धर्मशाला: फोरलेन निर्माण के लिए धर्मशाला वन मंडल के अंतर्गत आते एरिया के 3 हजार पेड़ कटेंगे. इनमें से सबसे अधिक पेड़ सिहुणी से राजोल पैकेज में हैं. यही नहीं ठानपुरी से परौर पैकेज में सबसे अधिक वन एरिया 8 हेक्टेयर फोरलेन की जद में आ रहा हैं. गौरतलब है कि जिला कांगड़ा से होकर दो फोरलेन गुजर रहे हैं, जिनमें पठानकोट से मंडी और मटौर-शिमला शामिल हैं. इन दोनों फोरलेन की जद में धर्मशाला वन मंडल के अंतर्गत आते वन क्षेत्र के तीन पैकेज आ रहे हैं. जिनमें सिहुणी से राजोल, चील बाहल भंगवार और ठानपुरी से परौर पैकेज शामिल हैं.
वन मंडल धर्मशाला के अंतर्गत सिहुणी से राजोल पैकेज में 7.23 हेक्टेयर, चील बाहल पैकेज में 2.3 हेक्टेयर, जबकि ठानपुरी से परौर पैकेज में 8 हेक्टेयर वन भूमि आ रही है. इन तीनों पैकेज के केस बनाकर वन विभाग ने मंत्रालय को भेज दिए थे, जिनमें से चील बाहल पैकेज को इन प्रिंसिपल अप्रूवल भी मिल चुकी है और इस पैकेज में कटने वाले पेड़ों की मार्किंग भी शुरू हो गई है. इस पैकेज में वन भूमि के 74 पेड़ आए हैं, जबकि ठानपुरी से परौर पैकेज में 780 और सिहुणी से राजोल पैकेज में सबसे अधिक 2400 पेड़ काटे जाएंगे. अमूमन जब केस बनाया जाता है, उसी समय पेड़ों की गिनती का कार्य भी किया जाता है. गिनती होने के बाद ही एजेंसी केस बनाती है. सभी पैकेज में पेड़ों की गिनती हो चुकी है. वहीं, चील बाहल पैकेज में फ्री-फैलिंग के लिए पेड़ों की मार्किंग का कार्य चल रहा है.
डीएफओ, वन मंडल धर्मशाला दिनेश शर्मा ने बताया कि जिला कांगड़ा से होकर गुजर रहे दो फोरलेन में धर्मशाला वन मंडल के अंतर्गत सिहुणी से राजोल, चील बाहल और ठानपुरी से परौर तक वन भूमि आई है. वन भूमि के केस बनाकर मंत्रालय को भेजे गए हैं, जिनमें चील बाहल वाले पैकेज की इन प्रिंसिपल अप्रूवल भी आ चुकी है. इन तीनों पैकेज में करीब वन भूमि के 3 हजार पेड़ काटे जाने हैं.