किन्नौरः देश व प्रदेश के साथ-साथ प्रतिदिन कोरोना के मामले गंभीर रूप धारण कर रहे हैं. परंतु जनजातिय क्षेत्र किन्नौर में कोविड-19 के लिए उचित संसाधन तक नहीं हैं. यह बात किन्नौर विधायक जगत सिंह नेगी ने रिकांगपिओ में प्रेस वार्ता करते हुए कही. इस अवसर पर उनके साथ इंटक प्रदेश सचिव कुलवंत नेगी व कांग्रेस कमेटी के जिला प्रवक्ता डॉ. सूर्या नेगी भी मौजूद थे.
जगत सिंह नेगी ने कहा
विधायक किन्नौर जगत सिंह नेगी ने कहा कि क्षेत्र के रिकांगपिओ चिकित्सालय में वेंटिलेटर तो है परंतु वेंटिलेटर को चलाने के लिए एनेस्थीसिया चिकित्सक नहीं है तथा बिना ऑक्सीजन के इनका कोई लाभ नहीं है. उन्होंने कहा कि जिला में अगर किसी कोरोना मरीज को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती है तो यहां इसकी सुविधा नहीं है. जिसके चलते पहले से मरीज को रामपुर रेफर करेंगे.
परंतु रामपुर में भी यह सुविधा नहीं है. फिर शिमला रेफर करेंगे जो कि यहां से लगभग 250 किलोमीटर दूर है. जबकि शिमला पहले ही कोविड मरीजों की से भरा हुआ है. इस लिए जिला के टापरी समीप बने जेएसडब्लू के संजीवनी अस्पताल को डेडिकेटेड कोविड सेंटर बनाने की आवश्यकता है.
जेएसडब्ल्यू संजीवन चिकित्सालय कोविड डेडिकेटेड सेंटर बनाने की मांग
विधायक किन्नौर ने कहा कि जेएसडब्ल्यू संजीवन चिकित्सालय क्षेत्र के लोगों के लिए बना है तथा इस अस्पताल में सारी सुविधाएं हैं. इसलिए सरकार व प्रशासन द्वारा इसे शीघ्र कोविड डेडिकेटेड सेंटर बनाना चाहिए. जगत सिंह नेगी ने कहा कि पिछले कोरोना काल मे भी यह मांग विधानसभा व अन्य बैठकों में बार-बार उठाते रहे. परंतु क्या कारण है कि सरकार इसे कोविड डेडिकेटेड सेंटर बनाने के लिए तैयार नहीं है.
उन्होंने कहा कि यदि संजीवन अस्पताल डेडिकेटेड कोविड डेडिकेटेड सेंटर बनाया जाता है तो यहां वेंटिलेटर के साथ-साथ अन्य सुविधाएं भी हैं. जिससे किन्नौर में जो भी कोरोना संक्रमित हो जाता है तो उन्हें यहां पर ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं दे सकते हैं.
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