कांगड़ा/ज्वाली: उपमंडल ज्वाली की ग्राम पंचायत मतलाहड़ के गांव जैसर में ठेकेदार द्वारा जनता की आस्था व श्रद्धा के प्रतीक पीपल के पेड़ों को काटने का मामला सामने आया है. गांव के लोगों ने बताया कि एक ठेकेदार द्वारा पीपल के तीन पेड़ों को काटा गया है, जबकि पीपल व वटवृक्ष के पेड़ को काटना प्रतिबंधित है.
गांववासियों ने कहा कि पीपल के पेड़ों को काटने से पीपल में आस्था रखने वाले लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है. वहीं, ठेकेदार की मनमानी भी देखने को मिली है. आखिरकार किसकी अनुमति से पीपल के पेड़ों को काटा गया है और किसने इन पीपल के पेड़ों को कटवाया है.
लेबर के साथ मौके से ठेकेदार गायब
गांववासियों ने कहा कि इसकी सूचना वन विभाग कार्यालय जवाली में दी गई थी, लेकिन शाम तक कोई भी वन विभाग का अधिकारी या कर्मचारी मौका पर नहीं पहुंचा. वन विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों ने इस कार्रवाई को ठंडे बस्ते में डाल दिया. ठेकेदार भी भनक लगते ही लेबर को लेकर मौका से रफू चक्कर हो गया.
ठेकेदार और जमीन मालिकों के खिलाफ मामल दर्ज करने की मांग
गांववासियों ने मांग की कि पीपल के पेड़ों को काटने वाले ठेकेदार सहित जिसकी जमीन से काटे गए हैं, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए ताकि आने वाले समय में ऐसी घटना ही घटित न होने पाए. इसके साथ लोगों ने वन मंत्री राकेश पठानिया से भी आग्रह किया है कि कोताही बरतने वाले वन विभाग जवाली के कर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई अमल में लाई जाए.
जब इस बारे बीओ जवाली संजय शर्मा से फोन पर संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि हमने अधिनियम 1978 एलपीए के तहत प्राइवेट भूमि से तीन कटे गए पीपल के पेड़ों का 1500 रुपये जुर्माना डालकर विभाग में जमा कर लिया है.
पढ़ें: धर्मशाला: केंद्रीय विश्वविद्यालय के 5 छात्रों ने की नेट जेआरएफ की परीक्षा पास
पढ़ें: पालमपुर: किसी भी सामाजिक समारोह और शादी के आयोजन से पूर्व SDM की अनुमति अनिवार्य