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GST फ्रॉड करने पर निजी कंपनी पर लगा 9.86 करोड़ का जुर्माना, आबकारी विभाग की कार्रवाई - gst fraud in kangra

कांगड़ा के डमटाल में जीएसटी फ्रॉड का एक मामला सामने आया है. जीएसटी फ्रॉड करने पर 9.86 करोड़ का जुर्माना लगाया है.

Private company fined 9.86 crores for GST fraud IN damtal kangra
GST फ्रॉड करने पर निजी कंपनी पर लगा 9.86 करोड़ का जुर्माना
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Published : Mar 7, 2021, 7:55 PM IST

धर्मशाला: कांगड़ा के डमटाल में जीएसटी फ्रॉड का एक मामला सामने आया है. एल्यूमिनियम सीट व फाइल बनाने वाली एक निजी कंपनी पर 9.86 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है. सहायक आयुक्त राज्य कर व आबकारी डमटाल बाबूराम नेगी ने बताया डमटाल में एल्यूमिनयम सीट एवं फाइल बनाने वाली एक बड़ी कंपनी पर विभाग ने कार्रवाई की है. जीएसटी फ्रॉड करने पर 9.86 करोड़ का जुर्माना लगाया है.

कंपनी आईटीसी से ही कर रही टैक्स की अदायगी

बता दें जब से जीएसटी शुरू हुआ है, तब से यह कंपनी अपनी टैक्स की अदायगी आईटीसी से ही कर रही है. टैक्स के रूप में नकद कुछ भी जमा नहीं किया जा रहा था. विभाग को शक था कि कंपनी फर्जी तरीके से आईटीसी इकट्ठा कर टैक्स देने से बच रही है. डायरेक्टर जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस से भी एक पत्र प्राप्त हुआ, जिसमें दिल्ली स्थित किसी फर्जी कंपनी द्वारा डमटाल स्थित इस कंपनी को बिना बिल के माल की सप्लाई करने के बारे में जांच के लिए कहा गया था. इस पर कार्रवाई करते हुए यह आदेश दिए गए हैं.

विभाग ने किया था औचक निरीक्षण

सहायक आयुक्त बाबूराम नेगी की ओर से एक निरीक्षण दल का गठन किया गया. इसमें एएसटीईओ राकेश कुमार, बलदेव ठाकुर, जयप्रकाश, सुनील कुमार शामिल थे. सहायक आयुक्त ने 29 दिसंबर 2020 को कंपनी के परिसर का औचक निरीक्षण किया गया. जुलाई 2017 से दिसंबर 2020 तक से संबंधित सारे बिल को जब्त कर लिया गया.

रिकॉर्ड की छानबीन करने के बाद पता चला कि डमटाल स्थित इस कंपनी ने दिल्ली स्थित किसी कंपनी से वर्ष 2017-18 के दौरान 19,10,957,69 रुपये का कच्चा माल खरीदा. इस पर 29150199 का आईटीसी लाभ ले लिया, लेकिन खरीदा गया यह कच्चा माल वास्तव में कभी डमटाल स्थित इस कंपनी में आया ही नहीं. केवल आईटीसी प्राप्त करने के लिए बिल काटा गया था.

फर्जी कंपनी का जीएसटी नंबर किया कैंसिल

इसी तरह डमटाल से भी एक फर्जी कंपनी बनाई थी. इससे फर्जी तरीके 2018-19 से दिसंबर 2020 तक 4435483 रुपये का आईटीसी लिया गया. जांच के बाद इस तरह यह तथ्य सामने आने के पश्चात कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया और कंपनी के क्रेडिट लेजर को ब्लॉक कर दिया गया. इसके परिणाम स्वरूप कंपनी ने फरवरी माह में टैक्स के रूप में 4307612 रुपये नकद जमा किए. इस कंपनी द्वारा बनाई गई फर्जी कंपनी का जीएसटी नंबर कैंसिल कर दिया गया.

कंपनी ने 26 फरवरी 2021 को नोटिस का जवाब दाखिल किया. इसे सहायक आयुक्त बाबूराम नेगी ने खारिज करते हुए कंपनी पर 98670981 रुपये का जुर्माना लगाया और कंपनी को जुर्माने की राशि पांच अप्रैल 2021 तक जमा करने के आदेश पारित किए.

आईटीसी फ्रॉड करने पर 6.11 करोड़ रुपये का नोटिस

जांच की इसी कड़ी में डमटाल स्थित एक अन्य दूसरी कंपनी को भी आईटीसी का फ्रॉड करने पर 6.11 करोड़ रुपये का नोटिस भेजा गया है और इस कंपनी का भी क्रेडिट लेजर ब्लॉक कर दिया है. इस कारण कंपनी ने फरवरी में जीएसटी के रूप में 7981044 रुपये कैश में जमा किया.

