ज्वालामुखी/कांगड़ा: विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ मां ज्वालाजी के दरबार को जाने वाला मुख्य मंदिर मार्ग वीवीआईपी गाड़ियों का पार्किंग स्थल बनकर रह गया है. अव्यवस्था का आलम ये है कि मुख्य मंदिर मार्ग पर गाड़ियों की लगातार हो रही आवाजाही के चलते यहां श्रद्धालुओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
ऐसा कोई दिन नहीं है जिस दिन मुख्य मंदिर मार्ग पर गाड़ियों की आवाजाही न हो. हैरत की बात ये है कि गाड़ियों के प्रवेश को लेकर मंदिर प्रशासन की ओर से मुख्य मंदिर मार्ग के द्वार पर एक पुलिस कर्मचारी भी तैनात किया गया है. बावजूद इसके यहां गाड़ियां मुख्य मार्ग में प्रवेश हो रही हैं.
दरअसल मुख्य मन्दिर मार्ग में एक जगह पर बीते वर्ष यहां गाड़ियों की आवाजाही की रोकथाम के लिए बेरिकेड्स लगाए हुए थे, लेकिन उन्हें अब यहां से हटा दिया गया है. लिहाजा वीआईपी हो या वीवीआईपी या अन्य लोग वह अपने रुतबा दिखाकर मुख्य मंदिर मार्ग से गाड़ियां लेकर जा रहे हैं, जिनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है.
इस बारे मन्दिर अधिकारी जगदीश शर्मा का कहना है कि उनकी पूरी कोशिश रहती है कि मन्दिर मार्ग में गाड़ियों का प्रवेश न हो इसके बावजूद गाड़ियां मुख्य मार्ग से प्रवेश हो रही हैं तो इसको लेकर उचित दिशा निर्देश पुलिस कर्मचारियों को दिए जाएंगे. वहीं, प्रशासन श्रद्धालुओं को मूलभूत सुविधाएं देने में पूरी तरह से प्रयास कर रहा है, ताकि उन्हें किसी तरह की दिक्कतें यहां पेश न आएं.
पहले भी घट चुकी हैं कई घटनाएं
जानकारी के अनुसार बीते माह के दौरान एक राजस्थान से आया हुआ परिवार ज्वालाजी मां के दर्शनों के लिए मंदिर की ओर जा रहा था की इसी बीच मंदिर की ओर जा रही गाड़ियों में से एक गाड़ी के टायर के नीचे महिला का पैर आ गया. एकाएक गाड़ी के टायर की चपेट में आए पैर के बाद महिला ने चीख पुकार करके अपने पैर का बचाव किया.
वहीं, हादसा पेश होने के बाद यहां सभी लोगों का जमावड़ा लग गया था. घटना के बाद श्रद्धालुओं सहित कुछेक स्थानीय दुकानदारों ने इसके खिलाफ काफी रोष जताया. हालांकि इससे पहले भी मुख्य मार्ग पर कई इस तरह के हादसे पेश आ चुके हैं.
गाड़ियों की आवाजाही बंद करने की जिलाधीश से लगाई गुहार
गाड़ियों की आवाजाही के इस मामले को लेकर स्थानीय लोगों ने जिलाधीश कांगड़ा से मांग उठाई की मुख्य मंदिर मार्ग पर गाड़ियों की आवाजाही को बंद किया जाए. स्थानीय दुकानदारों का आरोप है कि इससे पहले भी मंदिर में दो बार इस तरह के हादसे पेश आ चुके हैं, लेकिन प्रशासन है कि मामले को गंभीरता से नहीं ले रहा है.