कांगडा: जिला कांगड़ा में लगातार मौसम बदल रहा है. जिससे किसानों के चेहरे पर शिकन साफ देखने को मिल रही है. इस समय किसानों की गेहूं की फसल पककर तैयार है और कई किसान तो अपनी फसलों को काटना भी शुरू कर चुके हैं. लेकिन मौसम के करवट बदलने से हो रही बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं व रबी फसलों को खासा नुकसान पहुंच रहा है. इसी के साथ कुछ किसानों ने अपनी फसल काट ली है, लेकिन बारिश होने के कारण उनकी फसल खेतों में ही खराब होने लगी है. इससे किसानों को अपने परिवार का पालन पोषण करने की भी चिंता सताने लगी है.
'धौलाधार पर्वत श्रृंखला पर हुआ ताजा हिमपात': वहीं, वीरवार की सुबह ही कांगड़ा जिला में धौलाधार पर्वत श्रृंखला पर काले बादलों ने डेरा जमा लिया और धौलाधार पर्वत श्रृंखला पर ताजा हिमपात शुरू हो गया है. जिला कांगड़ा के मैदानी इलाकों में तेज हवाओं के साथ तेज बारिश और ओलावृष्टि भी हुई. धौलाधार पर्वत श्रृंखला पर हुए ताजा हिमपात के कारण तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है.
'मौसम ने बढ़ाई किसानों की चिंता': इस बारे में जानकारी देते हुए कृषि विभाग के संयुक्त कृषि निदेशक डॉ. जीत सिंह ने कहा कि जिला कांगड़ा के ज्यादातर इलाकों में गेहूं की फसल की खेती की जाती है और इन दिनों में गेहूं की कटाई भी की जाती है. उन्होंने कहा कि यह इस बात पर निर्भर करता है कि जिला कांगड़ा की किस बेल्ट में कटाई कितनी की जा रही है. उन्होंने कहा कि जिला कांगड़ा की जो निचली बेल्ट जिसमें इंदौरा, नूरपुर, फतेहपुर, रेहन आदि क्षेत्र आते हैंस, इन जगहों पर 80 प्रतिशत गेहूं की कटाई का कार्य पूरा कर लिया गया है और धर्मशाला व कांगड़ा के आस-पास के जो इलाके आते हैं इस क्षेत्रों में अभी तीन चार दिन पहले ही कटाई का कार्य शुरू किया गया है.
'मौसम के अनुसार ही करें फसल की कटाई': डॉ. जीत सिंह ने कहा कि जिला कांगड़ा में पिछले कल और आज सुबह भी बारिश होते हुए देखने को मिली है इसी के साथ मौसम विभाग ने भी एक हफ्ते तक मौसम खराब रहने का अनुमान लगाया है. उन्होंने कहा कि वास्तव में ऐसा पाया गया है कि यह जो बारिश है यह एक दम से पूरे क्षेत्र में नहीं हो रही है और कुछ चुनिंदा जगहों पर कुछ-कुछ समय के लिए हो रही है. उन्होंने जिला कांगड़ा के किसानों से आग्रह करते हुए कहा कि मौसम विभाग द्वारा जारी की गई भविष्यवाणी के अनुसार ही अपनी फसलों की उतनी मात्रा व क्षेत्र की कटाई करें, जिसको अच्छे से रखने का भी प्रबंधन किया जा सके और नुकसान होने की संभावना को कम किया जा सके.
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