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कोविड एसओपी के साथ होगा नवरात्रों का आयोजन, मां ज्वालामुखी के गर्भगृह में नहीं चढ़ा सकेंगे नारियल

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Published : Apr 2, 2021, 10:29 AM IST

कांगड़ा के विश्वप्रसिद्ध शक्तिपीठ ज्वालामुखी में कोरोना की एसओपी के साथ नवरात्रों का आयोजन किया जाएगा. हालांकि, इस बार कई चीजों पर प्रतिबंध रहेगा. इस बार लंगर की व्यवस्था पूरी तरह बंद रहेगी. लेकिन, होटल्स और सराय में लोगों को ठहरने की इजाजत मिल गई है. इसके अलावा माता के गर्भगृह में नारियल चढ़ाने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है. कोरोना संक्रमण से बचने के लिए मास्क लगाना आवश्यक होगा.

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ज्वालामुखी: विश्वप्रसिद्ध शक्तिपीठ ज्वालामुखी में 13 से 22 अप्रैल तक मनाए जाने वाले चैत्र नवरात्रों में इस बार लंगर की व्यवस्था पूरी तरह बंद रहेगी. हालांकि, होटल्स और सराय में अन्य राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं के ठहराने के लिए प्रशासन ने मंजूरी दे दी है. धार्मिक नगरी में नवरात्रों के दौरान जोरदार भीड़ उमड़ती है. इसलिए कोरोना संक्रमण से बचने के लिए मास्क लगाना सख्ती से लागू किया जाएगा.

माता के गर्भगृह में नारियल चढ़ाने पर प्रतिबंध

गुरुवार को मन्दिर न्यास द्वारा नवरात्रों की व्यवस्थाओं को लेकर बैठक बुलाई गई. बैठक में नवरात्रों के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के लिए अतरिक्त पुलिस बल मंगवाने और यातायात व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए विशेष प्रबंध करने की सहमति हुई. मन्दिर में श्रद्धालुओं द्वारा ढोल नगाड़ों के साथ झुंडों में चलने की पूरी पाबंदी रहेगी. हालांकि, श्रद्धालु भोग प्रसाद मन्दिर तक ले जा पाएंगे. लेकिन माता के गर्भगृह में नारियल के चढ़ावे पर प्रतिबंध रहेगा.

मंदिर परिसर में भिखारियों पर बढ़ेगी सख्ती

प्रशासन ने तय किया है कि मन्दिर गर्मियों की समय सारिणी के अनुसार खुलेगा और बन्द होगा. लेकिन भीड़ बढ़ी तो माता के कपाट 24 घंटे खोलने से भी प्रशासन पीछे नहीं हटेगा. कोई भी श्रद्धालु किसी तरह का तेजधार हथियार मन्दिर परिसर तक नहीं ले जा सकता. नवरात्रों में क्योंकि मुंडन इत्यादि की भीड़ रहती है तो कोविड के कारण मुंडन ग्रह में भी सरकार द्वारा जारी एसओपी का पालन किया जाएगा. प्रशासन ने तय किया है कि नवरात्रों में भीड़ के बीच श्रद्धालुओं से जबरन भिक्षा मांगने वालों पर सख्ती से निपटा जाएगा. सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी भिखारी मन्दिर परिसर या नगर में नजर ना आए.

पहले नवरात्र से लागू की जाएगी धारा 144

प्रशासन ने कहा है कि महामारी के दौरान हो रहे नवरात्रों में सफाई व्यवस्था सबसे अहम है. शहर के गली कूचों के अलावा खाने पीने की चीजों में भी विषेश एहतिहात बरता जाएगा. स्वास्थ्य विभाग को इस बार सख्ती के निर्देश हुए हैं. किसी तरह के आपातकाल के लिए नगर में कंट्रोल रूम बनाये जाएंगे. यात्रियों की सुविधा के लिए पुलिस सहायता कक्ष 24 घण्टे खुला रहेगा. सुरक्षा के मद्देनजर नगर को चार सेक्टर में बांटा जाएगा. पहले नवरात्र से ही धार्मिक नगरी में धारा 144 लागू की जाएगी.

एसओपी के तहत होगा नवरात्रों का आयोजन

बैठक में मन्दिर के सहायक आयुक्त धनवीर ठाकुर के अलावा मन्दिर न्यास के सभी 9 गैर सरकारी सदस्य, डीएसपी तिलक राज शांडिल, बीएमओ प्रवीण कुमार, होटलों और सरायों के प्रबंधक, नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी हितेश शर्मा और अन्य विभागों के आलाधिकारी मौजूद रहे. एसडीएम ज्वालाजी धनवीर ठाकुर ने कहा कि नवरात्र कोविड नियमों की पालना करते हुए धूमधाम से मनाए जाएंगे. मन्दिर प्रशासन एसओपी के तहत पूरी सतर्कता के साथ नवरात्रों का आयोजन करवाएगा. समय अनुसार सरकार जिन-जिन व्यवस्थाओं को बदलने को कहेगी वो बदली जाएंगी.

