धर्मशाला: निर्वासित तिब्बती की ओर से आज ग्लोबल सिटी मैक्लोडगंज में अपना 110वां घोषित स्वतंत्रता दिवस मनाया गया. इसमें एसएफएफटी स्टूडेंट फॉर ए फ्री तिब्बत की राष्ट्रीय निदेशक तेनजिन लेकधेन ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की. इस दौरान निर्वासित तिब्बतियन संगठनों की ओर से अपनी पारंपरिक वेशभूषा पहनकर और अपने देश तिब्बत का झंडा उठाकर मैक्लोडगंज की गलियों में पैदल मार्च किया. इस दौरान इनकी ओर से कई रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए.
इस घोषित स्वतंत्रता दिवस की जानकारी देते हुए तेनजिन लेकधेन ने बताया कि उनके 13वें दलाईलामा ने साल 1913 में 13 फरवरी को तिब्बत को दुनियाभर का अलग देश घोषित किया और बाकायदा अपने राष्ट्र के तमाम प्रतीकात्मक चिन्हों को भी सार्वजनिक करते हुए सामने रखा. तभी से लेकर अब तक तमाम तिब्बतियन इस दिन को स्वतंत्रता दिवस के तौर पर मनाते चले आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि तिब्बत हमेशा से स्वायत्त देश था जिसका अपना झंडा, अपना राष्ट्रीय गान, अपने राष्ट्रीय प्रतीकात्मक चिन्ह थे, जिन्हें चीन ने हमेशा से नष्ट करने की कोशिश की और तिब्बत को चीन का हिस्सा बताते रहे जो कि सरासर गलत है.
उन्होंने कहा कि तिब्बती लोगों के लिए अपनी पहचान और संस्कृति को बनाए रखने के लिए तिब्बत देश की स्वतंत्रता की आशा महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि तिब्बत 13 फरवरी 1913 को एक आजाद देश के तौर पर घोषित किया गया था और आज दिन तक हम उसी घोषणा को अमलीजामा पहनाते चले आ रहे हैं. यही वजह है कि हर साल 13 फरवरी को स्वतंत्रता दिवस के तौर पर मनाया जाता है. इस मौके पर तिब्बती लोगों ने अपनी पारंपरिक ड्रेस पहन कर नाच गाकर अपना स्वतंत्रता दिवस मनाया.
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