापित करने (Early Warning System in Batseri) का कार्य शुरू कर दिया गया है. यह जानकारी देते हुए उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने बताया कि जिले में ऐसे अति संवेदनशील स्थानों जहां पर भूस्खलन का हमेशा खतरा बना रहता है उन्हें जिला प्रशासन द्वारा चिन्हित किया गया है. उन्होंने कहा कि ऐसे स्थानों पर आईआईटी मंडी द्वारा विकसित अर्ली वार्निग सिस्टम (पूर्व चेतावनी प्रणाली) लगाया जा रहा है.

अर्ली वार्निंग सिस्टम लगने के बाद अब किसी भी प्रकार के भूस्खलन की पूर्व सूचना मिल जाएगी और किसी भी आपदा को समय रहते टाला जा सकेगा. उन्होंने कहा कि जिले में प्रथम चरण में ऐसे 6 संवेदनशील स्थान चिन्हित किए गए हैं, जहां पर आईआईटी मंडी के विशेषज्ञ द्वारा यह प्रणाली स्थापित करनी शुरू कर दी गई है. उन्होंने बताया कि इस प्रणाली के तहत ऐसे संवेदनशील स्थान जहां भूस्खलन का खतरा होता है पर अलार्म सिस्टम स्थापित किया जाता है. जैसे ही भूगर्भ में कोई हलचल होती है, उसकी सूचना जिला आपदा केंद्र, स्थानीय पंचायत प्रधान और स्थल के साथ लगती सड़क के किनारे लगे खंभे पर लाल लाईट जलती है और चेतावनी अलार्म बज जाता है. जो वाहन चालकों और राहगीरों को भूस्खलन (Landslide in Batseri of kinnaur) के खतरे से सचेत करेगा.

उन्होंने कहा कि इस प्रणाली के स्थापित हो जाने से जिले में भूस्खलन से जान माल की सुरक्षा सुनिश्चित होगी. उल्लेखनीय है कि गत वर्ष जिले के बटसेरी में भूस्खलन की चपेट में आने से 9 पर्यटकों और नियुगलसरी के निकट 28 व्यक्तियों की भूस्खलन की चपेट में आने से मौत हो गई थी. इसी को देखते हुए प्रशासन ऐसे स्थानों पर अर्ली वार्निंग सिस्टम स्थापित कर रहा है.

ये भी पढ़ें: थाईलैंड ओपन इंटरनेशनल बॉक्सिंग टूर्नामेंट: हिमाचल प्रदेश के आशीष चौधरी ने जीता रजत पदक

किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर के अति संवेदनशील भूस्खलन स्थलों पर अर्ली वार्निंग सिस्टम और लैंड मॉनिटरिंग प्रणाली स्थापित करने (Early Warning System in Batseri) का कार्य शुरू कर दिया गया है. यह जानकारी देते हुए उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने बताया कि जिले में ऐसे अति संवेदनशील स्थानों जहां पर भूस्खलन का हमेशा खतरा बना रहता है उन्हें जिला प्रशासन द्वारा चिन्हित किया गया है. उन्होंने कहा कि ऐसे स्थानों पर आईआईटी मंडी द्वारा विकसित अर्ली वार्निग सिस्टम (पूर्व चेतावनी प्रणाली) लगाया जा रहा है.

अर्ली वार्निंग सिस्टम लगने के बाद अब किसी भी प्रकार के भूस्खलन की पूर्व सूचना मिल जाएगी और किसी भी आपदा को समय रहते टाला जा सकेगा. उन्होंने कहा कि जिले में प्रथम चरण में ऐसे 6 संवेदनशील स्थान चिन्हित किए गए हैं, जहां पर आईआईटी मंडी के विशेषज्ञ द्वारा यह प्रणाली स्थापित करनी शुरू कर दी गई है. उन्होंने बताया कि इस प्रणाली के तहत ऐसे संवेदनशील स्थान जहां भूस्खलन का खतरा होता है पर अलार्म सिस्टम स्थापित किया जाता है. जैसे ही भूगर्भ में कोई हलचल होती है, उसकी सूचना जिला आपदा केंद्र, स्थानीय पंचायत प्रधान और स्थल के साथ लगती सड़क के किनारे लगे खंभे पर लाल लाईट जलती है और चेतावनी अलार्म बज जाता है. जो वाहन चालकों और राहगीरों को भूस्खलन (Landslide in Batseri of kinnaur) के खतरे से सचेत करेगा.

उन्होंने कहा कि इस प्रणाली के स्थापित हो जाने से जिले में भूस्खलन से जान माल की सुरक्षा सुनिश्चित होगी. उल्लेखनीय है कि गत वर्ष जिले के बटसेरी में भूस्खलन की चपेट में आने से 9 पर्यटकों और नियुगलसरी के निकट 28 व्यक्तियों की भूस्खलन की चपेट में आने से मौत हो गई थी. इसी को देखते हुए प्रशासन ऐसे स्थानों पर अर्ली वार्निंग सिस्टम स्थापित कर रहा है.

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