ज्वालामुखी: प्रदेश के ज्वालामुखी से झकजोर कर रख देने बाली एक वीडियो सामने आई है. जहां एक मां ब्रेन हैमरेज से जीवन और मौत के बीच अपनी आखिरी सांस ले रही है. सोशल मीडिया में वायरल हो रही इस वीडियो को पीड़ित मां की बेटी द्वारा बनाया गया है, जहां वह रो-रो कर अपने भाइयों की घर वापसी की मदद की गुहार लगा रही है.
ये परिवार ज्वालामुखी के वार्ड नम्बर एक का रहने वाला है, जहां शंकुतला देवी (59) पत्नी राम कृष्ण ब्रेन हैमरेज की बीमारी से ग्रस्त है और दुर्भाग्यवश उसके दोनों बेटे एक राजस्थान के जैसलमेर व दूसरा आंध्र प्रदेश में लॉकडाउन के बीच फंसे हैं.
वीडियो में मां बोल नहीं पा रही, लेकिन इशारों में ही अपने दोनों बेटों की शक्ल देखने को छटपटा रही है, जबकि लॉकडाउन के बीच अलग अलग राज्यों में फंसे उनके दोनों बेटे भी मां से लिपटने के लिए तरस रहे हैं. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में बीमार मां की बेटी बिलख-बिलख कर गुहार लगा रही है कि उसकी मां अपने बेटों को आखिरी बार देखना चाहती है कोई सहायता कर दो.
परिवार के अनुसार शंकुतला देवी को 5 दिन पहले खून की उल्टी होने के चलते ज्वालामुखी अस्पताल लाया गया था, जहां उसकी गम्भीर हालात को देखते हुए उसे टाण्डा मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया. परिवार के अनुसार यहां कोरोना के मरीज अस्पताल में आने के चलते उन्हें टांडा से भेज दिया गया व इसके बाद उन्होंने ज्वालामुखी स्तिथ एक निजी अस्पताल में शंकुतला देवी का सिटी स्कैन करवाया. जहां ब्रेन हेमरेज व उसके ऑपरेशन की बात कही गई.
परिजनों के अनुसार उन्होंने एक बार फिर पालमपुर स्तिथ एक अस्पताल में महिला को दिखाया जहां भी महिला को ब्रेन हैमरेज होने की बात कही. इस बीच महिला को 24 घण्टे यहां आईसीयू में भी रखा गया. बेटी के अनुसार उसकी मां को ब्रेनहेमरेज हुआ है और डॉक्टरों ने जिंदगी बचाने में पूरी तरह असमर्थतता व्यक्त की है. शंकुतला की बेटी शोभा देवी ने लगभग 15 सेकेंड की ये वीडियो टिकटॉक व फेसबुक पर शेयर की है जहां उसने अपने फोनों भाइयों को अपनी मां से मिलाने की फरियाद प्रशासन व लोगों से की है.
बीमार मां के बड़े बेटे आशीष की प्रशासन से भावात्मक अपील बीमार मां के बड़े बेटे आशीष चौधरी जो राजस्थान में लॉकडाउन के बीच फंसा है उससे ईटीवी भारत ने दूरभाष पर बात की तो उन्होंने भावात्मक होते हुए प्रदेश सरकार और जिला कांगड़ा प्रसाशन से गुहार लगाई है कि किसी न किसी तरह उन्हें अपनी बीमार मां तक पहुंचाया जाए, ताकि जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रही मां को देख सकूं.
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण उनकी जेब में मात्र 2 हजार रुपये बचे हैं. हिमाचल प्रदेश से राजस्थान की दूरी ज्यादा होने के चलते उनके पास कोई भी ऐसा प्रावधान नहीं है जिसके जरिए वह अपनी मां तक पहुंच सके. उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व ज्वालामुखी के स्थानीय विधायक रमेश धवाला से विनती की है को उन्हें किसी न किसी तरह अपनी मां के पास पहुंचाया जाए.
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