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किन्नौर की सड़कों पर उड़ रहे धूल के गुबार, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा

किन्नौर की सड़कों पर चल रहे वाइंडिंग के कार्य की वजह से इन दिनों वाहन चालकों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सड़कों पर उड़ती बेहिसाब धूल कभी भी बड़े हादसे का सबब बन सकती है.

किन्नौर की सड़कों पर अंधाधुंध धूल से वाहन चालक परेशान.
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Published : Oct 22, 2019, 11:27 AM IST

Updated : Oct 22, 2019, 2:55 PM IST

किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर की खतरनाक सड़कों में इन दिनों वाइंडिंग का कार्य चला हुआ है. एनएच विभाग व बीआरओ की तरफ से सड़क वाइंडिंग के दौरान अंधाधुंध ब्लास्टिंग की वजह से किन्नौर की सड़कों पर धूल के गुबार उड़ रहे हैं. धूल के कारण सड़क पर विजिबिलिटी कम होने के कारण सड़क हादसा होने का भी अंदेशा बना हुआ है.

किन्नौर की सड़कों पर जगह जगह खतरा (वीडियो).

सड़कों पर उड़ती बेहिसाब धूल से वाहन चालकों को ड्राइविंग में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सड़क पर अगले वाहन से उड़ी धूल के कारण पिछे चल रहे वाहन चालक को सड़क पर कुछ दिखाई नहीं देता. ऐसे में कई वाहन चालक दुर्घटना का शिकार होने से बाल-बाल बचे हैं.

बता दें कि किन्नौर को सड़कों पर उड़ती इस धूल से जहां लोगों को सांस और फेंफड़ों की बीमारियों का खतरा बना हुआ है. वहीं, धूल से इस वर्ष सेब की फसल को भी काफी नुकसान हुआ है, जिससे बागवानों को मंडी में सेब के अच्छे दाम भी नहीं मिले. सड़कों पर धूल उड़ने का सबसे बड़ा कारण सड़कों की मेटलिंग न करना है. वाइंडिंग के दौरान दोनों एनएच विभाग और बीआरओ ने सड़कों पर गिराई जा रही चट्टानों को हटाने के दौरान मेटलिंग की खराब हो रही है. ऐसे में लोगों व राहगीरों को सड़कों के किनारे खड़े होना भी मुश्किल हो गया है.

किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर की खतरनाक सड़कों में इन दिनों वाइंडिंग का कार्य चला हुआ है. एनएच विभाग व बीआरओ की तरफ से सड़क वाइंडिंग के दौरान अंधाधुंध ब्लास्टिंग की वजह से किन्नौर की सड़कों पर धूल के गुबार उड़ रहे हैं. धूल के कारण सड़क पर विजिबिलिटी कम होने के कारण सड़क हादसा होने का भी अंदेशा बना हुआ है.

किन्नौर की सड़कों पर जगह जगह खतरा (वीडियो).

सड़कों पर उड़ती बेहिसाब धूल से वाहन चालकों को ड्राइविंग में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सड़क पर अगले वाहन से उड़ी धूल के कारण पिछे चल रहे वाहन चालक को सड़क पर कुछ दिखाई नहीं देता. ऐसे में कई वाहन चालक दुर्घटना का शिकार होने से बाल-बाल बचे हैं.

बता दें कि किन्नौर को सड़कों पर उड़ती इस धूल से जहां लोगों को सांस और फेंफड़ों की बीमारियों का खतरा बना हुआ है. वहीं, धूल से इस वर्ष सेब की फसल को भी काफी नुकसान हुआ है, जिससे बागवानों को मंडी में सेब के अच्छे दाम भी नहीं मिले. सड़कों पर धूल उड़ने का सबसे बड़ा कारण सड़कों की मेटलिंग न करना है. वाइंडिंग के दौरान दोनों एनएच विभाग और बीआरओ ने सड़कों पर गिराई जा रही चट्टानों को हटाने के दौरान मेटलिंग की खराब हो रही है. ऐसे में लोगों व राहगीरों को सड़कों के किनारे खड़े होना भी मुश्किल हो गया है.

Intro:किन्नौर की सड़कों पर जगह जगह खतरा,एनएच पर उड़ती धूल में कर रहे लोग सफर ,नही थम रहा सड़को पर धूल का उड़ना।


जनजातीय जिला किन्नौर की खतरनाक सड़को में इन दिनों वाइंडिंग का कार्य चला हुआ है वाइंडिंग के इस कार्य मे एनएच विभाग व बीआरओ की तरफ से सड़क वाइंडिंग के दौरान अंधाधुन्द ब्लास्टिंग की जा रही है जिसके चलते किन्नौर की सड़कों पर धूल ही धूल है इस धूल में जब वाहन सड़को लर चलते है तो इतना धूल होता है कि अगले वाहन के उड़ाए हुए धूल के कारण पिछले वाहन को सड़क मार्ग नही दिखता,जिसके चलते वाहन चालकों को किन्नौर की सड़कों पर कई बार धोखा लगने से दुर्घटना होने से बाल बाल बचे है।



Body:बताते चले कि किन्नौर को सड़कों पर उड़ती इस धूल से जहां लोगो को बीमारियों का खतरा बना हुआ है ।


Conclusion:वही इस वर्ष सेब की फसल को भी सड़को की उड़ती धूल ने काफी नुकसान पहुँचाया है जिससे लोगो को सेब के अच्छे दाम भी मंडी में नही मिले सड़को पर धूल उड़ने का सबसे बड़ा कारण है सड़को की मेटलिंग न करना वाइंडिंग के दौरान दोनों विभागों द्वारा सड़को पर गिर रहे चट्टानों को हटाने के दौरान भी मेटलिंग की हालत खराब हो गयी और सड़कों पर अब धूल के अलावा और कुछ नही दिख रहा है ऐसे में लोगो को व राहगीरों को सड़कों के किनारे में खड़े होना बहुत मुश्किल काम हो गया है।
Last Updated : Oct 22, 2019, 2:55 PM IST
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