ये भी पढ़ें: पोस्टमार्टम रिपोर्ट से भी नहीं सुलझा रहस्य, बीमारी के कारण ही जीवन से निराश थे सांसद रामस्वरूप

ज्वालामुखी: विश्वप्रसिद्ध शक्तिपीठ ज्वालामुखी में 13 से 22 अप्रैल तक मनाए जाने वाले चैत्र नवरात्रों में इस बार लंगर की व्यवस्था पूरी तरह बंद रहेगी. हालांकि, होटल्स और सराय में अन्य राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं के ठहराने के लिए प्रशासन ने मंजूरी दे दी है. धार्मिक नगरी में नवरात्रों के दौरान जोरदार भीड़ उमड़ती है. इसलिए कोरोना संक्रमण से बचने के लिए मास्क लगाना सख्ती से लागू किया जाएगा.

माता के गर्भगृह में नारियल चढ़ाने पर प्रतिबंध

गुरुवार को मन्दिर न्यास द्वारा नवरात्रों की व्यवस्थाओं को लेकर बैठक बुलाई गई. बैठक में नवरात्रों के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के लिए अतरिक्त पुलिस बल मंगवाने और यातायात व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए विशेष प्रबंध करने की सहमति हुई. मन्दिर में श्रद्धालुओं द्वारा ढोल नगाड़ों के साथ झुंडों में चलने की पूरी पाबंदी रहेगी. हालांकि, श्रद्धालु भोग प्रसाद मन्दिर तक ले जा पाएंगे. लेकिन माता के गर्भगृह में नारियल के चढ़ावे पर प्रतिबंध रहेगा.

मंदिर परिसर में भिखारियों पर बढ़ेगी सख्ती

प्रशासन ने तय किया है कि मन्दिर गर्मियों की समय सारिणी के अनुसार खुलेगा और बन्द होगा. लेकिन भीड़ बढ़ी तो माता के कपाट 24 घंटे खोलने से भी प्रशासन पीछे नहीं हटेगा. कोई भी श्रद्धालु किसी तरह का तेजधार हथियार मन्दिर परिसर तक नहीं ले जा सकता. नवरात्रों में क्योंकि मुंडन इत्यादि की भीड़ रहती है तो कोविड के कारण मुंडन ग्रह में भी सरकार द्वारा जारी एसओपी का पालन किया जाएगा. प्रशासन ने तय किया है कि नवरात्रों में भीड़ के बीच श्रद्धालुओं से जबरन भिक्षा मांगने वालों पर सख्ती से निपटा जाएगा. सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी भिखारी मन्दिर परिसर या नगर में नजर ना आए.

पहले नवरात्र से लागू की जाएगी धारा 144

प्रशासन ने कहा है कि महामारी के दौरान हो रहे नवरात्रों में सफाई व्यवस्था सबसे अहम है. शहर के गली कूचों के अलावा खाने पीने की चीजों में भी विषेश एहतिहात बरता जाएगा. स्वास्थ्य विभाग को इस बार सख्ती के निर्देश हुए हैं. किसी तरह के आपातकाल के लिए नगर में कंट्रोल रूम बनाये जाएंगे. यात्रियों की सुविधा के लिए पुलिस सहायता कक्ष 24 घण्टे खुला रहेगा. सुरक्षा के मद्देनजर नगर को चार सेक्टर में बांटा जाएगा. पहले नवरात्र से ही धार्मिक नगरी में धारा 144 लागू की जाएगी.

एसओपी के तहत होगा नवरात्रों का आयोजन

बैठक में मन्दिर के सहायक आयुक्त धनवीर ठाकुर के अलावा मन्दिर न्यास के सभी 9 गैर सरकारी सदस्य, डीएसपी तिलक राज शांडिल, बीएमओ प्रवीण कुमार, होटलों और सरायों के प्रबंधक, नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी हितेश शर्मा और अन्य विभागों के आलाधिकारी मौजूद रहे. एसडीएम ज्वालाजी धनवीर ठाकुर ने कहा कि नवरात्र कोविड नियमों की पालना करते हुए धूमधाम से मनाए जाएंगे. मन्दिर प्रशासन एसओपी के तहत पूरी सतर्कता के साथ नवरात्रों का आयोजन करवाएगा. समय अनुसार सरकार जिन-जिन व्यवस्थाओं को बदलने को कहेगी वो बदली जाएंगी.

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