धर्मशाला: पर्यटन नगरी धर्मशाला के चाय बागानों में पत्तियों के तुड़ाई का कार्य शुरू हो चुका है. चाय उद्योग प्रबंधन ने इस वर्ष 1.55 लाख किलोग्राम चाय उत्पादन का टारगेट तय किया है. हालांकि ठंड और रात के समय तापमान कम होने के चलते चाय के पौधों की पत्तियों की ग्रोथ स्लो हो जाती है, लेकिन प्रबंधन की मानें तो ठंड के साथ हो रही बारिश चाय के लिए फायदेमंद होती है. उधर, धर्मशाला से विदेश भेजी जाने वाली चाय में कोविड-19 के बाद कमी आई है, जबकि इस बार उद्योग प्रबंधन को पूरी उम्मीद है कि विदेश से भी धर्मशाला चाय की डिमांड में इजाफा होगा.
पहले चिंता अब बढ़ोतरी की उम्मीद: धर्मशाला चाय उद्योग के बागान 65 हेक्टेयर में फैले हुए हैं. हालांकि 10-15 दिन पहले शुष्क मौसम ने चाय उत्पादकों की चिंता बढ़ा दी थी, लेकिन पिछले एक सप्ताह से हो रही बारिश से अच्छा उत्पादन की उम्मीद बंधी है. यही वजह है कि पिछले वर्ष 1.46 लाख किलोग्राम उत्पादन के मुकाबले इस मर्तबा 1.55 लाख किलोग्राम चाय उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है.
प्रतिदिन होती है चाय टेस्टिंग: धर्मशाला के विभिन्न चाय बागानों से जो चाय पत्तियों के लॉट आते हैं, उनसे चाय तैयार करके प्रतिदिन टेस्टिंग की जाती है. 1625 कनाल में फैले इन चाय बागानों में अलग-अलग मजदूरों द्वारा पत्तियों की तुड़ाई की जाती है. इनसे तैयार अलग-अलग चाय को टेस्ट भी किया जाता है.
विदेश भेजे जाते हैं लॉटस के सैंपल: धर्मशाला की चाय विदेश में भी भेजी जाती है. विशेषकर यूरोप के जर्मन, फ्रांस और इंग्लैंड में धर्मशाला चाय निर्यात होती है. चाय उद्योग की ओर से विदेश में पहले विभिन्न लॉटस के सैंपल भेजे जाते हैं, जिसके विदेश में क्वालिटी पैरामीटर परखे जाते हैं. उसके उपरांत विदेश से चाय के लिए ऑर्डर किए जाते हैं.
रिटेल सेलिंग में ज्यादा मुनाफा: रिटेल में चाय बेचने से अच्छा मुनाफा होता है. चाय की प्रमोशन के लिए सरकार के साथ टी-बोर्ड ऑफ इंडिया के पालमपुर स्थित कार्यालय की ओर से भी प्रयास किए जाते हैं. वहीं, चाय उद्योग संचालक अपने स्तर पर भी चाय की रिटेल सेलिंग के लिए काउंटर स्थापित करते हैं. उद्योग प्रबंधक का कहना है कि रिटेल सेल में अच्छा मुनाफा हो जाता है.
धर्मशाला चाय उद्योग के मैनेजर अमन पाल सिंह ने बताया कि फैक्टरी में चाय उत्पादन शुरू हो चुका है. इस साल 1.55 लाख किलोग्राम उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. ठंड में लीफ की ग्रोथ स्लो हो जाती है, लेकिन ठंड के साथ हो रहा स्नोफॉल लाभकारी है. कोविड के बाद विदेश से धर्मशाला चाय की डिमांड घटी है, लेकिन इस मर्तबा डिमांड बढ़ने की संभावना है.
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