धर्मशाला: कांगड़ा का वन स्टॉप सेंटर यानी ‘सखी’ केंद्र मनचलों के रडार (Sakhi Kendra Dharamshala) पर है. दरअसल इस वन स्टॉप सेंटर पर काम करने वाली महिलाएं मनचलों के फोन कॉल्स से परेशान हैं. रोजाना औसतन 3 से 4 ऐसे कॉल आते हैं, जिनका किसा शिकायत या समस्या से कोई सरोकार नहीं होता. मनचले फोन करके इन महिलाओं से बदतमीजी करते हैं और ये समस्या लगभग रोज की है. सखी केंद्र के लैंडलाइन के अलावा महिलाओं के मोबाइल नंबर सोशल मीडिया अस्पताल या अन्य जगहों पर दिए गए हैं ताकि जरूरतमंद महिलाओं की पहुंच वन स्टॉप सेंटर तक हो सके लेकिन कुछ मनचले इन नंबर्स पर कॉल करके सखी केंद्र की महिलाओं को तंग करते हैं.
62 मनचलों का रिकॉर्ड : सखी केंद्र की प्रशासक निशा भार्गव के मुताबिक ये केंद्र साल 2018 में शुरू किया गया था, लेकिन पूरा स्टाफ 2021 से मिला. अभी 9 महिलाएं यहां काम करती हैं. 2021 से ही मनचले फोन करके महिला स्टाफ को तंग करते हैं. वैसे तो यहां हर कॉल रिकॉर्ड किया जाता है लेकिन सखी केंद्र की तरफ से ऐसे 62 कॉल रिकॉर्ड किए गए हैं, जो शिकायत देने के लिए नहीं बल्कि महिला स्टाफ को परेशान करने के लिए किए गए हैं. महिलाओं की मदद के लिए बने सखी केंद्र में रोज कई कॉल्स आते हैं, जिनमें से कुछ शिकायतें तो वाजिब होती हैं लेकिन कुछ शिकायतें इस तरह की आती हैं, जिसमें लगता है कि सामने वाला सिर्फ टाइम पास करना चाह रहा हो. उसकी शिकायतों का कोई आधार नजर नहीं आता.
मनचलों से परेशान कांगड़ा का सखी केंद्र- निशा भार्गव के मुताबिक रोजाना ऐसे 3 से 4 कॉल आती हैं लेकिन महिला स्टाफ की तरफ से उन्हें या तो समझा दिया जाता है या फिर नंबर ब्लॉक कर देते हैं. सखी केंद्र की ओर से इस संदर्भ में कोई भी शिकायत पुलिस विभाग को नहीं दी गई है. निशा भार्गव बताती हैं कि वो अपने स्तर पर ही ऐसे कॉल्स को हैंडल करते हैं. उनके मुताबिक ऐसे मनचलों को समझाने के अलावा हमारे पास कोई और चारा नहीं है, कामकाज के चलते ऐसे कॉल्स को नजरअंदाज करना पड़ता है, लेकिन 62 फोन का रिकार्ड सेंटर में दर्ज है.
2015 में शुरू हुई योजना: वन स्टॉप सेंटर योजना 1 अप्रैल 2015 को केंद्र सरकार ने शुरू की थी. इस योजना के तहत किसी भी तरह की हिंसा से प्रभावित महिलाओं को एक ऐसा प्लेटफॉर्म मुहैया करवाना था जहां से पीड़ित महिला को मेडिकल सुविधा से लेकर पुलिस में मामला दर्ज करवाने तक की मदद दी जाती है. यह योजना मूल रूप से ‘सखी’ के नाम से जानी जाती है और इन केंद्रों को वन स्टॉप सेंटर या ऊषा किरण केंद्र भी कहते हैं. जहां पीड़ित महिलाएं फोन करके मदद ले सकती हैं. ये महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार की महत्वकांक्षी योजना है. जिसके तहत हिंसा से पीड़ित महिलाओं एवं बच्चियों को एक ही स्थान पर अस्थाई आश्रय, पुलिस-डेस्क, विधि सहायता, चिकित्सा एवं काउंसलिंग की सुविधा प्रदान की जाती है.
2021 से अब तक कितने मामले- कांगड़ा का वन स्टॉप सेंटर में साल 2021 से अब तक महिलाओं से जुड़ी हिंसा या सहायता के लिए 75 केस आए. जिसमें से 30 मामलों को थाने तक पहुंचाया गया. हर फोन कॉल इस सेंटर में रिकॉर्ड किया जाता है. अधिक से अधिक पीड़ित महिलाएं सामने आकर वन स्टॉप सेंटर की मदद लें, इसके लिए सखी केंद्र और इसमें कार्यरत महिलाओं के नंबर सोशल मीडिया से लेकर वेबसाइट, अस्पताल, पुलिस स्टेशन जैसी जगहों पर दिए जाते हैं. ऐसी ही जगहों से कुछ मनचले सखी केंद्र में कार्यरत महिलाओं का मोबाइल नंबर लेकर उन्हें तंग करते हैं.