ज्वालामुखी/शिमला: ज्वालामुखी-शिमला नेशनल हाईवे पर उषा माता सराय के पास राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक कन्या पाठशाला ज्वालामुखी परिसर के सड़क किनारे सफेदे के बड़े पेड़ हैं, जो लगातार तूफान और बारिश के चलते सड़क की ओर झुक गए हैं. यह पेड़ आने वाले बरसात के दिनों में कभी भी नेशनल हाईवे और आसपास रहने वालों लोगों के घरों पर गिर सकते हैं, जिससे जानमाल का नुकसान हो सकता है.
ऐसे में प्रशासन को वन विभाग के सहयोग से इन वृक्षों की कटाई-छटाई करवानी चाहिए, जिससे किसी प्रकार की अनहोनी ना हो पाए. स्कूल के सामने लोगों के घर व दुकानें हैं. तेज हवा और भारी बारिश के समय इन लोगों की चिंता बढ़ जाती है.
स्थानीय निवासी चरणदास सूद ने बताया कि आसपास सफेदे के पेड़ों के नीचे से बिजली की हाई वोल्टेज तारें गुजरती हैं. तेज तूफान में पेड़ के साथ बिजली की तारें टूटकर जमीन पर गिरने से आसपास के घरों और दुकानों में करंट दौड़ सकता है, जिससे जानमाल को भारी खतरा पैदा हो सकता है.
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि कोरोना वायरस के कारण स्कूल बंद हैं और ऐसे में वन विभाग के सहयोग से इन पेड़ों की छांटनी की जानी चाहिए, जिससे किसी प्रकार का खतरा पैदा ना हो सके.
एसडीएम ज्वालामुखी अंकुश शर्मा ने कहा कि स्कूल के प्राचार्य को वन विभाग के सहयोग से इन पेड़ों की काट-छांट करने के निर्देश दिए जाएंगे, जिससे किसी को कोई नुकसान ना हो सके.
राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष रमेश धवाला ने कहा कि उन्होंने भी सड़क की ओर मुड़े हुए पेड़ों को देखा है. उन्होंने कहा कि वन विभाग को मौका पर जाकर समस्या का हल करने के निर्देश दिए जाएंगे, जिससे स्कूल को किसी प्रकार का खतरा ना रहे.
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