किन्नौर: जिला किन्नौर में इस मर्तबा मई महीने में भी दिसंबर माह की भांति ठंड बढ़ गई है. जिले के ऊंचे ग्रामीण इलाकों में बर्फबारी तो निचले इलाकों में बारिश ने ठंड का प्रकोप शुरू कर दिया है. लिहाजा किन्नौर जिला अब तक शीत लहर की चपेट में है. लोगों ने दोबारा से गर्म कपड़े पहनने शुरू कर दिए हैं.
सेब की फसल कम होने की आशंका: किन्नौर जिला सेब बहुल क्षेत्र है जहां पर प्रतिवर्ष करीब 33 से 35 लाख सेब की पेटियां मंडी तक पहुंचती हैं, लेकिन इस साल मई महीने में बर्फबारी के बाद बागवानों के सेब की फसल पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता नजर आ रहा है, क्योंकि बर्फबारी के बाद सेब के पेड़ों की टहनियां टूटने के साथ फ्लावरिंग पर भी इसका असर देखने को मिला है. जिसके चलते सेब की फसल कम होने की आशंका भी जताई जा रही है. हालांकि जिले के निचले क्षेत्रों में सेब के फूलों की अच्छी सेटिंग बताई जा रही है, लेकिन निचले क्षेत्रों में ज्यादा बारिश को नुकसानदायक भी बताया जा रहा है.
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प्रशासन ने की ये अपील: जिला किन्नौर के छितकुल व रकछम में करीब 7 से 8 इंच तक बर्फबारी हुई है. वहीं, आसरंग व लिप्पा गांव के ऊंचे क्षेत्रों में करीब 8 इंच व कुनो चारंग की पहाड़ियों पर भी 8 इंच के आसपास बर्फबारी हुई है. ऐसे में इन क्षेत्रों में ठंड के चलते ग्रामीण पिछले 5 दिनों से घरों मे आग का सहारा ले रहे हैं और सड़कों की बात की जाए तो बर्फबारी व बारिश के चलते जिला किन्नौर के निगुलसरी के समीप भी पहाड़ों से पत्थर गिर रहे हैं. इस बाबत प्रशासन ने लोगों को एहतियात बरतने की भी सलाह दी है.
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