इस कंपनी के बारे में अध्ययन कर जांच की जा रही है. कंपनी द्वारा दाखिल जवाब में दिए गए सभी तथ्यों को समझने के पश्चात जुर्माने का आदेश किया जाएगा. डिप्टी कमिश्नर राज्य कर व आबकारी विभाग टिक्कम ठाकुर ने बताया कि इन कंपनियों को टैक्स चोरी करने के मामले में जुर्माना लगाया गया है. अगर कोई भी कंपनी इस प्रकार का फ्रॉड करती है तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

ये भी पढ़ें- अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला पुलिस दिखाएगी अपना दमखम

धर्मशाला: कांगड़ा के डमटाल में जीएसटी फ्रॉड का एक मामला सामने आया है. एल्यूमिनियम सीट व फाइल बनाने वाली एक निजी कंपनी पर 9.86 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है. सहायक आयुक्त राज्य कर व आबकारी डमटाल बाबूराम नेगी ने बताया डमटाल में एल्यूमिनयम सीट एवं फाइल बनाने वाली एक बड़ी कंपनी पर विभाग ने कार्रवाई की है. जीएसटी फ्रॉड करने पर 9.86 करोड़ का जुर्माना लगाया है.

कंपनी आईटीसी से ही कर रही टैक्स की अदायगी

बता दें जब से जीएसटी शुरू हुआ है, तब से यह कंपनी अपनी टैक्स की अदायगी आईटीसी से ही कर रही है. टैक्स के रूप में नकद कुछ भी जमा नहीं किया जा रहा था. विभाग को शक था कि कंपनी फर्जी तरीके से आईटीसी इकट्ठा कर टैक्स देने से बच रही है. डायरेक्टर जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस से भी एक पत्र प्राप्त हुआ, जिसमें दिल्ली स्थित किसी फर्जी कंपनी द्वारा डमटाल स्थित इस कंपनी को बिना बिल के माल की सप्लाई करने के बारे में जांच के लिए कहा गया था. इस पर कार्रवाई करते हुए यह आदेश दिए गए हैं.

विभाग ने किया था औचक निरीक्षण

सहायक आयुक्त बाबूराम नेगी की ओर से एक निरीक्षण दल का गठन किया गया. इसमें एएसटीईओ राकेश कुमार, बलदेव ठाकुर, जयप्रकाश, सुनील कुमार शामिल थे. सहायक आयुक्त ने 29 दिसंबर 2020 को कंपनी के परिसर का औचक निरीक्षण किया गया. जुलाई 2017 से दिसंबर 2020 तक से संबंधित सारे बिल को जब्त कर लिया गया.

रिकॉर्ड की छानबीन करने के बाद पता चला कि डमटाल स्थित इस कंपनी ने दिल्ली स्थित किसी कंपनी से वर्ष 2017-18 के दौरान 19,10,957,69 रुपये का कच्चा माल खरीदा. इस पर 29150199 का आईटीसी लाभ ले लिया, लेकिन खरीदा गया यह कच्चा माल वास्तव में कभी डमटाल स्थित इस कंपनी में आया ही नहीं. केवल आईटीसी प्राप्त करने के लिए बिल काटा गया था.

फर्जी कंपनी का जीएसटी नंबर किया कैंसिल

इसी तरह डमटाल से भी एक फर्जी कंपनी बनाई थी. इससे फर्जी तरीके 2018-19 से दिसंबर 2020 तक 4435483 रुपये का आईटीसी लिया गया. जांच के बाद इस तरह यह तथ्य सामने आने के पश्चात कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया और कंपनी के क्रेडिट लेजर को ब्लॉक कर दिया गया. इसके परिणाम स्वरूप कंपनी ने फरवरी माह में टैक्स के रूप में 4307612 रुपये नकद जमा किए. इस कंपनी द्वारा बनाई गई फर्जी कंपनी का जीएसटी नंबर कैंसिल कर दिया गया.

कंपनी ने 26 फरवरी 2021 को नोटिस का जवाब दाखिल किया. इसे सहायक आयुक्त बाबूराम नेगी ने खारिज करते हुए कंपनी पर 98670981 रुपये का जुर्माना लगाया और कंपनी को जुर्माने की राशि पांच अप्रैल 2021 तक जमा करने के आदेश पारित किए.

आईटीसी फ्रॉड करने पर 6.11 करोड़ रुपये का नोटिस

जांच की इसी कड़ी में डमटाल स्थित एक अन्य दूसरी कंपनी को भी आईटीसी का फ्रॉड करने पर 6.11 करोड़ रुपये का नोटिस भेजा गया है और इस कंपनी का भी क्रेडिट लेजर ब्लॉक कर दिया है. इस कारण कंपनी ने फरवरी में जीएसटी के रूप में 7981044 रुपये कैश में जमा किया.

इस कंपनी के बारे में अध्ययन कर जांच की जा रही है. कंपनी द्वारा दाखिल जवाब में दिए गए सभी तथ्यों को समझने के पश्चात जुर्माने का आदेश किया जाएगा. डिप्टी कमिश्नर राज्य कर व आबकारी विभाग टिक्कम ठाकुर ने बताया कि इन कंपनियों को टैक्स चोरी करने के मामले में जुर्माना लगाया गया है. अगर कोई भी कंपनी इस प्रकार का फ्रॉड करती है तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

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