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कोठी पंचायत को परियोजना प्रभावित क्षेत्र में लाने के लिए कोठी के ग्रामीण जाएंगे कोर्ट: दयाल नेगी - himachal pradesh news

कल्पा खंड की कोठी पंचायत के प्रधान पद के लिए चुनाव लड़ रहे दयाल नेगी ने कहा कि जिला किन्नौर के कोठी पंचायत पिछले कई वर्षों से परियोजना प्रभावित क्षेत्र में आता है, लेकिन दस्तावेजों के पूरे नही होने से कोठी पंचायत के लोग आज तक प्रभावित क्षेत्र का कोई भी लाभ नहीं ले सके हैं.

Kinnaur Kothi Panchayat Election News, किन्नौर कोठी पंचायत इलेक्शन न्यूज
दयाल नेगी
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Published : Jan 11, 2021, 6:36 PM IST

किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर के कल्पा खंड की कोठी पंचायत के प्रधान पद के लिए चुनाव लड़ रहे दयाल नेगी ने कहा कि जिला किन्नौर के कोठी पंचायत पिछले कई वर्षों से परियोजना प्रभावित क्षेत्र में आता है, लेकिन दस्तावेजों के पूरे नही होने से कोठी पंचायत के लोग आज तक प्रभावित क्षेत्र का कोई भी लाभ नहीं ले सके हैं.

दयाल नेगी ने कहा कि इस वर्ष मार्च महीने के बाद कोरोनाकाल शुरू हुआ था जिसके बाद लॉकडाउन की परिस्थितियों में पंचायत के कई बड़े काम रुक गए जिसमें कोठी गांव का श्मशानघाट जो अब तक पंचायत के क्षेत्र में होने के बावजूद पंचायत के नाम पर नहीं है. जिसके चलते परियोजना प्रभावित क्षेत्र से गांव को बाहर किया गया है.

वीडियो रिपोर्ट.

दयाल नेगी ने कहा कि कोठी पंचायत के श्मशान घाट व उसके आसपास लगते क्षेत्र को पिछले कई वर्षों से पंचायत राजस्व विभाग के साथ मिलकर पंचायत के नाम करने के लिए सभी दस्तावेज बना रही थी, लेकिन कोरोना काल के दौरान सभी दस्तावेजों के काम रुक गए और आजतक वह क्षेत्र की भूमि पंचायत के नाम नहीं हुई है. जिसके चलते जलविद्युत परियोजनाओं द्वारा कोठी गांव को प्रभावित क्षेत्र से बाहर किया है.

'ग्रामीणों को रोजगार व परियोजना से मिलने वाली दूसरी सुविधाएं भी मिल सके'

दयाल नेगी ने कहा कि कोठी पंचायत के आसपास के सभी क्षेत्रों को परियोजना प्रभावित क्षेत्र के सभी लाभ मिल रहे हैं. उन्होंने कहा कि वे इस बार पंचायत चुनावों में प्रधान पद के लिए खड़े हुए हैं और यदि वे गांव के प्रधान पद के लिए जीत हासिल करते हैं तो वे सबसे पहले कोठी पंचायत को परियोजना प्रभावित क्षेत्र में लाने की सभी प्रकियाएं शुरू करेंगे, ताकि कोठी के ग्रामीणों को रोजगार व परियोजना से मिलने वाली दूसरी सुविधाएं भी मिल सके.

6 पंचायतें हैं जो परियोजना प्रभावित क्षेत्रों के अंतर्गत आती हैं

बता दें कि जिला के कोठी पंचायत के आसपास करीब 6 पंचायतें हैं जो परियोजना प्रभावित क्षेत्रों के अंतर्गत आती हैं. जिन्हें 5 सौ दिन के रोजगार के अलावा मकान इत्यादि बनाने के लिए रेता, बजरी की सुविधा मिलती है, लेकिन कोठी पंचायत के नाम परियोजना के आसपास भूमि नाम पर नहीं होने से उन्हें प्रभावित क्षेत्र से बाहर किया है. जिसके चलते उन्हें परियोजनाओं का कोई भी लाभ नहीं मिल रहा है, जबकि कोठी पंचायत के श्मशान व आसपास की भूमि उनके क्षेत्र में आता है, लेकिन सेटलमेंट के दौरान कागजों में यह भूमि नाम पर नहीं चढ़ी है.

किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर के कल्पा खंड की कोठी पंचायत के प्रधान पद के लिए चुनाव लड़ रहे दयाल नेगी ने कहा कि जिला किन्नौर के कोठी पंचायत पिछले कई वर्षों से परियोजना प्रभावित क्षेत्र में आता है, लेकिन दस्तावेजों के पूरे नही होने से कोठी पंचायत के लोग आज तक प्रभावित क्षेत्र का कोई भी लाभ नहीं ले सके हैं.

दयाल नेगी ने कहा कि इस वर्ष मार्च महीने के बाद कोरोनाकाल शुरू हुआ था जिसके बाद लॉकडाउन की परिस्थितियों में पंचायत के कई बड़े काम रुक गए जिसमें कोठी गांव का श्मशानघाट जो अब तक पंचायत के क्षेत्र में होने के बावजूद पंचायत के नाम पर नहीं है. जिसके चलते परियोजना प्रभावित क्षेत्र से गांव को बाहर किया गया है.

वीडियो रिपोर्ट.

दयाल नेगी ने कहा कि कोठी पंचायत के श्मशान घाट व उसके आसपास लगते क्षेत्र को पिछले कई वर्षों से पंचायत राजस्व विभाग के साथ मिलकर पंचायत के नाम करने के लिए सभी दस्तावेज बना रही थी, लेकिन कोरोना काल के दौरान सभी दस्तावेजों के काम रुक गए और आजतक वह क्षेत्र की भूमि पंचायत के नाम नहीं हुई है. जिसके चलते जलविद्युत परियोजनाओं द्वारा कोठी गांव को प्रभावित क्षेत्र से बाहर किया है.

'ग्रामीणों को रोजगार व परियोजना से मिलने वाली दूसरी सुविधाएं भी मिल सके'

दयाल नेगी ने कहा कि कोठी पंचायत के आसपास के सभी क्षेत्रों को परियोजना प्रभावित क्षेत्र के सभी लाभ मिल रहे हैं. उन्होंने कहा कि वे इस बार पंचायत चुनावों में प्रधान पद के लिए खड़े हुए हैं और यदि वे गांव के प्रधान पद के लिए जीत हासिल करते हैं तो वे सबसे पहले कोठी पंचायत को परियोजना प्रभावित क्षेत्र में लाने की सभी प्रकियाएं शुरू करेंगे, ताकि कोठी के ग्रामीणों को रोजगार व परियोजना से मिलने वाली दूसरी सुविधाएं भी मिल सके.

6 पंचायतें हैं जो परियोजना प्रभावित क्षेत्रों के अंतर्गत आती हैं

बता दें कि जिला के कोठी पंचायत के आसपास करीब 6 पंचायतें हैं जो परियोजना प्रभावित क्षेत्रों के अंतर्गत आती हैं. जिन्हें 5 सौ दिन के रोजगार के अलावा मकान इत्यादि बनाने के लिए रेता, बजरी की सुविधा मिलती है, लेकिन कोठी पंचायत के नाम परियोजना के आसपास भूमि नाम पर नहीं होने से उन्हें प्रभावित क्षेत्र से बाहर किया है. जिसके चलते उन्हें परियोजनाओं का कोई भी लाभ नहीं मिल रहा है, जबकि कोठी पंचायत के श्मशान व आसपास की भूमि उनके क्षेत्र में आता है, लेकिन सेटलमेंट के दौरान कागजों में यह भूमि नाम पर नहीं चढ़ी है.

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