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किन्नौर में बागवानों की बढ़ी चिंता, मजदूरों पर टिका सेब और मटर का सीजन - किन्नौर में किसानों को नहीं मिल रहे मजदूर

किन्नौर में किसानों और बागवानों को मजदूर ना मिलने से भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बागवानों का कहना है कि अगर समय रहते उन्हें मजदूर नहीं मिलेंगे तो सेब सीजन में उन्हें भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है.

Farmers are not getting labourers in kinnaur
किन्नौर में किसानों को नहीं मिल रहे मजदूर
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Published : May 20, 2020, 4:06 PM IST

किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर अपने सेब और मटर की फसल के लिए देश भर में जाना जाता है. ऐसे में लंबे लॉकडाउन के चलते जिला से हजारों की तादाद में मजदूर पलायन कर चुके हैं. जिससे किसानों और बागवानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

बता दें कि लॉकडाउन की अवधि अगर और बढ़ती है तो सेब सीजन पर भी खतरा मंडरा सकता है. बागवानी विभाग के मुताबिक जिला में करीब 30 से 33 लाख पेटियां निकलती हैं. जिसके लिए नेपाली मजदूरों की आवश्यकता पड़ती है, जो इस बार शायद ही पूरी हो पाएगी.

जिला के बागवानों और किसानों का कहना है कि जिला में बिना नेपाली मजदूरों के सेब और मटर की फसलों पर खतरा मंडरा रहा है क्योंकि नेपाली मजदूरों पर ही जिला किन्नौर के सारे बागवानी और किसानी के काम टिके हुए हैं, लेकिन इस साल लॉकडाउन के चलते नेपाल बॉर्डर बंद हैं. ऐसे में इस साल बागवानी और किसानी के काम बुरी तरह प्रभावित हुए हैं.

वीडियो रिपोर्ट

डीसी किन्नौर गोपालचन्द ने बताया कि जिला में प्रशासन के पास 5 हजार मजदूर मौजूदा समय मे रजिस्टर है जिससे ही लोगो को अभी काम चलाना पड़ रहा है अब आगामी आदेशो तक मजदूरों के जिला में प्रवेश पर कुछ नही कहा जा सकता है.

किन्नौर विधायक ने सरकार से टापरी में सेब, सब्जी मंडी खोलने की मांग की है ताकि जिला के लोगो को अपने सेब सीजन में जिला में सेब बेचने की सुविधा मिल सके और व्यापारियों को भी इसका लाभ मिले.

ये भी पढ़ें: कांगड़ा में कोरोना के 5 नये मामले, प्रदेश में 98 पहुंचा आंकड़ा

किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर अपने सेब और मटर की फसल के लिए देश भर में जाना जाता है. ऐसे में लंबे लॉकडाउन के चलते जिला से हजारों की तादाद में मजदूर पलायन कर चुके हैं. जिससे किसानों और बागवानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

बता दें कि लॉकडाउन की अवधि अगर और बढ़ती है तो सेब सीजन पर भी खतरा मंडरा सकता है. बागवानी विभाग के मुताबिक जिला में करीब 30 से 33 लाख पेटियां निकलती हैं. जिसके लिए नेपाली मजदूरों की आवश्यकता पड़ती है, जो इस बार शायद ही पूरी हो पाएगी.

जिला के बागवानों और किसानों का कहना है कि जिला में बिना नेपाली मजदूरों के सेब और मटर की फसलों पर खतरा मंडरा रहा है क्योंकि नेपाली मजदूरों पर ही जिला किन्नौर के सारे बागवानी और किसानी के काम टिके हुए हैं, लेकिन इस साल लॉकडाउन के चलते नेपाल बॉर्डर बंद हैं. ऐसे में इस साल बागवानी और किसानी के काम बुरी तरह प्रभावित हुए हैं.

वीडियो रिपोर्ट

डीसी किन्नौर गोपालचन्द ने बताया कि जिला में प्रशासन के पास 5 हजार मजदूर मौजूदा समय मे रजिस्टर है जिससे ही लोगो को अभी काम चलाना पड़ रहा है अब आगामी आदेशो तक मजदूरों के जिला में प्रवेश पर कुछ नही कहा जा सकता है.

किन्नौर विधायक ने सरकार से टापरी में सेब, सब्जी मंडी खोलने की मांग की है ताकि जिला के लोगो को अपने सेब सीजन में जिला में सेब बेचने की सुविधा मिल सके और व्यापारियों को भी इसका लाभ मिले.

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